कोरबा: हसदेव बैराज पुल पर क्षमता से ज्यादा भार वाले वाहन गुजर रहे हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है. इसे लेकर युवक कांग्रेस ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. जिस पर अधिकारियों ने उचित पहल किए जाने का आश्वासन दिया है.
हसदेव बराज का पुल जर्जर हो चुका है. इस संबंध में युवक कांग्रेस नेता मधुसूदन दास ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को बताया कि पुल की भार क्षमता 30 टन की है. जबकि इस पुल से होकर गुजरने वाले ज्यादातर सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों की भारी वाहनों की क्षमता ज्यादा है. कांग्रेस नेता मधुसूदन दास का कहना है कि लगातार भारी वाहन इस पुल से होकर गुजर रहे हैं, जिससे पुल कभी भी टूट सकता है. मधुसूदन ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर जल्द ही इस समस्या का निराकरण करने की मांग की है. जिस पर अधिकारियों ने भी जल्द ही कोई रास्ता निकालने का आश्वसन दिया है.
हसदेव नदी में लगातार बढ़ रहा औद्योगिक प्रदूषण
हसदेव नदी बुरी तरह से औद्योगिक प्रदूषण की मार झेल रही है. हाल ही में पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा की टीम ने कुसमुंडा कोयला खदान को नोटिस जारी कर हसदेव में प्रदूषित पानी नहीं बहाने की हिदायत दी थी. इसी तरह बालको हो या फिर सीएसईबी के पावर प्लांट को भी नोटिस दिया गया था. यहां का राख युक्त पानी बहकर हसदेव में समाहित हो जाता है. इससे नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है जो की चिंता का विषय है.
हसदेव नदी से जुड़ी जानकारियां
- हसदेव नदी पर छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा मिनीमाता बांगो परियोजना डैम स्थित है.
- हसदेव के पानी से करीब 1 लाख 39 हजार हेक्टेयर खरीफ फसल और 17 हजार हेक्टेयर रबी फसल की सिंचाई की जाती है.
- हसदेव नदी पर 11 एनीकट भी निर्मित हैं.
- बालको, NTPC, SECL और CSEB जैसे उद्योगों के लिए 539 MCM पानी जाता है.
- कृषि कार्य के लिए 583 MCM पानी इस्तेमाल किया जाता है.
- नगर निगम कोरबा के कोहाडिया स्थित 22 एमएलडी क्षमता वाले जलोपचार केंद्र को हसदेव से ही पानी की सप्लाई की जाती है.