एमसीबी : नगर पंचायत खोंगापानी के अध्यक्ष धीरेंद्र विश्वकर्मा ने अपने पद का फायदा उठाते हुए शासन की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है. वो थोड़ी जमीन नहीं करीब दो एकड़ वनभूमि पर बीजेपी नेता ने अपनी नजर गड़ाई थी.हैरान करने वाली बात ये है कि ये जमीन खोंगापानी पुलिस चौकी के ठीक पीछे है.जिसे स्थानीय लोग भैंसासुर नाला के नाम से जानते हैं.लेकिन इस भैंसासुर नाले में नगर के अध्यक्ष की नजरें इनायत हो गई.इस जमीन पर कब्जा करने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष ने पूरी ताकत झोंक दी.बकायदा दिन रात मजदूर लगाकर नाले के चारो तरफ बाउंड्री वाल बना दी गई. बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता अब तक 0.168 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर चुके हैं.फिलहाल बाउंड्रीवॉल बनाकर कब्जे वाली जमीन को जद में लाने की कोशिश की जा रही थी.
नगर पंचायत अध्यक्ष का विरोध : भैंसासुर नाले के पास करीब दो एकड़ जमीन कब्जा करने वाले बीजेपी नेता की नीयत का अंदाजा स्थानीय लोगों को हो गया.जिसके बाद धीरेंद्र विश्वकर्मा का विरोध शुरु हो गया. आपको बता दें कि नगर पंचायत खोंगापानी के वार्ड क्रमांक 4,8, 9,10 के रहवासियों के निस्तारण के लिए भैंसासुर नाला पर स्टॉप डेम बनवाया जा रहा था. एक नाले से लगी हुई जहां काफी जमीन खाली पड़ी हुई थी. जिसका आमजन अपने निस्तार के लिए उपयोग करते थे. भैंसासुर नाला के पास आरसीसी डैम बनाने का काम शुरू किया गया तो नगर पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी नेता धीरेंद्र विश्वकर्मा ने मौका देखकर पास पड़ी खाली जमीन पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया.
वनविभाग से शिकायत :जब अतिक्रमण लगातार बढ़ने लगा तो नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत जिले के आला अधिकारियों से की.इस बारे में उप वनमंडल अधिकारी लक्ष्मी नारायण ठाकुर का कहना है कि "जैसे ही हमें वन भूमि पर नगर पंचायत खोंगापानी के अध्यक्ष धीरेंद्र विश्वकर्मा के अवैध रूप से अतिक्रमण किए जाने की खबर मिली. हम मौके पर अमले के साथ पहुंचे और अतिक्रमण हटाया. दोषी नेता पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की.''
वन विभाग की सक्रियता के कारण बची जमीन :यदि वन विभाग कार्यवाई नहीं करता तो लगभग 2 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा हो गया होता. बहरहाल शासकीय निर्माण की आड़ में चल रहे वन भूमि पर अवैध कब्जे का खेल पूरा नहीं हो पाया.