कोरबा: शनिवार की सुबह कट्टा अड़ाकर 95 हजार रुपये के लूट की जिस घटना ने पुलिस के होश उड़ाए थे, शाम होते-होते वह फर्जी साबित हो गई. कड़ाई से पूछताछ करने पर पीड़ित युवक टूट गया. उसने खुद ही यह स्वीकार किया कि रिश्तेदार के अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए उसने बहन से लिए गए 95 हजार रुपये को गबन करने के लालच में लूट की झूठी कहानी रची थी.इस वारदात की तफ्तीश और सच तक पहुंचने में पुलिस को महज 7 घंटों का समय लगा.
पुलिस ने बताया कि एसईसीएल निवासी और मोबाइल दुकान संचालक अंकित केसरवानी ने अपने साथ 95 हजार रुपये समेत सोने की चेन और अंगूठी के लूट हो जाने की सूचना पुलिस को दी थी. युवक ने जानकारी दी थी कि बाइक सवार दो लड़कों ने नुकीला हथियार टिकाकर वारदात को अंजाम दिया. शिकायत के बाद जुर्म दर्ज कर पुलिस ने मामले को सुलझाने की कोशिश शुरू की.
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जांच के दौरान यह मामला पुलिस को संदिग्ध नजर आने लगा था. पुलिस के अनुसार अनूपपुर में रहने वाले वाले मौसेरे भाई प्रकाश केसरवानी ने फोन कर अंकित से सुषमा त्रिपाठी से 95 हजार रुपये लेकर बैंक खाते में जमा करने को कहा था. सुबह अंकित केसरवानी ने सुषमा से 95 हजार रुपये लेकर निकला, लेकिन इस बीच उसके मन में लालच आ गया और उससे लूट की मनगढ़ंत कहानी बनाकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. जबकि रुपये को उसने अपने घर में ही छुपा कर रखा था. अंकित ने 95 हजार रुपये को गबन करने के इरादे से ही लूट की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि मिशन सिक्योर सिटी के तहत शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की इस खुलासे में अहम भूमिका रही है. सीसीटीवी फुटेज से ही पुलिस को मदद मिली और यह देखने में आया कि जिस स्थान पर लूट की वारदात होने की जानकारी पुलिस को दी गई है. वहां ऐसी कोई घटना नहीं घटी है, बल्कि शिकायतकर्ता ही खुद उस रास्ते से आना-जाना कर रहा है.घटना के बाद कोई संदिग्ध वाहन भी उस रास्ते से गुजरता हुआ नहीं दिखा. जिसके आधार पर ही पुलिस ने मामले को पीड़ित की तरफ मोड़ा और सच सामने आया. लूट की झूठी घटना दर्ज कराने के लिए अंकित केसरवानी पर केस दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.