कोरिया: छत्तीसगढ़ सरकार के नोटिफिकेशन के बाद टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा. यह भारत का 53वां टाइगर रिजर्व कहलाएगा. पहले गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था. साल 2004-2005 के सर्वे में बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित 32 प्रकार के वन्यजीव प्राणी के विचरण करने का डेटा तैयार किया गया है. कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिली है.
2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा: पहली बार टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल आया है. 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा. टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल है. जिसमें कोरिया वनमंडल के तीन वनपरिक्षेत्र कोटाडोल, सोनहत और देवगढ़ के 100 कंपार्टमेंट को जोड़ा जाएगा. रेलगुर वनपरिक्षेत्र कोटाडोल के 56 और सोनहत-देवगढ़ के 44 कंपार्टमेंट जुड़ जाएगा.
अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव: छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट ने वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित किया है.कोर और बफर जोन में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के पुराने क्षेत्रफल 1140.57 वर्ग किलोमीटर को कोर और बफर जोन में बंटा हुआ है. वहीं टाइगर रिजर्व घोषित होन के बाद तीसरा इको सेंसेटिव जोन अस्तित्व में आएगा. जिसमें कोर व बफर जोन की तरह निर्माण नहीं कराए जाएंगे.
कोर एरिया में इन गांवों को किया जाएगा शामिल: फिलहाल कोर एरिया में ग्राम कुदरा, पपरहा, ढुलारी, ढाब, कटरंगी, कोरमी, खोहरा, रसौकी, चिचियो, लूल, सुखाड़, खोखनिया, गोपदनगर, मुलुकनार, छतौड़ा, बडगवांखुर्द, रेवला, मझगवां, सुखतरा, धनपुरा, समेरिया, उधेनी, कुर्थी चिह्नित हैं. वहीं बफर एरिया में थोडगी, बेजनपाठ, तेलईपाठ, सोनवाही, सीतापुर, औणी, तर्रीपानी, बधवार और वीराम गांव के रूप में ओदारी बड़वार शामिल है.
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100 कंपार्टमेंट को गुरु घासीदास नेशनल पार्क में जोड़ा जाएगा: जेनी ग्रेस कुजूर, एसडीओ कोरिया वनमंडल ने बताया कि "कोरिया वनमंडल के तीन परिक्षेत्र कोटाडोल, देवगढ़ और सोनहत के करीब 100 कंपार्टमेंट को गुरु घासीदास नेशनल पार्क में जोड़ा जाएगा. पार्क प्रबंधन ने पहले ही सर्वे कर एरिया चिह्नित करा लिया है."