मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: नए साल का जश्न लोग प्राकृति स्थान पर पहुंचकर भी मनाते हैं. Picnic Spot in Manendragarh Chirmiri Bharatpur मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी में भी नए साल का जश्न मनाने के लिए सैलानी पहुंच रहे हैं. इसकी वजह यहां के झरने और प्राकृतिक स्थान हैं. tourist places in chhattisgarh यहां की नैर्सगिक छटा यहां के घने वनों और ऊंची नीची पहाड़ियां लोगों को अपनी ओर खींचती है. MCB Tourist Places यही वजह है कि लोक यहां पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. यहां मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी जिले के साथ साथ अन्य जिलों के सैलानी भी बड़ी संख्या में नये वर्ष में पिकनिक मनाने अमृतधारा जलप्रपात, कर्म घोघा जल प्रपात ,बिहारपुर जलप्रपात में आते हैं.
अमृत धारा जलप्रपात की खासियत: अमृत धारा जलप्रपात मनेंद्रगढ़ से 18 किलोमीटर की दूरी पर है Picnic Spot in Manendragarh Chirmiri Bharatpur. . यहां से आठ किलोमीटर अंदर जंगल की ओर जाने पर इस अमृतधारा के दर्शन होते हैं. करीब 100 फीट ऊंचाई से यह जलप्रपात गिरता है.यही वजह है कि इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं. यहां एक शिव मंदिर है जहां पर वन विभाग के द्वारा गेस्ट हाउस बनाया गया है. तथा रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है. यहां नए वर्ष पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है
बिहारपुर जलप्रपात में भी पहुंचते हैं सैलानी: बिहारपुर जलप्रपात मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित है. यह बिहारपुर गांव से 2 किलोमीटर अंदर जाने पर मिलता है. यहां हसदेव नदी का पानी करीब 20 फीट ऊंचाई से गिरता है. ऊंचाई से पानी का फ्लो होने की वजह से यह जल प्रपात की तरह दिखता है.
रमदहा जलप्रपात पर्यटकों का मोहते हैं मन: रमदहा जलप्रपात यह जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से कठौतिया चुटकी जाने वाले इलाके में है. यह प्रपात बनास नदी से तैयार हुआ है. चारो ओर पहाड़ और जंगल इस प्रपात की खूबसूरती को बढ़ता है. वर्षा ऋतु में रमदहा जलप्रपात काफी विशाल दिखाई देता है. यहां नदी का पानी लगभग 60 फीट ऊंचाई से गिरता है और पर्यटकों को मदमस्त कर देता है
कर्मघोघा जलप्रपात की खूबसूरती के क्या कहने: कर्मघोघा जलप्रपात छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा में मनेंद्रगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर इमली गोलाई साल्ही इलाके में स्थित है. कर्मघोघा जलप्रपात की मधुर ध्वनि पर्यटकों का मन मोह लेती है. यहां कर्मघोघेश्वर भगवान शिव का मंदिर है. मंदिर से मात्र लगभग 50 फीट की दूरी पर नदी का पानी प्रपात के रूप में गिरता है. यह पहाड़ियों तथा जंगलों से घिरा शांत स्थल है.