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कोरिया : सांसद, स्वास्थ्य मंत्री और केंद्र से नहीं मिली मदद, बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा पिता - chhattisgarh news

बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा पिता

बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा पिता
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Published : Mar 13, 2019, 7:10 PM IST

कोरिया : जिले में एक लाचार पिता अपने बेटे की किडनी के इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ अजीत कुमार सिंह किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है जिसके इलाज के तीस लाख रुपए की जरूरत है, रुपए के इंतजाम के लिए पिता ने सांसद से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें सिर्फ और सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.

वीडियो

कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले अजीत कुमार सिंह मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर संविदा में पदस्थ हैं. बीते कुछ सालों से अजीत किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है.


इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम
बीमारी का पता चलने पर अजीत ने कई सालों तक इलाज के लिए महानगरों के चक्कर लगाए, लेकिन बीमारी बढ़ती ही चली गई. बीमारी के बहुत ज्यादा बढ़ने पर इलाज के लिए परिजन दिल्ली पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम करने की बात कही.


सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार
अजीत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में बेटे के इलाज के लिए 30 लाख रुपए जुटा पाना उशके पिता के लिए असंभव था, ऐसे में लाचार पिता ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.


अजीत के गृह ग्राम छपरा बिहार के सांसद ने अजीत की मदद के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर एक पत्र लिखा, लेकिन यहां भी नियमों के फेरबदल में उलझने के कारण पीड़ित को इलाज के लिए किसी तरह की मदद नहीं मिली.


स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी की मुलाकत
हर जगह से निराशा हाथ लगने पर भी बेबस पिता ने उम्मीद नहीं छोड़ी. उन्होंने अजीत के इलाज के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी मुलाकत की, लेकिन बाकि जगह की तरह ही वहां से भी किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई. मदद के तौर पर मंत्री टीएस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अजीत के उपचार का अनुरोध किया, लेकिन वहां से भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा.


उपचार के लिए सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार
हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद मजबूर पिता ने अजीत के उपचार के लिए सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है, ताकि अजीत एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सके और उसके परिवार के लोगों के चेहरों की मुस्कान लौट सके.

कोरिया : जिले में एक लाचार पिता अपने बेटे की किडनी के इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ अजीत कुमार सिंह किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है जिसके इलाज के तीस लाख रुपए की जरूरत है, रुपए के इंतजाम के लिए पिता ने सांसद से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें सिर्फ और सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.

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कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले अजीत कुमार सिंह मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर संविदा में पदस्थ हैं. बीते कुछ सालों से अजीत किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है.


इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम
बीमारी का पता चलने पर अजीत ने कई सालों तक इलाज के लिए महानगरों के चक्कर लगाए, लेकिन बीमारी बढ़ती ही चली गई. बीमारी के बहुत ज्यादा बढ़ने पर इलाज के लिए परिजन दिल्ली पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम करने की बात कही.


सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार
अजीत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में बेटे के इलाज के लिए 30 लाख रुपए जुटा पाना उशके पिता के लिए असंभव था, ऐसे में लाचार पिता ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.


अजीत के गृह ग्राम छपरा बिहार के सांसद ने अजीत की मदद के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर एक पत्र लिखा, लेकिन यहां भी नियमों के फेरबदल में उलझने के कारण पीड़ित को इलाज के लिए किसी तरह की मदद नहीं मिली.


स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी की मुलाकत
हर जगह से निराशा हाथ लगने पर भी बेबस पिता ने उम्मीद नहीं छोड़ी. उन्होंने अजीत के इलाज के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी मुलाकत की, लेकिन बाकि जगह की तरह ही वहां से भी किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई. मदद के तौर पर मंत्री टीएस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अजीत के उपचार का अनुरोध किया, लेकिन वहां से भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा.


उपचार के लिए सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार
हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद मजबूर पिता ने अजीत के उपचार के लिए सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है, ताकि अजीत एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सके और उसके परिवार के लोगों के चेहरों की मुस्कान लौट सके.

Intro:बाकी विसुअल और बाइट मेल पर है ।
एंकर-जब स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी को उपचार के लिए कोई मदद नहीं मिल रही तो आम आदमी को कितनी दिक्कतें होती होंगी यह आसानी से समझा जा सकता है और तो और जब युवक के उपचार के लिए उसके परिजनों ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो जो खुद एक डॉक्टर हैं उसके बावजूद भी सांसद कोटे से उसके उपचार में कोई रुचि नहीं दिखाई जिसके चलते मरीज के परिजन तिल तिल कर मर रहे हैं जब परिजन हर जगह से निराश हो गए तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अजीत के उपचार के लिए मदद की अपील कर रहे हैं ।


Body:कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले अजीत कुमार सिंह मनेंद्रगढ़ में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद संविदा में पदस्थ हैं बीते कुछ वर्षों से अजीत किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गए बीमारी का पता चलने पर कई वर्षों तक महानगरों में उनका उपचार कराया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ बीमारी बढ़ने पर परिजन उन्हें दिल्ली लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें उपचार के लिए ₹3000000 का इंतजाम करने को कहा है ऐसे हालात में अब परिवार के लोग हर संभव जगह मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाई


अपने बेबस बेटे के उपचार के लिए जब बुजुर्ग पिता को कहीं से कोई सहारा मिलता नहीं दिखा तो उन्होंने कोरबा सांसद बंशीलाल महतो से मुलाकात की तो उन्होंने वहां से भी निराशा ही हाथ लगी क्षेत्रीय सांसद ने इलाज के लिए कोई मदद तो नहीं की लेकिन अजीत के ग्रह ग्राम छपरा बिहार के सांसद ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर एक पत्र तो जरूर लिखा लेकिन यहां भी नियमों के फेरबदल में उलझने के कारण पीड़ित को इलाज के लिए कोई मदद नहीं मिल पाई अजीत के इलाज के लिए परिजनों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से भी चर्चा की तो उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अजीत के उपचार का अनुरोध किया लेकिन वहां भी कोई मदद नहीं मिल पाई ।
बाइट- मिथिलेश्वर सिंह मरीज के पिता
बाइट- संजीत सिंह पीड़ित का भाई


Conclusion:बहरहाल यदि समय रहते हैं अजीत का उपचार शुरू नहीं हुआ तो कुछ भी हो सकता है ऐसे में परिजनों ने एक बार फिर से हमारे चैनल के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है ताकि अजीत एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सके और उसके परिवार के लोगों के चेहरों पर खुशी दिख सके

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