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कोरिया: गरीबों का सहारा रैन बसेरा बना खंडहर

कोरिया में आश्रय विहीन लोगों और यात्रियों के बैठने, सर्दी से बचाने के लिए रैन बसेरा बनाए गए थे, लेकिन अभी तक इनमें से एक भी रैन बसेरा का कमरा व्यवस्थित नही है. रात में सर्दी बढ़ने के साथ लोगों की परेशानियां भी बढ़ रही है.

bad condition of rain basera in koriya
कोरिया के रैन बसेरे की हलत
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Published : Dec 28, 2019, 3:12 PM IST

कोरिया: फुटपाथ पर जिंदगी बिताने वाले असहाय गरीबों को कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा की छत भी नसीब नहीं हो रही है. वहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से भी ठंड की रात में गरीब ठिठुर रहे हैं. अब तक प्रशासन की ओर से बंद पड़े रैन बसेरा को खुलवाने की कोई पहल भी नहीं की जा रही है.

रैन बसेरा बना खंडहर

शहर के बीचोंबीच बना रैन बसेरा कड़ाके की ठंड होने के बाद भी बंद है. जो कमरे खुले भी हैं वह धूल से भरे हैं. इन कमरों में न बिस्तर, न पानी-बिजली की व्यवस्था. ऐसे में असहाय आश्रय विहीन लोग और यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इतना ही नहीं कहीं पर रैन बसेरे का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.
पढ़ें- कोरिया: चुनाव में हार के बावजूद बीजेपी प्रत्याशी ने ऐसे जताया जनता का आभार

वहीं इस संबंध में नवनिर्वाचित पार्षद का कहना है कि वे अपनी पार्षद निधि से व्यवस्था करेंगे. रैन बसेरे की हालत की बात पर उन्होंने कहा कि इसके लिए नगर पालिका अधिकारी, पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए ध्यान नहीं देने की बात कही.

कोरिया: फुटपाथ पर जिंदगी बिताने वाले असहाय गरीबों को कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा की छत भी नसीब नहीं हो रही है. वहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से भी ठंड की रात में गरीब ठिठुर रहे हैं. अब तक प्रशासन की ओर से बंद पड़े रैन बसेरा को खुलवाने की कोई पहल भी नहीं की जा रही है.

रैन बसेरा बना खंडहर

शहर के बीचोंबीच बना रैन बसेरा कड़ाके की ठंड होने के बाद भी बंद है. जो कमरे खुले भी हैं वह धूल से भरे हैं. इन कमरों में न बिस्तर, न पानी-बिजली की व्यवस्था. ऐसे में असहाय आश्रय विहीन लोग और यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इतना ही नहीं कहीं पर रैन बसेरे का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.
पढ़ें- कोरिया: चुनाव में हार के बावजूद बीजेपी प्रत्याशी ने ऐसे जताया जनता का आभार

वहीं इस संबंध में नवनिर्वाचित पार्षद का कहना है कि वे अपनी पार्षद निधि से व्यवस्था करेंगे. रैन बसेरे की हालत की बात पर उन्होंने कहा कि इसके लिए नगर पालिका अधिकारी, पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए ध्यान नहीं देने की बात कही.

Intro:एंकर - दिनप्रतिदिन सर्दी का कहर बढ़ रहा है लोगों ने सर्दी से बचने के जतन करने शुरू कर दिए हैं । सूर्य निकलने से लेकर अस्त होने तक तो लोगों की ओर से जैसे-तैसे कर सर्दी से बचाव कर लिया जाता है । लेकिन रात को गरीब तबके के लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है ।


Body: फुटपाथ पर जिंदगी बिताने वाले असहाय गरीबों को कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा का छत भी नहीं मिल रहा है । वहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से भी ठंड की रात में गरीब ठिठुर रहे । अब तक प्रशासन की ओर से बंद पड़े रैन बसेरा को खुलवाने की कोई पहल नहीं की गई है । शहर के बीचोबीच बना रैन बसेरा कड़ाके की ठंड होने के बाद भी बंद पड़े रहे और जो कमरे खुले भी हैं वह धूल से भरे हुए हैं । इन कमरों में ना ही बिस्तर , ना ही पानी , बिजली की व्यवस्था है । ऐसे में असहाय आश्रय विहीन लोग और यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है । इतना ही नहीं कहीं पर रैन बसेरे का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। जिससे लोगों को रैन बसेरे की सुविधा नहीं मिल पा रही है । आश्रय विहीन इन लोगों और यात्रियों के बैठने व सर्दी से बचाने के लिए रैन बसेरा बनाए गए थे लेकिन अभी तक इनमें से एक भी रैन बसेरे के कमरे व्यवस्थित नही हैं । रात्रि में सर्दी का कहर बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं ।


Conclusion:वही इस संबंध में जब हमने नवनिर्वाचित पार्षद से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्षद निधि से व्यवस्था बनवाऊंगा और जब हमने रैन बसेरे की हालत की बात की तो उन्होंने नगरपालिका अधिकारी और पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया है ।
बाइट - श्यामसुंदर पोद्दार (नवनिर्वाचित पार्षद)
पी टू सी अमित श्रीवास्तव
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