एमसीबी: जिले के वन परिक्षेत्र और गुरु घासीदास नेशनल पार्क में हनी बेजर नाम का प्राणी पहली बार देखने को मिला, जिसे ग्रामीणों ने देखा और कैमरे में कैद भी किया. कुंवारपुर वन परिक्षेत्र में सड़क किनारे अजीब से जानवर को देखने के बाद फुलझर गांव के लोगों ने वन विभाग को सूचना दी.
दुनिया का सबसे निर्भीक जानवर है हनी बेजर: जिस जानवर की जानकारी गांववालों ने वन विभाग को दी, वो कोई सामान्य जानवर नहीं बल्कि दुनिया का सबसे निर्भीक जानवर माना जाता है. मनेंद्रगढ़ वन मंडल के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र के फुलझर जंगल में पहली बार इस हनी बेजर देखा गया है. यह इलाका भरतपुर ब्लॉक में पड़ता है. स्थानीय लोग इसे चिरकभाल के नाम से भी पुकारते हैं.
Bear cub in Kanker ऑक्सीवन में दिखा रियल टेडी, मादा भालू के साथ जमकर की मस्ती
साइज में बहुत ही छोटा, लेकिन उतना ही खतरनाक: साइज में 2 से ढाई फीट और 5 से 7 किलो वजन वाला यह हनी बेजर मांसाहारी होता है. यह मौका आने पर शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घा या किसी दूसरे शिकारी जानवर से भिड़ने में जरा भी नहीं हिचकता है. इसी खूबी की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘मोस्ट फियरलेस क्रीचर‘ के नाम से दर्ज है.
संरक्षित जीवों की श्रेणीं में है हनी बेजर: यह संसार के संरक्षित जीवों में से एक है, जो कुंवारपुर क्षेत्र में पहली बार दिखा. वन विभाग के अफसरों के मुताबिक "हनी बेजर का शिकार खाल, फर, कॉस्मेटिक के लिए किया जाता है." गुरु घासीदास नेशनल पार्क के डायरेक्टर रामा कृष्णा ने बताया कि "कोरिया और मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जंगल के साथ ही ये गुरु घासीदास नेशनल पार्क में भी पाए जाते हैं. ये दो से ढाई फीट तक ऊंचे और 5 से 7 किलो वजन के होते हैं."
शहद के लिए मधुमक्की के छत्ते पर करता है हमला: रामा कृष्णा के मुताबिक "हनी बेजर मधुमक्खी के लार्वा और शहद दोनों की तलाश में उनके छत्ते पर हमला करते हैं. ये साइज में छोटे होते हैं, लेकिन बहुत तेज और खतरनाक हैं. नाखून बड़े होने की वजह से ये 20 से 25 फीट तक जमीन में मांद खोद सकते हैं."