कोरिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (Birthday of Prime Minister Narendra Modi) 17 सितम्बर से 75 साल बाद एक बार फिर से देश मे चीतों की दहाड़ गूंजने वाली है. मप्र के श्योपुर के कुनो पार्क में अफ्रीकी चीते लाए गए हैं. 17 सितंबर को मोदी के जन्मदिन पर ये चीते भारत आएं. ऐसे में देश के आखिरी 3 चीतों के मौत को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. भले ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर यह दावा किया जा रहा है कि देश के आखिरी 3 चीतों का शिकार कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंहदेव (koriya Maharaja Ramanuj Pratap Singhdev ) ने 1948 में किया था.
सिंहदेव परिवार का दावा : लेकिन सिंहदेव परिवार के वंशज का कहना है कि ''हमारे दादा शिकार करते थे, उन्होंने चीतों का शिकार किया भी था, लेकिन यह कैसे कहा जा सकता है कि जो शिकार 1948 में मेरे दादा ने किया था वही आखिरी चीते (India last cheetah claimed in koriya ) थे. रामगढ़ इलाके के जंगल में तीन चीते थे जिनमें से एक मादा और दो बच्चे थे. जिनका शिकार कोरिया के राजा स्वर्गीय रामानुज प्रताप सिंहदेव ने उन्नीस सौ अड़तालिस में किया था.''
क्यों लिया जाता है कोरिया रियासत का नाम : ऐसा बताया जाता है कि भारत मे आखिरी तीन एशियाई चीता बचे थे. छतीसगढ़ के कोरिया के राजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने इनका शिकार किया था. इसके बाद से भारत में चीते खत्म हो गए और उन्नीस सौ बावन में इसे विलुप्त करार दे दिया गया. एक बार फिर भारत में आठ विदेशी चीते लाये जा रहे हैं. वहीं बात करें कोरिया राजा स्वर्गीय रामानुज प्रताप सिंहदेव की तो उनका जन्म उन्नीस सौ एक में और निधन उन्नीस सौ चौवन में हुआ था.
कोरिया पैलेस में जानवरों की ट्रॉफियां : बैकुंठपुर के महलपारा इलाके में बने कोरिया पैलेस की अगर बात करे तो यहां दो कमरे में अलग-अलग पशुओं की ट्रॉफियां रखी हुई हैं. जहां लोगों के जाने पर रोक है. एक कमरे में इंडियन तो दूसरे कमरे में अफ्रीका के पशुओं की ट्रॉफी है.पुराने लोगों की माने तो राजा को शिकार का बड़ा शौक था और वह कश्मीर तक जाते थे. महराजा ने अविभाजित कोरिया जिले के रामगढ़ झगराखांड सलका इलाके में शिकार किया था. ऐसे कई लोग आज भी हैं जो रामानुज प्रताप सिंहदेव के सबसे छोटे बेटे कोरिया कुमार स्वर्गीय रामचन्द्र सिंहदेव के करीबी रहे हैं. रामचन्द्र सिंहदेव अपने पिता के शिकार की कहानियां ग्रामीणों को बताया करते थे. वर्तमान में बैकुंठपुर की विधायक अम्बिका सिंहदेव जो राज परिवार से हैं. वह भी शिकार के बारे में सुनती रहीं हैं. लेकिन चीता के शिकार को लेकर कोई अधिकृत बात नही कहती.