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'ठेके की जगह सफाई कर्मियों की हो सीधी भर्ती'

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य दिलीप के. हाथीबेड़ 5 और 6 फरवरी तक कोरिया दौरे पर हैं. जहां वो सफाई कर्मचारियों के संबंध में कलेक्टर और निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.

Members of National Safai Karamchari Commission reached Koriya
सफाईकर्मियों की सीधी भर्ती की मांग
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Published : Feb 5, 2020, 8:33 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 12:10 AM IST

कोरिया: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य दिलीप के. हाथीबेड़ दो दिवसीय दौरे पर कोरिया पहुंचे हैं. जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सफाई कर्मचारियों से संबंधित अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर ने भी सभी अधिकारियों को सफाई कर्मियों की समस्त जानकारी रखने और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए.

'ठेके की जगह सफाई कर्मियों की हो सीधी भर्ती'

इस दौरान हाथीबेड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री से आग्रह किए हैं कि भारतवर्ष में सफाई कर्मचारियों को ठेके पर रखने की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'सफाई कर्मियों की सीधी भर्ती होनी चाहिए'. वहीं उन्होंने कहा कि 'सरकार अपनी पॉलिसी बनाती है उसकी कुछ चीजें होती हैं हम तो आयोग हैं और आयोग सेतु का काम करता है.

निगम को नहीं पता कई योजनाएं

उन्होंने कहा कि 'शासन और प्रशासन के बीच में सफाई कर्मियों के लिए बनाई गई पॉलिसी का लाभ कर्मियों को मिलना चाहिए', लेकिन 'यहां आने से पता चला कि प्रशासन इस में बिल्कुल ही निष्क्रिय है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारियों को भी कई योजनाओं के बारे में जानकारी ही नहीं है', जिससे सफाई कर्मियों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है.

कलेक्टर ने दिया अधिकारियों को आदेश

हाथीबेड़ ने कहा कि 'कलेक्टर के माध्यम से कर्मचारियों को आदेश दिया गया है, आने वाले मार्च महीने में फिर से एक मीटिंग होगी, जिसमें सभी गलतियां अपडेट कर उसे दुरुस्त करेंगे, जिससे सफाई कर्मियों को योजनाओं का लाभ मिल सके'.

कोरिया: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य दिलीप के. हाथीबेड़ दो दिवसीय दौरे पर कोरिया पहुंचे हैं. जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सफाई कर्मचारियों से संबंधित अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर ने भी सभी अधिकारियों को सफाई कर्मियों की समस्त जानकारी रखने और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए.

'ठेके की जगह सफाई कर्मियों की हो सीधी भर्ती'

इस दौरान हाथीबेड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री से आग्रह किए हैं कि भारतवर्ष में सफाई कर्मचारियों को ठेके पर रखने की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'सफाई कर्मियों की सीधी भर्ती होनी चाहिए'. वहीं उन्होंने कहा कि 'सरकार अपनी पॉलिसी बनाती है उसकी कुछ चीजें होती हैं हम तो आयोग हैं और आयोग सेतु का काम करता है.

निगम को नहीं पता कई योजनाएं

उन्होंने कहा कि 'शासन और प्रशासन के बीच में सफाई कर्मियों के लिए बनाई गई पॉलिसी का लाभ कर्मियों को मिलना चाहिए', लेकिन 'यहां आने से पता चला कि प्रशासन इस में बिल्कुल ही निष्क्रिय है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारियों को भी कई योजनाओं के बारे में जानकारी ही नहीं है', जिससे सफाई कर्मियों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है.

कलेक्टर ने दिया अधिकारियों को आदेश

हाथीबेड़ ने कहा कि 'कलेक्टर के माध्यम से कर्मचारियों को आदेश दिया गया है, आने वाले मार्च महीने में फिर से एक मीटिंग होगी, जिसमें सभी गलतियां अपडेट कर उसे दुरुस्त करेंगे, जिससे सफाई कर्मियों को योजनाओं का लाभ मिल सके'.

Intro:कोरिया: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य दिलीप के. हाथीबेड़ 5 एवं 6 फरवरी को कोरिया जिले के दौरे पर है। सभाकक्ष में कलेक्टर ने सफाई कर्मचारियों से संबंधित अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली एवं जरूरी दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने उपस्थित सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित सफाई कर्मियों की समस्त जानकारी रखने को कहा एवं समस्त व्यवस्थाएं दुरूस्त रखने के निर्देश दिए।

Body:वी.ओ.- हाथीबेड़ सफाई कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक जीवन का अध्ययन करने तथा इनके पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना की समीक्षा के लिए राज्य के दौरे पर हैं। इस दौरान मीडिया से बात कहते हुये कहा कि कमीशन भी इस बात का डिमांड करता है प्रधानमंत्री से भी आग्रह करना चाहेंगे कि भारतवर्ष में सफाई कर्मचारियों का ठेका पद्धति बंद होना चाहिए सीधी भर्ती होनी चाहिए सरकार अपनी पॉलिसी बनाती है उसकी कुछ चीजें होती हैं हम तो कमीशन हैं और कमीशन सेतु का काम करता है शासन और प्रशासन के बीच में सफाई कर्मचारियों के लिए बनाई गई केंद्र सरकार की जितनी भी पॉलिसी है चाहे वह केंद्र शासन की हो या राज शासन की लेकिन गवर्नमेंट कि शासन की पॉलिसी तो बन जाती है उनके हित लाभ के लिए परंतु प्रशासन उसको सही तरीके से इंप्लीमेंट करता है तो मैं समझता हूं उनको उनका अधिकार मिल सकता है लेकिन मेरे को यहां आने से पता चला कि प्रशासन इस में बिल्कुल ही निष्क्रिय है और कोई भी जानकारी प्रशासन को खुद के अधिकारियों को नहीं है कई योजनाओं के बारे में निगम के आयुक्त को जानकारी ही नहीं है जिसके कारण सफाई कर्मचारियों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है कलेक्टर के माध्यम से उन को आदेश दिया है कि आने वाले मार्च महीने में हम फिर से एक मीटिंग करेंगे तब तक आप से जो गलती हुई है उसे अपडेट कर उसे दुरुस्त करें और इनके हितलाभ की योजनाएं इन तक पहुंचाएं ।
Conclusion:अब यह देखना होगा कि जिले के आला अधिकारी सफाई कर्मचारियों के बने योजनाओं का लाभ कब तक कर्मचारियों को दिलवा पाते हैं ।
बाइट - दिलीप के. हाथीबेड (सदस्य,राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग)
Last Updated : Feb 6, 2020, 12:10 AM IST
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