कोरिया: मनेंद्रगढ़ के पीडब्लूडी ऑफिस में इन दिनों बाउंड्री वाल निर्माण का कार्य चल रहा है. जिसमें नाबालिग बच्चों से काम कराया जा रहा है. इस काम में कार्यरत मजदूरों में 4-5 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. बच्चों ने कहा कि दिन भर तपती धूप में काम कराकर 150 से 200 रुपये दिन के हिसाब से दिया जाता है. सबसे बड़ी बात बाउंड्री वाल का निर्माण पीडब्ल्यूडी आफिस में किया जा रहा है. जहां लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी ऋषि मेश्राम का घर भी है. वे रोजाना नाबालिग बच्चों को काम करता देखते ही होंगे. लेकिन उन्होंने इतनी भी जहमत नहीं उठाई कि बाल मजदूरी कराने के लिए ठेकेदार को मना कर सकते.
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी इन निर्माणकार्यों के दौरान उपस्थित होकर भी अनुपस्थित रहते हैं. मतलब देखकर भी काम को अनदेखा कर देते हैं. पूरा जिम्मा ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिया जाता है. इसलिए यहां इन ठेकेदारों की मनमानी चल रही है. जबकि नियम के मुताबिक इंजीनियर और अधिकारियों को कार्य स्थल का निरीक्षण करना जरूरी है. निरीक्षण नहीं करने से काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं.
200 रुपये दी जा रही मजदूरी
नेशनल हाई-वे 43 के किनारे नाली निर्माण का काम भी किया जा रहा है. नाली निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ऑफिस का बाउंड्री वाल भी तोड़ा गया था. जिसका टेंडर निकाला गया. ठेकेदार ने कम लागत में काम को पूरा कर ज्यादा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से सरकारी काम में नाबालिग बच्चों को काम में लगा लिया. जहां उनकी रोजी 200 रुपये तय की गई है. इस बात को हम नहीं बल्कि खुद काम में लगे नाबालिग बता रहे हैं.
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हो सकता है 50 हजार तक का जुर्माना
श्रम विभाग का नियम है जिसमें 14 से 18 साल के नाबालिग मजदूरों से मुख्य प्रतिबंधित क्षेत्र-ईंट भट्ठा, खपरैल निर्माण, निर्माण कार्य, पत्थर खदानों जैसी जगहों पर काम नहीं लिया जा सकता है. ऐसा पाए जाने पर ठेकेदार या संबंधित व्यक्ति पर 20 हजार से 50 हजार रुपये का जुर्माना और 3 साल की सजा या फिर दोनों तरह की कार्रवाई की जा सकती है.
समय-समय पर करते हैं सर्वे
ब्लॉक इंस्पेक्टर गोपी सिंह का कहना है कि श्रम विभाग समय-समय पर पूरे जिले में सर्वे करता है. उन्होंने कहा कि 18 से कम उम्र के बच्चों से खतरनाक क्षेत्र में काम कराया जा रहा है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी.