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रकबा कम होने से किसान परेशान, पूर्व मंत्री भैया लाल राजवाड़े ने दी आंदोलन की चेतावनी

किसानों के रकबे में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. पूर्व केबिनेट मंत्री भैया लाल राजवाड़े का भी रकबा कम हुआ है. पूर्व मंत्री ने कहा है कि अगर इसी तरह किसानो का रकबा कटेगा या उनके पंजीयन में समस्या आएगी तो हम किसान हित मे आंदोलन करेंगे.

Farmers upset due to reduced paddy acreage
पूर्व मंत्री भैया लाल राजवाड़े ने दी आंदोलन की चेतावनी
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Published : Dec 7, 2020, 5:07 AM IST

कोरिया: छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू हो गई है. लेकिन लगातार किसानों के रकबे में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही जिन किसानों का रकबा कम हुआ है. वो भी रकबा सुधरवाने के लिए परेशान हैं. कुछ किसानों की माने तो प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हे घाटा सहना पड़ रहा है.

रकबा कम होने से किसान परेशान

बता दें कि पूर्व केबिनेट मंत्री भैया लाल राजवाड़े का भी रकबा कम हुआ है. भईया लाल राजवाड़े किसानों के साथ धान खरीदी केंद्र पहुंचे थे. उनका लगभग 28 क्विंटल धान का रकबा कम हुआ है. रजवाडे़ ने बताया कि साल 2019-20 में धान का रकबा 3.77 और 2020-21 में रकबा 3.00 हो गया है. ऐसे में अब 110. 40 क्विंटल धान ही बेच सकेंगे. उन्हें करीब 28.63 क्विंटल धान का नुकसान होगा.

पढ़ें: किसान आंदोलन और धान खरीदी पर घमासान, सीएम बघेल और रमन के बीच जुबानी जंग तेज

पूर्व केबिनेट मंत्री ने दी चेतावनी

पूर्व मंत्री भैया लाल ने कहा है कि अगर इसी तरह किसानो का रकबा कटेगा या उनके पंजीयन में समस्या आएगी तो हम किसान हित मे आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि BJP की 15 साल की सरकार में किसान को कभी इतना परेशान नहीं होना पड़ा है. आज अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं.

पढ़ें: रायगढ़: धान खरीदी के लिए 7 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन, किसान बढ़े लेकिन रकबा हुआ कम

इस साल धान गिरदावरी में धान खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों का रकबा कम कर दिया गया है. वहीं अनेक ऐसे किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब हो गया है. एक तरफ जहां किसानों का रकबा घटा दिया गया है. तो वहीं किसानों का ऑनलाइन पंजीयन भी नहीं हो पाया है. पर अब जब किसान मंडी पहुंच रहे हैं तो उन्हें पता चल रहा है कि उनका पंजीयन ही नहीं हुआ है.

पढ़ें: बेमेतरा: किसानों के ऑनलाइन पंजीयन में गड़बड़ी, सुधार की मांग को लेकर सभापति ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

किसान हो रहा परेशान

किसानों ने बताया कि गिरदावरी में जिन किसानों का रकबा कम हुआ है जो वास्तव में ऐसी कृषि भूमि है जिनमें धान ही लगाया जाता है. समस्या यह है कि रकबा कम होने से किसान अपना पूरा धान नहीं बेच पाएंगे. ऐसी परिस्थिति में किसानों का ऋण का भुगतान भी नहीं हो पाएगा. जिले में ऐसे भी कई किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब कर दिया गया हैं.

कोरिया: छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू हो गई है. लेकिन लगातार किसानों के रकबे में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही जिन किसानों का रकबा कम हुआ है. वो भी रकबा सुधरवाने के लिए परेशान हैं. कुछ किसानों की माने तो प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हे घाटा सहना पड़ रहा है.

रकबा कम होने से किसान परेशान

बता दें कि पूर्व केबिनेट मंत्री भैया लाल राजवाड़े का भी रकबा कम हुआ है. भईया लाल राजवाड़े किसानों के साथ धान खरीदी केंद्र पहुंचे थे. उनका लगभग 28 क्विंटल धान का रकबा कम हुआ है. रजवाडे़ ने बताया कि साल 2019-20 में धान का रकबा 3.77 और 2020-21 में रकबा 3.00 हो गया है. ऐसे में अब 110. 40 क्विंटल धान ही बेच सकेंगे. उन्हें करीब 28.63 क्विंटल धान का नुकसान होगा.

पढ़ें: किसान आंदोलन और धान खरीदी पर घमासान, सीएम बघेल और रमन के बीच जुबानी जंग तेज

पूर्व केबिनेट मंत्री ने दी चेतावनी

पूर्व मंत्री भैया लाल ने कहा है कि अगर इसी तरह किसानो का रकबा कटेगा या उनके पंजीयन में समस्या आएगी तो हम किसान हित मे आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि BJP की 15 साल की सरकार में किसान को कभी इतना परेशान नहीं होना पड़ा है. आज अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं.

पढ़ें: रायगढ़: धान खरीदी के लिए 7 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन, किसान बढ़े लेकिन रकबा हुआ कम

इस साल धान गिरदावरी में धान खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों का रकबा कम कर दिया गया है. वहीं अनेक ऐसे किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब हो गया है. एक तरफ जहां किसानों का रकबा घटा दिया गया है. तो वहीं किसानों का ऑनलाइन पंजीयन भी नहीं हो पाया है. पर अब जब किसान मंडी पहुंच रहे हैं तो उन्हें पता चल रहा है कि उनका पंजीयन ही नहीं हुआ है.

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किसान हो रहा परेशान

किसानों ने बताया कि गिरदावरी में जिन किसानों का रकबा कम हुआ है जो वास्तव में ऐसी कृषि भूमि है जिनमें धान ही लगाया जाता है. समस्या यह है कि रकबा कम होने से किसान अपना पूरा धान नहीं बेच पाएंगे. ऐसी परिस्थिति में किसानों का ऋण का भुगतान भी नहीं हो पाएगा. जिले में ऐसे भी कई किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब कर दिया गया हैं.

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