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Pando Tribe Upset: पंडो जनजाति के लोग कोरिया जिले में सरकारी नौकरी के लिए परेशान

Pando Tribe Upset छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के लोग नौकरी के लिए परेशान हैं. पंडो समाज के लोगों ने कोरिया कलेक्टर को ज्ञापन देकर सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

Pando Tribe Upset
पंडो जनजाति के लोग
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Published : Jul 24, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 7:52 PM IST

पंडो जनजाति के लोग

कोरिया: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोग कोरिया जिले में रोजगार में विशेष छूट नहीं मिलने से परेशान हैं. पंडो जनजाति के लोगों ने बड़ी संख्या में कोरिया जिला मुख्यालय पहुंचकर कोरिया कलेक्टर को ज्ञापन दिया. पंडो जनजाति के लोगों की तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी सरकारी भर्तियों में अनुसूचित जनजाति के पदों में 20 परसेंट आरक्षण देने की मांग है.

पंडो जनजाति के लोगों की नौकरी की मांग: छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों को उनकी योग्यता के मुताबिक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पर भर्ती दी जानी है. पंडो समाज के जिलाध्यक्ष गुलाल साय पंडो ने कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपा और समाज के लोगों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

शासन प्रशासन हमें सरकारी नौकरी की सुविधा नहीं दे पा रहा है. दूसरे जिले के पंडो जनजाति के लोगों को नौकरी मिल चुकी है. -गुलाल साय पंडो, जिलाध्यक्ष, पंडो समाज

कोरिया कलेक्टर ने दिया आश्वासन: छत्तीसगढ़ में 7 ऐसी जनजाति है, जिनके संरक्षण का जिम्मा राज्य और केंद्र सरकार ने उठाया है. छत्तीसगढ़ में बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार, अबूझमाड़िया जनजाति है. छत्तीसगढ़ सरकार ने पंडो और भुंजिया जनजातियों को भी विशेष पिछड़ी जनजाति के समान माना है. पंडो जनजाति के लोग पांडवों को अपना पूर्वज मानते हैं. वह वनांचल क्षेत्र में पहाड़ियों में रहते हैं. जनजाति के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नौकरी का अवसर दिया जाना है. कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लहंगे ने पंडो जनजाति के लोगों को आश्वासन दिया है.

पंडो जनजाति के लोगों ने ज्ञापन दिया है. हम जो भी बेहतर होगा, वह करेंगे. -विनय कुमार लहंगे, कलेक्टर, कोरिया

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अबूझमाड़िया जनजाति के युवा भी हैं परेशान: छत्तीसगढ़ में न सिर्फ पंडो जनजाति बल्कि अबूझमाड़िया जनजाति के युवा भी नौकरी की मांग कर रहे हैं. 22 जुलाई को नारायणपुर में अबूझमाड़िया जनजाति के युवाओं ने सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को नौकरी दे रही सरकार: दरअसल छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की 27 अगस्त 2019 की बैठक में निर्णय लिया गया था कि विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी शिक्षित पात्र युवाओं का सर्वे कराकर उनकी योग्यता के मुताबिक नियुक्ति की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद जिलेवार शिक्षित युवाओं की लिस्ट बनाई गई. करीब 9623 युवाओं को नौकरी दी जानी है. 27 जून 2022 को इसका आदेश जारी किया गया था. कुछ युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है. अब जिन जनजातियों के युवाओं को नौकरी नहीं मिली है, वह ज्ञापन देकर सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.

पंडो जनजाति के लोग

कोरिया: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोग कोरिया जिले में रोजगार में विशेष छूट नहीं मिलने से परेशान हैं. पंडो जनजाति के लोगों ने बड़ी संख्या में कोरिया जिला मुख्यालय पहुंचकर कोरिया कलेक्टर को ज्ञापन दिया. पंडो जनजाति के लोगों की तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी सरकारी भर्तियों में अनुसूचित जनजाति के पदों में 20 परसेंट आरक्षण देने की मांग है.

पंडो जनजाति के लोगों की नौकरी की मांग: छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों को उनकी योग्यता के मुताबिक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पर भर्ती दी जानी है. पंडो समाज के जिलाध्यक्ष गुलाल साय पंडो ने कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपा और समाज के लोगों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

शासन प्रशासन हमें सरकारी नौकरी की सुविधा नहीं दे पा रहा है. दूसरे जिले के पंडो जनजाति के लोगों को नौकरी मिल चुकी है. -गुलाल साय पंडो, जिलाध्यक्ष, पंडो समाज

कोरिया कलेक्टर ने दिया आश्वासन: छत्तीसगढ़ में 7 ऐसी जनजाति है, जिनके संरक्षण का जिम्मा राज्य और केंद्र सरकार ने उठाया है. छत्तीसगढ़ में बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार, अबूझमाड़िया जनजाति है. छत्तीसगढ़ सरकार ने पंडो और भुंजिया जनजातियों को भी विशेष पिछड़ी जनजाति के समान माना है. पंडो जनजाति के लोग पांडवों को अपना पूर्वज मानते हैं. वह वनांचल क्षेत्र में पहाड़ियों में रहते हैं. जनजाति के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नौकरी का अवसर दिया जाना है. कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लहंगे ने पंडो जनजाति के लोगों को आश्वासन दिया है.

पंडो जनजाति के लोगों ने ज्ञापन दिया है. हम जो भी बेहतर होगा, वह करेंगे. -विनय कुमार लहंगे, कलेक्टर, कोरिया

Plight of Pando Tribe: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों का हाल, सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा नहीं, प्राइवेट के लिए गिरवी रखते हैं जमी
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अबूझमाड़िया जनजाति के युवा भी हैं परेशान: छत्तीसगढ़ में न सिर्फ पंडो जनजाति बल्कि अबूझमाड़िया जनजाति के युवा भी नौकरी की मांग कर रहे हैं. 22 जुलाई को नारायणपुर में अबूझमाड़िया जनजाति के युवाओं ने सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को नौकरी दे रही सरकार: दरअसल छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की 27 अगस्त 2019 की बैठक में निर्णय लिया गया था कि विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी शिक्षित पात्र युवाओं का सर्वे कराकर उनकी योग्यता के मुताबिक नियुक्ति की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद जिलेवार शिक्षित युवाओं की लिस्ट बनाई गई. करीब 9623 युवाओं को नौकरी दी जानी है. 27 जून 2022 को इसका आदेश जारी किया गया था. कुछ युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है. अब जिन जनजातियों के युवाओं को नौकरी नहीं मिली है, वह ज्ञापन देकर सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 24, 2023, 7:52 PM IST
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