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कोरिया: जल संसाधन विभाग की करोड़ों की योजना चढ़ी भष्टाचार की भेंट, किसानों को नहीं मिल रहा लाभ - कोरिया की खबरें

कोरिया के भरतपुर में मेहदौली गांव में 8 साल पहले जल संसाधन विभाग ने सिंचाई करने के लिए एक योजना के तहत निर्माण कार्य किया, लेकिन आज तक यहां के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया.

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जल संसाधन विभाग की करोड़ों की योजना चढ़ी भष्टाचार की भेंट
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Published : Oct 2, 2020, 7:55 AM IST

कोरिया: विकासखंड भरतपुर के ग्राम मेहदौली में जल संसाधन विभाग ने करीब 6 करोड़ की लागत से सिंचाई योजना बनाई. जिसे बने हुए करीब 8 साल बीत गए, लेकिन इस सिंचाई योजना का लाभ आज तक क्षेत्र के किसी भी किसान को नहीं मिला. इसके अलावा मेहदौली में 5 लाख रुपए की लागत से बने स्टॉप डैम का इस्तेमाल किया जा रहा है. किसान इसी स्टॉप डैम से अपने दैनिक जीवन के लिए पानी की आपूर्ति करते आ रहे हैं. इसके साथ ही स्टॉप डैम के ही पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं.

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सिंचाई योजना के तहत किए गए निर्माण से किसानों को नहीं मिलता पानी

अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर करोड़ों रुपए क्यों और किसके लिए खर्च कर दिए गए, ये जांच का विषय है. आरोप है कि जल संसाधन विभाग ने फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए निकाल लिए. मेहदौली गांव में खेतों की सिंचाई के लिए किए गए इस निर्माण कार्य में सिर्फ बड़े-बड़े पाइप लगे हुए देखे जा सकते हैं, जिनमें पानी की एक बूंद भी नजर नहीं आती.

इस मामले को लेकर कई बार गांव मेहदौली में रहने वाले कुछ दलों के लोगों ने आमरण अनशन भी किया, लेकिन उन्हें सिर्फ जांच का आश्वासन मिला. इसके बावजूद आज तक कोई जांच नहीं हुई. जांच टीम का गठन जरूर किया गया, लेकिन जांच नहीं की गई.

पढ़ें- कोरिया: क्रेडा ने किया ग्रामीणों के जीवन में उजाला, सौर ऊर्जा से घर हो रहे रोशन

सरकारें आती हैं, जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कई काम सालों तक इसी तरह अधूरे रह जाते हैं, जिन्हें न कोई देखने वाला होता है और न ही जिस पर कोई सुनवाई होती है. बहरहाल मेहदौली गांव को सिंचाई की सुविधा देने के लिए किया गया ये निर्माण कार्य कब पूरा होगा, ये देखने वाली बात होगी.

कोरिया: विकासखंड भरतपुर के ग्राम मेहदौली में जल संसाधन विभाग ने करीब 6 करोड़ की लागत से सिंचाई योजना बनाई. जिसे बने हुए करीब 8 साल बीत गए, लेकिन इस सिंचाई योजना का लाभ आज तक क्षेत्र के किसी भी किसान को नहीं मिला. इसके अलावा मेहदौली में 5 लाख रुपए की लागत से बने स्टॉप डैम का इस्तेमाल किया जा रहा है. किसान इसी स्टॉप डैम से अपने दैनिक जीवन के लिए पानी की आपूर्ति करते आ रहे हैं. इसके साथ ही स्टॉप डैम के ही पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं.

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सिंचाई योजना के तहत किए गए निर्माण से किसानों को नहीं मिलता पानी

अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर करोड़ों रुपए क्यों और किसके लिए खर्च कर दिए गए, ये जांच का विषय है. आरोप है कि जल संसाधन विभाग ने फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए निकाल लिए. मेहदौली गांव में खेतों की सिंचाई के लिए किए गए इस निर्माण कार्य में सिर्फ बड़े-बड़े पाइप लगे हुए देखे जा सकते हैं, जिनमें पानी की एक बूंद भी नजर नहीं आती.

इस मामले को लेकर कई बार गांव मेहदौली में रहने वाले कुछ दलों के लोगों ने आमरण अनशन भी किया, लेकिन उन्हें सिर्फ जांच का आश्वासन मिला. इसके बावजूद आज तक कोई जांच नहीं हुई. जांच टीम का गठन जरूर किया गया, लेकिन जांच नहीं की गई.

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सरकारें आती हैं, जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कई काम सालों तक इसी तरह अधूरे रह जाते हैं, जिन्हें न कोई देखने वाला होता है और न ही जिस पर कोई सुनवाई होती है. बहरहाल मेहदौली गांव को सिंचाई की सुविधा देने के लिए किया गया ये निर्माण कार्य कब पूरा होगा, ये देखने वाली बात होगी.

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