कोरिया: बैकुंठपुर परिक्षेत्र के सोंस गांव में भालू का पूरा परिवार एक कुएं के अंदर फंस गया था.जब सुबह गांववाले कुएं के पास से गुजरे तो उन्होंने देखा कि सूखे कुएं में भालू के साथ तीन शावक भी हैं.जो बाहर निकलने के लिए हल्ला मचा रहे हैं. इस बात की सूचना वन विभाग को ग्रामीणों ने दी.वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर भालुओं को निकालने का प्रयास किया.आखिरकार चार घंटे के रेस्क्यू के बाद भालुओं को कुएं से बाहर निकाला गया.
मूंगफली का स्वाद पड़ा महंगा : कोरिया वन मंडल के बैकुंठपुर परिक्षेत्र में सोंस गांव आता है.यहां के ग्रामीणों ने मूंगफली की खेती की है.आधी रात के बाद एक भालू अपने कुनबे के साथ सोंस के खेतों में मूंगफली का स्वाद चखने आया.लेकिन खेतों के पास ही एक कम गहराई का कुंआ भी थी.जो पेड़ और टहनियों से ढंका होने कारण भालुओं को नहीं दिखा.लिहाजा जब भालू का कुनबा टहनियों के बीच में से गुजरा तो सभी एक साथ कुएं में गिर गए.जब सुबह हुई तो भालुओं के चिल्लाने की आवाज ग्रामीणों के कानों में पड़ी. जिसके बाद वनविभाग की टीम के साथ ग्रामीणों ने रेस्क्यू चलाया.
भालुओं को देखने के लिए उमड़ी भीड़ : वन विभाग की टीम ने भालूओं को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया. दूसरी ओर कुएं का पानी बेहद ठंडा होने के कारण मादा भालू ने अपने शावकों को ढंककर रखा था. कुंए के चारों ओर भीड़ जमा होने की वजह से भालु डरने भी लगे. वन विभाग की टीम के साथ पहुंचे एसडीओ अखिलेश मिश्रा ने पहले कुछ लंबे बांस कुएं में डलवाए, ताकि भालू बांस के सहारे ऊपर आ सके.लेकिन जब भालू बाहर नहीं आए तो दूसरा तरीका अपनाया गया.
फलों की टोकरी भी भालुओं को नहीं ला पाई बाहर : कोरिया वन मंडल की डीएफओ प्रभाकर खलखो भी इस दौरान मौके पर पहुंची. जो अपने साथ टब, रस्सी, भालुओं के खाने के लिए फल लाई थी. टब में फल रखकर भालुओं के कुंए में उतारा गया. लेकिन भालु के बच्चे टब के अंदर नहीं आए.तब जेसीबी मंगवाकर कुएं का एक हिस्सा तोड़ा गया और फिर भालुओं के लिए रास्ता बनाकर सभी को सुरक्षित निकाला गया.जिसके बाद मादा भालू अपने बच्चों के साथ जंगल में वापस चली गई.