एमसीबी: जल संसाधन विभाग ने खेती किसानी करने वाले लोगों के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके नहर बनाया है. लेकिन किसानों के खेतों में अबतक नहर से पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच पाई है. नहर पूरी तरह जर्जर हालत में है. क्षेत्र के किसान ननकु ने बताया कि "पानी नहीं आ रहा है. पाइप लगा है, लेकिन इसमें एक बूंद पानी नहीं आता है. हमेशा सूखा रहता है. आज कई साल हो गया है. पानी तो आ ही नहीं रहा है. भगवान भरोसे खेती हो रही है."
अन्नदाता परेशान: किसान राकेश सोनी ने बताया कि "बड़े बड़े पुल बनाए गए हैं. नहर की खुदाई आज तक नहीं हो सकी है. पैसा निकल गया. क्या हुआ, कैसा हुआ पता ही नहीं चला. योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई है. किसान परेशान हैं."
क्या कहते हैं अधिकारी: कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग ए टोप्पो ने बताया कि "जिस नहर की बात चल रही है, उसकी हमें पूरी तरह से जानकारी नहीं है. फिर भी हमने संबंधित अधिकारियों से पूछा था. उन्होंने बताया कि यह हमारे विभाग का मामला नहीं है. ऐसी जानकारी दे रहे हैं. लेकिन मैंने इसे अपने संज्ञान में ले लिया है. इसकी मैं पूरी पड़ताल करूंगा."
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किसानों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ: गांव की खेती किसानी करने वाले ग्रामीण नहर से पानी की आस लगाए बैठे हैं. फिलहाल किसान मेहदौली में 5 लाख रुपए की लागत से बने स्टॉप डैम के पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसानों के पास इस स्टॉप डेम के अलावा दूसरा कोई पानी का स्रोत भी नहीं है.स्टॉप डैम के ही पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. किसानों का कहना है कि नहर से पानी की व्यवस्था हो जाती है तो उन्हें खेती किसानी में बहुत मदद मिलेगी.