कोरिया : विकासखंड भरतपुर में जनकपुर से कोटाडोल मार्ग निर्माण कार्य साल 2010 में करवाया गया था, जहां सड़क चौड़ीकरण के समय 415 किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, लेकिन पूरे 12 साल बीत जाने के बावजूद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया. जिससे आक्रोशिक किसानों ने मुआवजे को लेकर चक्काजाम किया.
अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन : इस मामले को लेकर किसानों के साथ चांगभखार जन सेवा समिति ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भरतपुर को ज्ञापन सौंपकर चक्का जाम कर दिया. जिस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. वहीं, मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने किसानों को समझने का प्रयास किया. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. जिस कारण चक्काजाम जारी रहा. जमीन मुआवजे को लेकर पीडब्ल्यूडी के एसडीओ ने आंदोलन स्थल पर पहुंच कर किसानों को जानकारी दी कि उनके मुआवजे की राशि की फाइल वित्त मंत्रालय में अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर लंबित है. वो पूरा प्रयास करेंगे कि अगले वार्षिक बजट में स्वीकृति मिलते ही किसानों को मुआवज जल्दी ही दिया जाए.
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किसानों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा इस तरह का बयान दोहराते हुए 12 साल बीत चुके हैं. लेकिन मंत्रालय में दस्तावेज जमा होने के बावजूद प्रशासनिक, स्वीकृति आज तक नहीं मिला. पीडब्ल्यूडी भी बस रटा रटाया जवाब दे रहा है कि मंत्रालय से स्वीकृति मिल जाएगी. वैसे ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.किसानों ने 2 माह का समय दिया गया है. यदि इस दौरान स्वीकृति नहीं मिलता. तो आगे इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता है.