कोरिया: जिला मुख्यालय से लगभग 180 किलोमीटर दूर ग्राम मट्टा में पिछले कई साल से सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की व्यवस्था की जा रही है. करीब 300 से ज्यादा परिवार अंधकार में अपना जीवन यापन करने को मजबूर थे. लेकिन क्रेडा उनके जीवन में रोशनी लेकर आया. ग्रामवासियों को शाम 6 से सुबह 6 बजे तक अपने दैनिक कार्य के लिए सौर ऊर्जा उपलब्ध होती है. बच्चों का पढ़ाई करना, टेलीविजन देखना, कूलर ,पंखा ,कपड़े प्रेस करना आदि कामों में बिजली का उपयोग ग्रामीण करते हैं. आवश्यकता पड़ने पर दिन में भी सोलर पंप और बिजली से जुड़े उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है.
ग्रामीणों ने कहा कि सौर ऊर्जा से टीवी, बल्ब जैसे उपकरण तो चल जाते है लेकिन और भी कई दिक्कतें है. हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमारे गांव तक बिजली पहुंचाई जाए. 2007 से अब तक सोलर ऊर्जा से काम चल रहा है.
क्रेडा यानी छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा विकास अभिकरण, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के अंदर विद्युत पहुंच विहीन गांवों में सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाना और अन्य स्रोतों से मिलने वाली ऊर्जा की बचत करना है. छत्तीसगढ़ की क्रेडा योजना के तहत ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है. क्रेडा के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिया जा रहा है. जैसे राष्ट्रीय बायोगैस में सोलर पावर प्लांट से इलेक्ट्रिफिकेशन, सोलर होम लाइट ग्रामीण विद्युतीकरण, बिजली पहुंच विहीन छात्रावासों में लाइट, स्वास्थ्य केंद्र में लाइट, पुलिस थाना में लाइट, सरकारी भवनों में लाइट, सोलर स्टडी लैम्प और अन्य प्रकार के बिजली के उपकरण में काम आ रहा है.
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार
कोरिया जिले के बिशुनपुर के किसान अंचल कुमार राजवाड़े ने बताया कि सौर पंप की वजह से एडवांस में धान की फसल लगाए थे जो कि पक गई है. इसी प्रकार खेतों में भी सोलर पंप का उपयोग किया जा रहा है. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है.