कोरिया : कोरिया जिले का झुमका डैम अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी कई बार अपने कोरिया दौरे में झुमका डैम और पर्यटन केंद्र की तारीफ की थी.लेकिन जितना सुंदर ये पर्यटन स्थल था,उतनी ही अनदेखी अब इसकी होने लगी है. झुमका बांध में पर्यटन बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन डेढ़ करोड़ से अधिक राशि खर्च कर चुका है.वहीं क्षेत्र की लोकसभा सांसद ज्योत्सना महंत ने कुछ महीने पहले झुमका को पर्यटन नक्शे में शामिल करने की घोषणा की थी. लेकिन झुमका डैम के हालात बद से बदतर होने लगे हैं.
फिश एक्वेरियम का पानी बदबूदार, टूटा कोरिया का सिंबल : प्रशासनिक अनदेखी से यहां फिश एक्वेरियम का पानी महीनों से नहीं बदला गया है.पानी बदबूदार हो चुका है.साथ ही साथ काई की मोटी परत जम चुकी है. सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही से यहां असामाजिक तत्वों ने आई लव कोरिया का सिंबल को तोड़ दिया है. झुमका के तट और पानी में हर जगह गंदगी का आलम है.
छुट्टी वाले दिन जुटती है भीड़ : हल्की ठंड के बीच पिकनिक सीजन की शुरुआत हो जाती है. साल के अंतिम महीने काे एंजॉय करने के लिए आसपास के पिकनिक स्पॉट पहुंचते हैं. बैकुंठपुर के झुमका डैम में भी हर रविवार को लोगों की भीड़ रहती है. आंवला नवमीं पर भी यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे. बावजूद प्रशासनिक अनदेखी से यहां सफाई और देखरेख व्यवस्था में लापरवाही बरती जा रही है. यहां घूमने आए युवाओं का कहना है कि झुमका बोट क्लब में अब पहले की तरह लोगों की खास भीड़ नहीं हो रही है. यहां पहुंचने वालों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है. वह भी तब जब कोरबा लोकसभा सांसद ने इसे पर्यटन के नक्शे में शामिल कर पर्यटकों के लिए विकसित करने की बात कही थी.
प्लोटिंग ब्रिज में कभी भी हो सकता है हादसा : झुमका डैम में जिस जगह फ्लोटिंग ब्रिज लगाया गया है. वो जगह असुरक्षित है. खतरे के बीच यहां कभी भी अनहोनी हो सकती है. पुराना ब्रिज जिस जगह था उस पर पहले सुरक्षा के लिए रेलिंग और किनारों पर रस्सी लगाई गई थी. लेकिन यहां देर शाम शराब पीने वालों के पहुंचने लगे हैं.शायद उन्हीं में से किसी एक ने आई लव कोरिया के सिंबल को भी नुकसान पहुंचाया है.
पैडल बोट और जेट स्की खा रहे हैं धूल : झुमका बोट क्लब में लाई गई चार पैडल बोट किनारे तट पर पड़ी धूल खा रही है. कोलकाता से 30 लाख में तीन स्पीड बोट मंगवाए गए थे. इनमें दो खराब हैं. पैडल बोट में छेद हो गया है. शुरुआती महीनों में बोट का संचालन अच्छा हुआ. लेकिन बोट खराब होने के बाद व्यवस्था बिगड़ गई. प्रशासन ने यहां दो जेट स्की भी मंगाई थी. वह भी यहां से हटा दी गई.यहां पहुंचने वाले बाइक और टू व्हीलर चालकों से 10 और कार से 20 रुपए पार्किंग शुल्क लिया जाता है.एक्वेरियम में भी टिकट लेकर ही प्रवेश दिया जाता है.लेकिन मनोरंजन जैसा कुछ नहीं है.
DMF फंड से हुआ था सौंदर्यीकरण : झुमका डैम को डेवलेप करने के लिए डीएमएफ फंड से डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की गई थी. डीएम फंड से यहां डैम किनारे 24 लाख की लागत से मिट्टी पाथवे और पौधारोपण, 30 लाख से एसईसीएल पार्क का रेनोवेशन, 45 लाख से मछली नुमा फिश एक्वेरियम, फ्लोटिंग ब्रिज, रेत फिलिंग, कैंटिन, तीन स्पीड बोट, पैडल बोट, योगा शेड बनाए गए थे.लेकिन मेंटनेंस ना होने से अब झुमका डैम की खुबसूरती बदसूरती में बदलती जा रही है.