ETV Bharat / state

सरकारी छात्रावास में बच्चों को नहीं मिले कपड़े, ठंड में ठिठुरने को मजबूर छात्र

खोंगापानी बालक छात्रावास में शिक्षा विभाग की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. यहां अब तक छात्रों को कपड़े नहीं बाटे गए हैं. जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है.

सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी
सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी
author img

By

Published : Dec 23, 2019, 5:22 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 7:36 PM IST

कोरिया : जिले के खोंगापानी बालक छात्रावास में बच्चे ठंड में फटे कपड़े पहनने को मजबूर हैं. यहां के छात्रावास में रहने वाले बच्चों को हर साल कपड़ों का वितरण किया जाता था, लेकिन इस साल बच्चों में कपड़ों का वितरण नहीं किया गया. जिसकी वजह से वह फटे-पुराने कपड़े पहनने को मजबूर हैं.

सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी

दरअसल, बच्चों की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार ने नई योजनाएं शुरू की है, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ छात्रावास की व्यवस्था भी केंद्र सरकार की ओर से की गई है. लेकिन यहां बच्चे ठंड में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

Children are wearing torn clothes in Khongapani Boys Hostel
सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी

पढ़ें : जल संरक्षण के लिए CRPF की अनोखी पहल, नक्सल क्षेत्र में बना डाला तालाब

जब हमने छात्रावास में रहने वाले बच्चों से बात की तो बच्चों ने बताया कि, 'अभी कपड़ो को वितरण नहीं हुआ है, न ही उनके पास स्वेटर और शॉल है. जो कंबल भी दिया गया था वह भी पुराना हो चुका है जिससे बस काम चल रहा है'. अब इसे छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही या कमीशन का खेल कहे जिसका खामियाजा इन गरीब बच्चों को उठाना पड़ रहा है.

कोरिया : जिले के खोंगापानी बालक छात्रावास में बच्चे ठंड में फटे कपड़े पहनने को मजबूर हैं. यहां के छात्रावास में रहने वाले बच्चों को हर साल कपड़ों का वितरण किया जाता था, लेकिन इस साल बच्चों में कपड़ों का वितरण नहीं किया गया. जिसकी वजह से वह फटे-पुराने कपड़े पहनने को मजबूर हैं.

सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी

दरअसल, बच्चों की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार ने नई योजनाएं शुरू की है, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ छात्रावास की व्यवस्था भी केंद्र सरकार की ओर से की गई है. लेकिन यहां बच्चे ठंड में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

Children are wearing torn clothes in Khongapani Boys Hostel
सरकारी छात्रावास में अंधेरगर्दी

पढ़ें : जल संरक्षण के लिए CRPF की अनोखी पहल, नक्सल क्षेत्र में बना डाला तालाब

जब हमने छात्रावास में रहने वाले बच्चों से बात की तो बच्चों ने बताया कि, 'अभी कपड़ो को वितरण नहीं हुआ है, न ही उनके पास स्वेटर और शॉल है. जो कंबल भी दिया गया था वह भी पुराना हो चुका है जिससे बस काम चल रहा है'. अब इसे छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही या कमीशन का खेल कहे जिसका खामियाजा इन गरीब बच्चों को उठाना पड़ रहा है.

Intro: कोरिया जिले के खोंगापानी बालक छात्रावास में बच्चों को इस सत्र में टी-शर्ट और कैपरी नहीं मिले जिससे नौनिहाल बच्चे फटी टीशर्ट और कैपरी पहनकर छात्रावास में रहने को मजबूर हैं ।


Body: बच्चों की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार नई योजनाएं चलाई जा रही है जिससे गरीब परिवार के बच्चे साक्षर हो सके । केंद्र सरकार द्वारा छात्रावास की स्थापना की गई ताकि गरीब परिवार का बच्चा भी अपनी पढ़ाई जारी रख सके । गरीब परिवार ने अपने बच्चों को अपने से दूर भेजकर छात्रावास में दाखिला करवाते है ताकि बच्चे पढ़ लिख कर अपना , माँ-बाप और देश का नाम रौशन कर सके लेकिन इसे छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही या कमीशन का खेल कहे जिसका खामियाजा इन गरीब बच्चों को उठाना पड़ रहा है । जहां बच्चे आज भी अपनी गरीबी को भुला नहीं पा रहे हैं आप विसुअल में साफ देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि छात्रावास में बच्चे किस हालात में रहते हैं । जब हमने बच्चों से बात की तो बच्चों ने बताया कि अभी तक टी-शर्ट और कैपरी नहीं दिया गया है ना ही सभी बच्चों के पास स्वेटर है । कंबल भी 1 साल पुराना है जिससे वह काम चला रहे हैं बाइट - राजा बाबू(छात्र)
बाइट - शंकर सिंह (छात्र)
इस संबंध में जब हमने छात्रावास अधीक्षक से बात की तो उन्होंने कहा अभी दोपहर का समय है इसलिए बच्चे स्वेटर नहीं पहने हैं उनके पास नहीं है तो उनके परिवार गलती है परिवार वालो को देना चाहिये । छात्रावास में स्वेटर देने का प्रावधान नहीं है । टी-शर्ट कैपरी अभी नहीं दिया गया है जल्द ही उन्हें टी-शर्ट कैपरी दे दिया जाएगा ।
बाइट - अशोक मंडल (अधीक्षक बालक छात्रावास,खोंगापानी)


Conclusion:अधीक्षक की बात सुनकर महाजी अंदाजा लगा सकते हैं कि इन बच्चों से कोई सरकार नहीं है । पूरा सत्र खत्म होने को है लेकिन मिलने वाली सुविधा अभी भी नहीं मिली है ।
Last Updated : Dec 23, 2019, 7:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.