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Koriya latest news : डॉ शर्मा अस्पताल का कारनामा, एक दिन सबसे ज्यादा निशुल्क सोनोग्राफी

Koriya latest news बैकुंठपुर डॉ शर्मा अस्पताल में हुआ 60 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी किया गया.प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत निःशुल्क सोनोग्राफी शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें 09 11 2022 को सबसे ज्यादा निःशुल्क सोनोग्राफी करने वाला निजी अस्पताल डॉ शर्मा अस्पताल बन गया है.

कोरिया के डॉ शर्मा अस्पताल का कारनामा
कोरिया के डॉ शर्मा अस्पताल का कारनामा
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Published : Nov 10, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 1:24 PM IST

कोरिया : 9 नवंबर को डॉ शर्मा अस्पताल महलपारा बैकुंठपुर मे निःशुल्क सोनोग्राफी शिविर का आयोजन किया (free sonography camp in koriya) गया. जिसके अंतर्गत 60 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी एवं उपचार किया गया. डॉ शर्मा अस्पताल के संचालक डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत यह नि:शुल्क सोनोग्राफी शिविर का आयोजन डॉ शर्मा अस्पताल में किया गया. जिसमें 60 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी हुआ. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाये जा रहे इस सराहनीय योजना में शर्मा अस्पताल ने भी अपनी भागीदारी दी. (Koriya latest news )

क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (Prime Minister Safe Motherhood Campaign)

  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है.
  • इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा.
  • इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
  • निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों/चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
  • माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की हाल की कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की.
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीके से कम से कम एक बार जांच की जाएं और इस अभियान का उचित पालन किया जाएं, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं.

    प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है.
  • इस अभियान के तहत लाभार्थियों को हर महीने की नवीं तारीख को प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं (जांच और दवाओं सहित) का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा. यदि किसी माह में नवीं तारीख को रविवार या राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस पर यह दिवस आयोजित किया जाएगा.
  • इन सेवाओं को स्वास्थ्य सुविधा/आउटरीच पर नियमित एएनसी के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा.
  • इन सेवाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निर्धारित सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी/सीएचसी,डीएच/शहरी स्वास्थ्य केंद्रों) पर उपलब्ध कराया जाएगा.
  • जब कि इसका लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना है, पर विशेष रूप से यह प्रयास होगा कि वे महिलाएं जिन्होंने एएनसी के लिए रजिस्टर नहीं किया है, तथा जिन्होंने रजिस्टर किया है, लेकिन एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है, एवं उच्च ज़ोखिम गर्भवती महिलाओं तक पहुंचें.
  • आवश्यक रूप से, ये सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
  • निजी क्षेत्र के ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सकों को, जहां सरकारी क्षेत्र के चिकित्सक उपलब्ध या पर्याप्त नहीं हैं, वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • एकल खिड़की प्रणाली के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, यह सुनिश्चित किया गया है, कि पीएमएसएमए क्लीनिक में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को जांच का न्यूनतम पैकेज (गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड सहित) तथा दवाएं जैसे कि आइएफए सप्लीमेंट, कैल्शियम सप्लीमेंट आदि प्रदान की जाएगी.
  • गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं दी जाएगी.
  • उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फॉलो-अप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है. स्टीकर, जो कि गर्भवती महिला की स्थिति एवं जोखिम के कारक को दर्शाएगा, इस स्टीकर को एमसीपी कार्ड पर हर जांच के दौरान जोड़ा जाएगा.

हरा स्टीकर- सामान्य गर्भावस्था वाली महिला होने पर

लाल स्टीकर- उच्च जोखिम वाली महिला होने पर

निजी/स्वैच्छिक क्षेत्रों को शामिल करने के लिए पीएमएसएमए एवं मोबाइल एप्लीकेशन को राष्ट्रीय पोर्टल पर विकसित किया गया है.

भारत के राज्यों एवं जिलों में पीएमएसएमए के लिए ‘मैं शपथ लेता हूँ’ के तहत व्यक्तिगत व समूह उपलब्धियों तथा स्वैच्छिक योगदान को सम्मानित करने के लिए सफल पुरस्कार योजना तैयार की गयी है

कोरिया : 9 नवंबर को डॉ शर्मा अस्पताल महलपारा बैकुंठपुर मे निःशुल्क सोनोग्राफी शिविर का आयोजन किया (free sonography camp in koriya) गया. जिसके अंतर्गत 60 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी एवं उपचार किया गया. डॉ शर्मा अस्पताल के संचालक डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत यह नि:शुल्क सोनोग्राफी शिविर का आयोजन डॉ शर्मा अस्पताल में किया गया. जिसमें 60 गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क सोनोग्राफी हुआ. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाये जा रहे इस सराहनीय योजना में शर्मा अस्पताल ने भी अपनी भागीदारी दी. (Koriya latest news )

क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (Prime Minister Safe Motherhood Campaign)

  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है.
  • इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा.
  • इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
  • निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों/चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
  • माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की हाल की कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की.
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीके से कम से कम एक बार जांच की जाएं और इस अभियान का उचित पालन किया जाएं, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं.

    प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है.
  • इस अभियान के तहत लाभार्थियों को हर महीने की नवीं तारीख को प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं (जांच और दवाओं सहित) का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा. यदि किसी माह में नवीं तारीख को रविवार या राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस पर यह दिवस आयोजित किया जाएगा.
  • इन सेवाओं को स्वास्थ्य सुविधा/आउटरीच पर नियमित एएनसी के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा.
  • इन सेवाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निर्धारित सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी/सीएचसी,डीएच/शहरी स्वास्थ्य केंद्रों) पर उपलब्ध कराया जाएगा.
  • जब कि इसका लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना है, पर विशेष रूप से यह प्रयास होगा कि वे महिलाएं जिन्होंने एएनसी के लिए रजिस्टर नहीं किया है, तथा जिन्होंने रजिस्टर किया है, लेकिन एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है, एवं उच्च ज़ोखिम गर्भवती महिलाओं तक पहुंचें.
  • आवश्यक रूप से, ये सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
  • निजी क्षेत्र के ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सकों को, जहां सरकारी क्षेत्र के चिकित्सक उपलब्ध या पर्याप्त नहीं हैं, वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • एकल खिड़की प्रणाली के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, यह सुनिश्चित किया गया है, कि पीएमएसएमए क्लीनिक में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को जांच का न्यूनतम पैकेज (गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड सहित) तथा दवाएं जैसे कि आइएफए सप्लीमेंट, कैल्शियम सप्लीमेंट आदि प्रदान की जाएगी.
  • गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं दी जाएगी.
  • उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फॉलो-अप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है. स्टीकर, जो कि गर्भवती महिला की स्थिति एवं जोखिम के कारक को दर्शाएगा, इस स्टीकर को एमसीपी कार्ड पर हर जांच के दौरान जोड़ा जाएगा.

हरा स्टीकर- सामान्य गर्भावस्था वाली महिला होने पर

लाल स्टीकर- उच्च जोखिम वाली महिला होने पर

निजी/स्वैच्छिक क्षेत्रों को शामिल करने के लिए पीएमएसएमए एवं मोबाइल एप्लीकेशन को राष्ट्रीय पोर्टल पर विकसित किया गया है.

भारत के राज्यों एवं जिलों में पीएमएसएमए के लिए ‘मैं शपथ लेता हूँ’ के तहत व्यक्तिगत व समूह उपलब्धियों तथा स्वैच्छिक योगदान को सम्मानित करने के लिए सफल पुरस्कार योजना तैयार की गयी है

Last Updated : Nov 10, 2022, 1:24 PM IST
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