कोरबा: youth festival पारंपरिक विधाओं के साथ ही संस्कृति और खेलों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को जिले में 2 दिनों तक चलने वाले युवा महोत्सव की शुरुआत हुई. इसका आयोजन जिला प्रशासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है. जहां जिले भर से 1 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है. शुक्रवार को भी महोत्सव का आयोजन जारी रहेगा. यहां अलग-अलग विधाओं में प्रतिभागी अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरेंगे.
38 विधाओं में खिलाड़ी कर रहे प्रदर्शन: युवा महोत्सव का शुभारंभ विद्युत गृह उच्चतर पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोरबा पूर्व क्र.1 के प्रांगण में हुआ. कार्यक्रम के पहले दिन जिले के 1073 प्रतिभागियों ने 38 प्रकार के विभिन्न विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर ने कहा कि "प्रदेश सरकार हमेशा से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक कला,संस्कृति और खेल गतिविधियों को महत्व देने का काम करते रही है. अब जिला स्तरीय युवा महोत्सव के माध्यम से जिले के ग्रामीण व शहरी अंचल के प्रतिभागियों को अपने प्रतिभा का प्रदर्शन करने का बेहतर अवसर मिल रहा है.
प्रतिभाओं को सांस्कृतिक मंच देने का प्रयास: इस अवसर पर कलेक्टर संजीव झा ने कहा कि "शासन प्रदेश के सांस्कृतिक, पारंपरिक व खेल विधाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है. इसके पूर्व जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ था. अब जिला स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन हो रहा है. कलेक्टर ने कहा कि ये अच्छी बात है कि दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन तक विभिन्न पारंपरिक लोक कला, नृत्य, खेल व अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए अधिक संख्या में प्रतिभागियों का पंजीयन हुआ है. जिससे स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ के लोक कला,नृत्य और पारंपरिक खेलों के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है.
इन विधाओं में प्रतिभागी कर रहे प्रदर्शन: युवा महोत्सव के पहले दिन 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग के 1073 प्रतिभागी सम्मिलित हुए. युवा महोत्सव के अंतिम दिवस शुक्रवार को 40 वर्ष आयु वर्ग से अधिक के प्रतिभागी शामिल होंगे. पहले दिन युवा महोत्सव में शामिल प्रतिभागियों ने 38 प्रकार के विधाओं जैसे पारंपरिक नृत्य सुआ, पंथी, कर्मा नाचा, सरहुल नाचा, बस्तरिया लोक नृत्य, राउत नाचा के अलावा पारंपरिक खेल फुगड़ी, भौरा, खो खो, कबड्डी, पारंपरिक वेशभूषा, चित्रकला, वाद विवाद, निबंध प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अलावा युवाओं ने लोक नृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक, शास्त्रीय गायन (हिंदुस्तानी), शास्त्रीय गायन (कर्नाटक), शास्त्रीय वादन -सितार वादन, बांसुरी वादन तबला वादन, मृदंग वादन, हारमोनियम वादन, गिटार वादन, कत्थक, भरतनाट्यम,ओडिसी, मणिपुरी, कुचिपुड़ी, वीणा वादन एवं तात्कालिक भाषण आदि पारंपरिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रस्तुतियां दी.