कोरिया : जिले में एक लाचार पिता अपने बेटे की किडनी के इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. मनेंद्रगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ अजीत कुमार सिंह किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है जिसके इलाज के तीस लाख रुपए की जरूरत है, रुपए के इंतजाम के लिए पिता ने सांसद से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें सिर्फ और सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले अजीत कुमार सिंह मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर संविदा में पदस्थ हैं. बीते कुछ सालों से अजीत किडनी और लीवर की खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है.
इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम
बीमारी का पता चलने पर अजीत ने कई सालों तक इलाज के लिए महानगरों के चक्कर लगाए, लेकिन बीमारी बढ़ती ही चली गई. बीमारी के बहुत ज्यादा बढ़ने पर इलाज के लिए परिजन दिल्ली पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने इलाज के लिए तीस लाख रुपए के इंतजाम करने की बात कही.
सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार
अजीत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में बेटे के इलाज के लिए 30 लाख रुपए जुटा पाना उशके पिता के लिए असंभव था, ऐसे में लाचार पिता ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉक्टर बंशीलाल महतो से मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा.
अजीत के गृह ग्राम छपरा बिहार के सांसद ने अजीत की मदद के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर एक पत्र लिखा, लेकिन यहां भी नियमों के फेरबदल में उलझने के कारण पीड़ित को इलाज के लिए किसी तरह की मदद नहीं मिली.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी की मुलाकत
हर जगह से निराशा हाथ लगने पर भी बेबस पिता ने उम्मीद नहीं छोड़ी. उन्होंने अजीत के इलाज के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह से भी मुलाकत की, लेकिन बाकि जगह की तरह ही वहां से भी किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई. मदद के तौर पर मंत्री टीएस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अजीत के उपचार का अनुरोध किया, लेकिन वहां से भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा.
उपचार के लिए सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार
हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद मजबूर पिता ने अजीत के उपचार के लिए सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है, ताकि अजीत एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सके और उसके परिवार के लोगों के चेहरों की मुस्कान लौट सके.