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चिंता की लकीरों से भरा है अन्नदाता का ललाट, आसमान से 'राहत' बरसने का है इंतजार

कोरिया जिले में बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. तेज धूप से धान के पौधे झुलसने लगे हैं. मौसम में नमी आने की जगह उमस और गर्मी की मार पड़ रही है. हजारों एकड़ के खेतों में बस चारों तरफ दरारें ही दरारें दिख रही है.

किसान
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Published : Jul 24, 2019, 8:46 AM IST

कोरिया: कब बरसेंगे बदरा, मौसम कब होगा मेहरबान, इस सवाल ने अन्नदाता को घेर रखा है. मौसम की बेरुखी बरकरार है. खेतों में रोपे गए फसल बरसात की बूंदों का इंतजार कर रहे हैं. प्यासी जमीन बौझारों को तरस रही है. कोरिया जिले के ग्रामीण अंचल के हजारों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.

आसमान से 'राहत' बरसने का इंतजार


बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. तेज धूप से धान के पौधे झुलसने लगे हैं. मौसम में नमी आने की जगह उमस और गर्मी की मार पड़ रही है. हजारों एकड़ के खेतों में बस चारों तरफ दरारें ही दरारें दिख रही है. इससे चिंतित किसान अब बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं.

सूखने के कगार पर धान के पौधे
खेत में बड़ी-बड़ी दरारें दिख रही हैं. इससे जिले के बैकुंठपुर से लेकर सोहनत, मनेंद्रगढ़, खड़गवां और भरतपुर तहसील क्षेत्र के हजारों अन्नदाता परेशान हैं. गांव के किसानों का कहना है कि आषाढ़ का महीना बीत गया, अब सावन आ गया है, लेकिन अब तक बरसात नहीं हुई है, जिससे धान के पौधे सूखने के कगार पर हैं.

धान रोपा के लिए निकल रहा है समय
किसानों ने बताया कि महंगे हाइब्रिड धान के बीज बोए गए थे, लेकिन बारिश की मार ने किए कराए मेहनत पर पानी फेर दिया है. हाइब्रिड धान का 110 से 120 दिन के भीतर रोपा लगाना पड़ता है, लेकिन समय बीतने के बाद भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. सूबे की सरकार इन तस्वीरों को देखकर भी अनजान बन रही है. किसानों का दर्द न जिला प्रशासन को दिख रहा है और न ही जन प्रतिनिधियों को.

कोरिया: कब बरसेंगे बदरा, मौसम कब होगा मेहरबान, इस सवाल ने अन्नदाता को घेर रखा है. मौसम की बेरुखी बरकरार है. खेतों में रोपे गए फसल बरसात की बूंदों का इंतजार कर रहे हैं. प्यासी जमीन बौझारों को तरस रही है. कोरिया जिले के ग्रामीण अंचल के हजारों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.

आसमान से 'राहत' बरसने का इंतजार


बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं. तेज धूप से धान के पौधे झुलसने लगे हैं. मौसम में नमी आने की जगह उमस और गर्मी की मार पड़ रही है. हजारों एकड़ के खेतों में बस चारों तरफ दरारें ही दरारें दिख रही है. इससे चिंतित किसान अब बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं.

सूखने के कगार पर धान के पौधे
खेत में बड़ी-बड़ी दरारें दिख रही हैं. इससे जिले के बैकुंठपुर से लेकर सोहनत, मनेंद्रगढ़, खड़गवां और भरतपुर तहसील क्षेत्र के हजारों अन्नदाता परेशान हैं. गांव के किसानों का कहना है कि आषाढ़ का महीना बीत गया, अब सावन आ गया है, लेकिन अब तक बरसात नहीं हुई है, जिससे धान के पौधे सूखने के कगार पर हैं.

धान रोपा के लिए निकल रहा है समय
किसानों ने बताया कि महंगे हाइब्रिड धान के बीज बोए गए थे, लेकिन बारिश की मार ने किए कराए मेहनत पर पानी फेर दिया है. हाइब्रिड धान का 110 से 120 दिन के भीतर रोपा लगाना पड़ता है, लेकिन समय बीतने के बाद भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. सूबे की सरकार इन तस्वीरों को देखकर भी अनजान बन रही है. किसानों का दर्द न जिला प्रशासन को दिख रहा है और न ही जन प्रतिनिधियों को.

Intro:एंकर -कोरिया जिले में इस बार बारिश नहीं होने के कारण और पानी के अभाव से लगभग धान की नर्सरी सूखने लगी है जिले के ग्रामीण अंचल वाले खेतों में जगह-जगह दरार पड़ने और पर्याप्त पानी नहीं मिलने से धान की नर्सरी लगभग मरने लगे हैं जिससे ग्रामीण अंचल में किसान काफी चिंतित नजर आ रहे है ।

Body:वी ओ-1 कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लेकर सोहनत ,मनेंद्रगढ़,खड़गवां व भरतपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में अन्नदाता परेशानी में है गांव के किसानो का कहना है कि आषाढ़ के पूरा महीने बीतने वाला है 15 दिन बीत चुके हैं अब तक बरसात नहीं है और खेतो में पानी नही होने से धान की नर्सरी पूरा सूखा पड़ा है । वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी आँख बंद कर दिया है इन किसानों का कोई सुध लेने वाला भी नजर नही आ रहा है जहाँ किसानों ने बताया कि हाइब्रिड धान को 110 से 120 दिन के भीतर रोपा लगाना पड़ता है समय बीतने के बाद भी पर्याप्त उपज नहीं मिलता है और खेतों की सिंचाई करने का कोई साधन भी नहीं है ।
Conclusion:प्रदेश की सरकार विधानसभा सत्र में मशगूल है दूसरी तरफ इन तस्वीरों को देखकर और जिले में अब तक बारिश नही होने से किसानों के दर्द को ना जिला प्रशासन के कलेक्टर ने इस और ध्यान दिया और ना ही जिले के तीनों विधानसभा के विधायकों ने भी अब तक ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा तक नही किया

बाइट-1 बुधु सिंह किसान ,
बाइट-2 मोहन लाल किसान
बाइट-3 सुकामन बाई
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