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वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन नाराज, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन - CM Bhupesh Baghel latest news

वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने के विरोध में कोरिया के कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार को प्रदर्शन किया है. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

employees federation protest against ban on salary increment in koriya
वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन नाराज
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Published : Jul 2, 2020, 5:39 PM IST

Updated : Jul 2, 2020, 9:25 PM IST

कोरिया : जिले में गुरुवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार के नीति का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि इससे पहले 6 जून को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी मांग रखी थी. वहीं मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोशित कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम फिर से ज्ञापन सौंपकर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.

वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से नाराज कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक समस्‍याओं को देखते हुए भूपेश सरकार ने राज्‍य के शासकीय कर्मचारियों की वेतन वृद्ध‍ि पर रोक लगा दी है. वित्त विभाग ने कहा है कि, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जुलाई, 2020 से मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है. हालांकि 1 जनवरी 2021 और 1 जुलाई 2021 को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर यह रोक लागू नहीं होगी. सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की लगातार मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

आंदोलन की चेतावनी

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने का विरोध 10 जून को काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन भी किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने गुरुवार यानी 2 जुलाई को फिर से ज्ञापन सौंपा हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 1 जुलाई को इंक्रीमेंट का आदेश जारी नहीं हुआ है. इसलिए भारी तादाद में कोरिया के कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को रखा है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर समय पर मांगें नहीं मानी जाएगी तो आने वाले 12 जुलाई को फेडरेशन के पदाधिकारियों की बैठक के बाद कर्मचारी के हित मे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.

पढ़ें: सूरजपुर : वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से कर्मचारी संघ नाराज, काली पट्टी लगाकर किया विरोध

फेडरेशन ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी कार्य करने के आरोप लागए हैं. वहीं वेतन वृद्ध‍ि पर रोक के फैसले को वापस लेने के साथ ही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने भूपेश सरकार से कई और मांगें भी की हैं.

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की मांगें

  • 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि रोक संबंधी आदेश को निरस्त करते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि जारी रखने की मांग की गई है.
  • कोरोना काल में लगे समस्त कर्मचारी-अधिकारी जो जान जोखिम में डालकर सेवाएं दें रहे हैं, उन्हें 50 लाख बीमा राशि और जोखिम भत्ता देने की मांग की गई है.
  • छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2019 और जनवरी 2020 से देय का कुल 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता का जल्द भुगतान किए जाने की मांग की गई है..

सातवें वेतनमान का एरियस नहीं देने पर भी कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने नाराजगी जाहिर की है.

कोरिया : जिले में गुरुवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार के नीति का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि इससे पहले 6 जून को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी मांग रखी थी. वहीं मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोशित कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम फिर से ज्ञापन सौंपकर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.

वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से नाराज कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक समस्‍याओं को देखते हुए भूपेश सरकार ने राज्‍य के शासकीय कर्मचारियों की वेतन वृद्ध‍ि पर रोक लगा दी है. वित्त विभाग ने कहा है कि, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जुलाई, 2020 से मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है. हालांकि 1 जनवरी 2021 और 1 जुलाई 2021 को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर यह रोक लागू नहीं होगी. सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की लगातार मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

आंदोलन की चेतावनी

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने का विरोध 10 जून को काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन भी किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने गुरुवार यानी 2 जुलाई को फिर से ज्ञापन सौंपा हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 1 जुलाई को इंक्रीमेंट का आदेश जारी नहीं हुआ है. इसलिए भारी तादाद में कोरिया के कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को रखा है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर समय पर मांगें नहीं मानी जाएगी तो आने वाले 12 जुलाई को फेडरेशन के पदाधिकारियों की बैठक के बाद कर्मचारी के हित मे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.

पढ़ें: सूरजपुर : वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक से कर्मचारी संघ नाराज, काली पट्टी लगाकर किया विरोध

फेडरेशन ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी कार्य करने के आरोप लागए हैं. वहीं वेतन वृद्ध‍ि पर रोक के फैसले को वापस लेने के साथ ही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने भूपेश सरकार से कई और मांगें भी की हैं.

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की मांगें

  • 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि रोक संबंधी आदेश को निरस्त करते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि जारी रखने की मांग की गई है.
  • कोरोना काल में लगे समस्त कर्मचारी-अधिकारी जो जान जोखिम में डालकर सेवाएं दें रहे हैं, उन्हें 50 लाख बीमा राशि और जोखिम भत्ता देने की मांग की गई है.
  • छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2019 और जनवरी 2020 से देय का कुल 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता का जल्द भुगतान किए जाने की मांग की गई है..

सातवें वेतनमान का एरियस नहीं देने पर भी कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने नाराजगी जाहिर की है.

Last Updated : Jul 2, 2020, 9:25 PM IST
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