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जनकपुर-कोटाडोल मार्ग निर्माण के 12 साल बाद भी मुआवजे के लिए तरस रहे किसान, विरोध में चक्का-जाम

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Published : Mar 28, 2022, 4:18 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 5:45 PM IST

जनकपुर से कोटाडोल मार्ग निर्माण कार्य साल के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. जिससे आक्रोशित किसानों ने चक्काजाम किया.

Janakpur to Kotadol road construction
जनकपुर से कोटाडोल मार्ग निर्माण

कोरिया : विकासखंड भरतपुर में जनकपुर से कोटाडोल मार्ग निर्माण कार्य साल 2010 में करवाया गया था, जहां सड़क चौड़ीकरण के समय 415 किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, लेकिन पूरे 12 साल बीत जाने के बावजूद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया. जिससे आक्रोशिक किसानों ने मुआवजे को लेकर चक्काजाम किया.

मुआवजे के लिए तरस रहे किसान


अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन : इस मामले को लेकर किसानों के साथ चांगभखार जन सेवा समिति ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भरतपुर को ज्ञापन सौंपकर चक्का जाम कर दिया. जिस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. वहीं, मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने किसानों को समझने का प्रयास किया. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिस कारण चक्काजाम जारी रहा. जमीन मुआवजे को लेकर पीडब्ल्यूडी के एसडीओ ने आंदोलन स्थल पर पहुंच कर किसानों को जानकारी दी कि उनके मुआवजे की राशि की फाइल वित्त मंत्रालय में अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर लंबित है. वो पूरा प्रयास करेंगे कि अगले वार्षिक बजट में स्वीकृति मिलते ही किसानों को मुआवज जल्दी ही दिया जाए.

यह भी पढ़ें: तुंहर पुलिस तुंहर द्वार: गांव पहुंचकर कोरबा एसपी ने सुलझाया दो ग्रामीणों के बीच का शौचालय विवाद

किसानों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा इस तरह का बयान दोहराते हुए 12 साल बीत चुके हैं. लेकिन मंत्रालय में दस्तावेज जमा होने के बावजूद प्रशासनिक, स्वीकृति आज तक नहीं मिला. पीडब्ल्यूडी भी बस रटा रटाया जवाब दे रहा है कि मंत्रालय से स्वीकृति मिल जाएगी. वैसे ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.किसानों ने 2 माह का समय दिया गया है. यदि इस दौरान स्वीकृति नहीं मिलता. तो आगे इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता है.

कोरिया : विकासखंड भरतपुर में जनकपुर से कोटाडोल मार्ग निर्माण कार्य साल 2010 में करवाया गया था, जहां सड़क चौड़ीकरण के समय 415 किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, लेकिन पूरे 12 साल बीत जाने के बावजूद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया. जिससे आक्रोशिक किसानों ने मुआवजे को लेकर चक्काजाम किया.

मुआवजे के लिए तरस रहे किसान


अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन : इस मामले को लेकर किसानों के साथ चांगभखार जन सेवा समिति ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भरतपुर को ज्ञापन सौंपकर चक्का जाम कर दिया. जिस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. वहीं, मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने किसानों को समझने का प्रयास किया. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिस कारण चक्काजाम जारी रहा. जमीन मुआवजे को लेकर पीडब्ल्यूडी के एसडीओ ने आंदोलन स्थल पर पहुंच कर किसानों को जानकारी दी कि उनके मुआवजे की राशि की फाइल वित्त मंत्रालय में अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर लंबित है. वो पूरा प्रयास करेंगे कि अगले वार्षिक बजट में स्वीकृति मिलते ही किसानों को मुआवज जल्दी ही दिया जाए.

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किसानों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा इस तरह का बयान दोहराते हुए 12 साल बीत चुके हैं. लेकिन मंत्रालय में दस्तावेज जमा होने के बावजूद प्रशासनिक, स्वीकृति आज तक नहीं मिला. पीडब्ल्यूडी भी बस रटा रटाया जवाब दे रहा है कि मंत्रालय से स्वीकृति मिल जाएगी. वैसे ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.किसानों ने 2 माह का समय दिया गया है. यदि इस दौरान स्वीकृति नहीं मिलता. तो आगे इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता है.

Last Updated : Mar 28, 2022, 5:45 PM IST
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