कोरिया: भरतपुर के सेमरिया ग्राम पंचायत में लॉकडाउन के दौरान को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. जहां प्रवासी मजदूरों को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ठहराया गया था, लेकिन प्रवासी मजदूरों ने स्कूल को खंडर में तब्दील कर दिया. मजदूरों ने स्कूल में मौजूद किताब, टेबल, कुर्सी समेत अन्य सामग्रियों को नुकसान पहुंचाया है. जबकि सरपंच और सचिव ने मजदूरों को रहने-खाने समेत सभी सुविधाओं का ध्यान रखा, बावजूद इसके प्रवासी मजदूरों ने स्कूल में तोड़फोड़ की है.
जानकारी के मुताबिक भरतपुर के पनियाला गांव में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में मध्यप्रदेश के मजदूरों को ठहराया गया था, लेकिन मजदूरों ने स्कूल में मौजूद सामान को नुकसान पहुंचाया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जब स्कूल का निरीक्षण किया, तो वहां बदहाली देखने को मिली. स्कूल में रखी टेबल, कुर्सी समेत अन्य वस्तुओं में तोड़फोड़ की गई थी.
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सरकारी स्कूल में गंदगी का अंबार
स्कूल के अधिकारियों का कहना है कि मध्यप्रदेश के मजदूरों ने स्कूल को बदलहाल कर दिया है. स्कूल की अभी तक पुताई नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से यहां गंदगी पसरी हुई है. जगह-जगह चूल्हे बने हुए हैं. जला हुआ कोयला फैला है. ऐसे में यह बिल्डिंग स्कूल कम कचराघर ज्यादा लग रही है. स्कूल को अभी तक सैनिटाइज भी नहीं किया गया है. यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी स्कूल की दुर्दशा देखकर दुखी हैं.
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क्वॉरेंटाइन सेंटरों को खाली कराने की तैयारी में सरकार
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने फिलहाल स्कूलों को खोलने से इंकार कर दिया है. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि स्कूल खोलने को लेकर अभी तैयारी करनी होगी. बहुत स्कूलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. उन्हें खाली कराकर सैनिटाइज करने होंगे, इसमें समय लगेगा, लेकिन प्रवासी मजदूरों के कारनामों ने स्कूल को स्कूल कहने लायक नहीं छोड़ा है.