कोरिया: छत्तीसगढ़ में पुलिस नशे के कारोबारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में रविवार को पुलिस ने दो टीम गठीत कर अलग-अलग जगह से नशे का कारोबार करते 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से नशीली दवाइयां भी बरामद की है जिसकी कुल कीमत 1 लाख के पार बताई जा रही है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग नशीली दवाइयां और ब्राउन शुगर बेचने के इरादे से मनेंद्रगढ़ आ रहें हैं. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दीनदयाल चौक के पास नाकाबंदी कर 4 युवकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी पोड़ी और हल्दीबाड़ी के रहने वाले हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से एविल, बियाल इंजेक्शन, रेक्सो और कई नशीली दवाइयां बरामद की है.
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छत्तीसगढ़ में बढ़ता नशे का कोरबार
एक ओर जहां गांव और शहर विकास की राह में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नशे की लत गांवों और शहरी क्षेत्रों में अपने पैर पसार रहा है. युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आकर बर्बादी की ओर रूख कर रही है. युवाओं का एक बड़ा वर्ग नशे के लिए टैबलेट, सिरप और बॉनफिक्स जैसी दवाइयों का उपयोग कर रहा है. इसमें मुख्य रूप से स्कूली बच्चे शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में पिछले 2 साल की तुलना में नशीले पदार्थों का करोबार तेजी से बढ़ा है. लगातार युवा वर्ग इसकी चपेट मे आकर अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बावजूद इसके पुलिस फलते-फूलते नशीले कारोबार को रोक पाने मे नाकामयाब साबित हो रहा है.
भारत में मादक पदार्थों का सेवन
सबसे अधिक इस्तेमाल होनी वाली ड्रग्स हैं- कच्ची अफीम, खसखस भूसी और हेरोइन. यह सभी अफीम के डेरिवेटिव हैं. इसके अलावा काउंटर पर बेची जाने वाली दवाएं हैं, जिनका ड्रग्स के लिए उपयोग होता है. भारत में ज्यादातर हेरोइन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से आती है.
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आंकड़ों की बात करें तो
- 27.3% पुरुष, 1.6% महिलाएं और 1.3% बच्चे (10 से 17 वर्ष) वर्तमान में शराब का सेवन करते हैं.
- 5% पुरुष, 0.6% महिलाएं, 0.9% बच्चे एवं किशोर कैनाबिस (भांग, चरस, गांजा) का सेवन करते हैं.
- 4% पुरुष, 0.2% महिलाएं, 1.8% किशोर ओपिओइड (स्मैक, डोडा, फूकी, पॉपी हस्क, हेरोइन) का सेवन करते हैं.
- इनहेलेन्ट ड्रग्स की लत बच्चों एवं किशोर वर्ग (1.17%) में वयस्कों (0.58%) की तुलना में अधिक है.
नशे का दुष्प्रभाव
- नशे के सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है और संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे भविष्य में नशे की लत को बढ़ावा मिलता है.
- नशे से मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और सोचने समझने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
- एकाग्रता, स्मृति, व्यक्तित्व और व्यवहार में समस्या.