एमसीबी : वनाधिकार संवाद पदयात्रा में शामिल एकता परिषद के राजेन्द्र चंदेल ग्रामीणों से जनसंवाद कर उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुचाएंगे. छतीसगढ़ के पंद्रह जिलों में वनाधिकार संवाद पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसी के तहत मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के भरतपुर विकासखण्ड में यह पदयात्रा निकाली गई. पदयात्रा में प्रमुख रूप से वनाधिकार कानून के आधे अधूरे क्रियान्वयन को लेकर लोगों को जागरुक किया जाएगा.
जमीन का मालिकाना हक देने की मांग : पदयात्रा में शामिल सुंदर पंडो के मुताबिक '' जंगल जमीन पट्टा के लिए हम लोग यह यात्रा निकाले हैं. मैं जमीन खुद जोत रहा हूं. सन् 1993-94 से आज तक हम लोगों को मालिकाना हक नहीं मिला. जंगल वाले परेशान करते हैं. हमारे गरीब लोग दावा फॉर्म भी जमा करते हैं तो आफत कर देते हैं. इस कारण हम लोग शासन प्रशासन तक यह रैली द्वारा अपना ज्ञापन पहुंचा रहे हैं. इस उद्देश्य से हम लोग चले हैं कि गरीबों का भला के साथ दूसरों का भी भला हो जाए .हम लोगों की भी सुनवाई होगी. इसलिए कि हम लोग 100 लोग हैं और क्यों नहीं सुनवाई होगी जो गांव-गांव में समिति बनाई हुई है पट्टा के लिए उसका क्या कोई महत्व नहीं है.''
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कब तक चलेगी पदयात्रा : राजेंद्र चंदेल ने बताया कि '' पदयात्रा तीन दिवसीय है.गांव की भूमि समस्याओं को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा . इसके निराकरण की मांग की जाएगी. पदयात्रा का इसलिए आयोजन किया गया है कि जो वन अधिकार कानून इस देश में लागू है उस कानून का सही से पालन नहीं हो रहा है. इसलिए हम लोग चाहते हैं कि इस कानून का सही क्रियान्वयन और पालन हो.पदयात्रा का आयोजन हम लोग किए हैं."
राजेंद्र चंदेल ने आगे कहा कि" वन अधिकार को लेकर गांव गांव में एक समिति बनाई गई है जो वन भूमि में या राजस्व भूमि में खेती कर अपने परिवार को पालते हैं. उनको उस जमीन का अधिकार देने के लिए समिति बनाई गई है. वन अधिकार समिति केवल कागज में ही है धरातल में उसका कोई उपयोग नहीं होता है. जो भी गांव में है जो कब्जा किए हैं जो दावा करते हैं वह पंचायत के सचिव को देते हैं. उसके द्वारा संबंधित विभाग को दिया जाता है. जो कि वह गलत है. उसे संबंधित विभाग को नहीं देना चाहिए था. उसे वन समिति को देना चाहिए था.''