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Leopard Caught In Manendragarh: मनेंद्रगढ़ में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ

मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को आखिरकार पकड़ लिया गया. 15 जनवरी को उसके हमले से एक व्यक्ति की मौत के बाद वन विभाग का सचिव स्तर से लेकर गार्ड स्तर तक की टीम उसकी खोज में लगी थी. बुधवार की सुबह तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिंजरे में फंस गया. आदमखोर तेंदुए को कानन पेंडारी भेजा जाएगा.

leopard in manendragarh
पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ
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Published : Jan 18, 2023, 9:36 AM IST

Updated : Jan 18, 2023, 2:14 PM IST

मनेंद्रगढ़ में तेंदुआ पकड़ा गया

एमसीबी: जनकपुर क्षेत्र के लोगों के लिए बुधवार सुबह राहत भरी खबर आई है. दहशत का पर्याय बना तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिजरे में फंस गया. वन अमले के साथ क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली. बीते एक सप्ताह से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी. वनविभाग की ओर से आदमखोर तेंदुए की लगातार निगरानी की जा रही थी. आदमखोर तेंदुए को पकड़ने पहले बकरी फिर मुर्गा और अब कुत्ते को चारा बनाया गया था.

एक महीने से आतंक के साए में जी रहे थे लोग: मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में बीते एक महीने से तेंदुए का आतंक था. आदमखोर तेंदुआ अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है, वहीं एक को गंभीर रूप से घायल कर चुका है. 15 जनवरी को हुई घटना के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग में हलचल तेज हुई. घटना के दूसरे दिन वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ जनकपुर पहुंचे, सीसीएफ सरगुजा के साथ वन्य प्राणी के सीसीएफ, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक और मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ दो दिन से तेंदुए की खोज में जनकपुर में डेरा डाले रहे.


खोजी कुत्ते की भी ली गई मदद: तेंदुए की खोज के लिए वन विभाग ने पूरा जोर लगाया. खोजी कुत्ते की मदद ली गई. तेंदुए पर नजर रखने और उसे ट्रैंकुलाइज करने दो टीम मौके पर थी. वहीं तमोर पिंगला से एक हाथियों को मंगाया गया, जिस पर बैठकर टीम तेंदुए के करीब जाकर उसे बेहोश करती. हालांकि हाथी की मदद लेने से पहले ही आदमखोर तेंदुआ पकड़ लिया गया.

leopard in manendragarh: रेस्क्यू टीम को चकमा देकर जंगल भागा तेंदुआ



बकरी के बाद पिंजरे में रखी गई मुर्गी: बीते 15 दिन से वन विभाग तेंदुए को पकड़ने की जुगत लगा रहा था. पहले पिंजरे में बकरी को तेंदुए के आहार के रूप में रखा गया. उसके बाद वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि "बाघ और तेंदुआ बकरी को अपना आहार नहीं बनाता, उसे मुर्गा या कुत्ता काफी पसंद है. फिर मुर्गे को पिंजरे में रखा गया."

मनेंद्रगढ़ में आदमखोर तेंदुए के खौफ से डरे लोग

भयभीत थे गांव के लोग, अब राहत: स्थानीय ग्रामीण राजेन्द्र चंदेल ने बताया कि "आदमखोर तेंदुआ तीन जानें ले चुका है और एक को घायल कर चुका है. वन विभाग ने तेंदुए को रात दिन मेहनत करके आखिरकार पकड़ लिया. गांव के लोग काफी भयभीत थे, अब जाकर गांव में शांति रहेगी." अंकुर प्रताप सिंह ने कहा कि "वन विभाग की टीम का धन्यवाद. क्षेत्र की जनता अब इस क्षेत्र में मेला लगाएगी." जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने कहा कि "हमारे भरतपुर विकासखण्ड में आदमखोर तेंदुए ने दहशत मचा कर रखा था. लोग भयभीत थे. घर से निकलना मुश्किल था. आज हर क्षेत्र भय मुक्त हुआ है."

रात में आया और पिंजरे में फंस गया आदमखोर: डीएफओ लोकनाथ पटेल ने कहा कि "हम लोग लगातार कोशिश कर रहे थे. रायपुर और बिलासपुर से डॉक्टरों की टीम आई, जिसके बाद लगातार सर्चिंग अभियान कर रहे थे. हाथी को भी बुलाया गया था जो कल पहुंचा .हम लोगों ने चार दिशाओं में पिंजरा लगाया था. रात में तेंदुआ आया और फंस गया. इससे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है."

मनेंद्रगढ़ में तेंदुआ पकड़ा गया

एमसीबी: जनकपुर क्षेत्र के लोगों के लिए बुधवार सुबह राहत भरी खबर आई है. दहशत का पर्याय बना तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिजरे में फंस गया. वन अमले के साथ क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली. बीते एक सप्ताह से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी. वनविभाग की ओर से आदमखोर तेंदुए की लगातार निगरानी की जा रही थी. आदमखोर तेंदुए को पकड़ने पहले बकरी फिर मुर्गा और अब कुत्ते को चारा बनाया गया था.

एक महीने से आतंक के साए में जी रहे थे लोग: मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में बीते एक महीने से तेंदुए का आतंक था. आदमखोर तेंदुआ अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है, वहीं एक को गंभीर रूप से घायल कर चुका है. 15 जनवरी को हुई घटना के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग में हलचल तेज हुई. घटना के दूसरे दिन वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ जनकपुर पहुंचे, सीसीएफ सरगुजा के साथ वन्य प्राणी के सीसीएफ, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक और मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ दो दिन से तेंदुए की खोज में जनकपुर में डेरा डाले रहे.


खोजी कुत्ते की भी ली गई मदद: तेंदुए की खोज के लिए वन विभाग ने पूरा जोर लगाया. खोजी कुत्ते की मदद ली गई. तेंदुए पर नजर रखने और उसे ट्रैंकुलाइज करने दो टीम मौके पर थी. वहीं तमोर पिंगला से एक हाथियों को मंगाया गया, जिस पर बैठकर टीम तेंदुए के करीब जाकर उसे बेहोश करती. हालांकि हाथी की मदद लेने से पहले ही आदमखोर तेंदुआ पकड़ लिया गया.

leopard in manendragarh: रेस्क्यू टीम को चकमा देकर जंगल भागा तेंदुआ



बकरी के बाद पिंजरे में रखी गई मुर्गी: बीते 15 दिन से वन विभाग तेंदुए को पकड़ने की जुगत लगा रहा था. पहले पिंजरे में बकरी को तेंदुए के आहार के रूप में रखा गया. उसके बाद वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि "बाघ और तेंदुआ बकरी को अपना आहार नहीं बनाता, उसे मुर्गा या कुत्ता काफी पसंद है. फिर मुर्गे को पिंजरे में रखा गया."

मनेंद्रगढ़ में आदमखोर तेंदुए के खौफ से डरे लोग

भयभीत थे गांव के लोग, अब राहत: स्थानीय ग्रामीण राजेन्द्र चंदेल ने बताया कि "आदमखोर तेंदुआ तीन जानें ले चुका है और एक को घायल कर चुका है. वन विभाग ने तेंदुए को रात दिन मेहनत करके आखिरकार पकड़ लिया. गांव के लोग काफी भयभीत थे, अब जाकर गांव में शांति रहेगी." अंकुर प्रताप सिंह ने कहा कि "वन विभाग की टीम का धन्यवाद. क्षेत्र की जनता अब इस क्षेत्र में मेला लगाएगी." जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने कहा कि "हमारे भरतपुर विकासखण्ड में आदमखोर तेंदुए ने दहशत मचा कर रखा था. लोग भयभीत थे. घर से निकलना मुश्किल था. आज हर क्षेत्र भय मुक्त हुआ है."

रात में आया और पिंजरे में फंस गया आदमखोर: डीएफओ लोकनाथ पटेल ने कहा कि "हम लोग लगातार कोशिश कर रहे थे. रायपुर और बिलासपुर से डॉक्टरों की टीम आई, जिसके बाद लगातार सर्चिंग अभियान कर रहे थे. हाथी को भी बुलाया गया था जो कल पहुंचा .हम लोगों ने चार दिशाओं में पिंजरा लगाया था. रात में तेंदुआ आया और फंस गया. इससे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है."

Last Updated : Jan 18, 2023, 2:14 PM IST
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