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VIDEO: ऊर्जाधानी में रहने वाले लोग हैं बेहाल, पीने को नहीं है पानी, बिजली कटौती हो रही लगातार

कोरबा: SECL कॉलोनी में रह रहे लोग गंदा और काला पानी पीने को मजबूर हैं. कोयला खनन के बाद पोखरी खदान में पानी भर दिया गया था, जिसकी सप्लाई SECL कॉलोनी में पेयजल के तौर पर की जा रही है. पानी इतना गंदा है कि इसे पीना तो दूर लोग हाथ नहीं लगाना चाहते हैं.

गंदा पानी
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Published : Feb 10, 2019, 8:38 AM IST

ऊर्जानगरी कहलाने वाले कोरबा शहर में सिर्फ पीने के पानी की ही समस्या नहीं है, बल्कि यहां होने वाली बिजली कटौती रहवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. आलम यह है कि, दूसरे जिलों में बिजली और पानी की आपूर्ति करने वाला कोरबा जिला अपने ही लोगों को ना सही ढंग से पानी दे पा रहा है, और न बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है.

वीडियो
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पोखरी खदान का पानी हो रहा सप्लाई
दरअसल, कई साल पहले पोखरी खदान से कोयला निकाल लेने के बाद SECL ने इसमें पानी भर दिया था. लोगों के लिए पानी की व्यवस्था के विचार से इस पानी को SECL कॉलोनी वासियों को सप्लाई किया जाने लगा. लेकिन कॉलोनी में रहने वाले लोग अब इसे पीना नहीं चाहते हैं. इसका प्रमुख कारण पानी का कालापन, गंदगी के साथ-साथ इसमें कीड़ों का मिलना है,.

शिकायत के बाद भी नहीं सुलझी समस्या
लोगों का कहना है कि, 'पिछले 10 साल में वो कई बार इसकी शिकायत कंपनी के अफसरों से कर चुके हैं, लेकिन कई बार शिकायत करने और धरना देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है'.

खरीद कर पीना पड़ता है पानी
लोग बताते हैं कि, घर के बाहर उन्हें पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है. कहीं पानी खरीद कर काम चलाना पड़ता है, तो कहीं नगर निगम की महरबानी से पानी की कमी पूरी होती है. अब देखना यह होगा कि, क्या SECL प्रबंधन इस और ध्यान देते हुए लोगों की समस्या दूर करेगा या फिर, यूं ही आंखे मूंदे रहेगा.

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ऊर्जानगरी कहलाने वाले कोरबा शहर में सिर्फ पीने के पानी की ही समस्या नहीं है, बल्कि यहां होने वाली बिजली कटौती रहवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. आलम यह है कि, दूसरे जिलों में बिजली और पानी की आपूर्ति करने वाला कोरबा जिला अपने ही लोगों को ना सही ढंग से पानी दे पा रहा है, और न बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है.

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पोखरी खदान का पानी हो रहा सप्लाई
दरअसल, कई साल पहले पोखरी खदान से कोयला निकाल लेने के बाद SECL ने इसमें पानी भर दिया था. लोगों के लिए पानी की व्यवस्था के विचार से इस पानी को SECL कॉलोनी वासियों को सप्लाई किया जाने लगा. लेकिन कॉलोनी में रहने वाले लोग अब इसे पीना नहीं चाहते हैं. इसका प्रमुख कारण पानी का कालापन, गंदगी के साथ-साथ इसमें कीड़ों का मिलना है,.

शिकायत के बाद भी नहीं सुलझी समस्या
लोगों का कहना है कि, 'पिछले 10 साल में वो कई बार इसकी शिकायत कंपनी के अफसरों से कर चुके हैं, लेकिन कई बार शिकायत करने और धरना देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है'.

खरीद कर पीना पड़ता है पानी
लोग बताते हैं कि, घर के बाहर उन्हें पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है. कहीं पानी खरीद कर काम चलाना पड़ता है, तो कहीं नगर निगम की महरबानी से पानी की कमी पूरी होती है. अब देखना यह होगा कि, क्या SECL प्रबंधन इस और ध्यान देते हुए लोगों की समस्या दूर करेगा या फिर, यूं ही आंखे मूंदे रहेगा.

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Intro:कोरबा में SECL कॉलोनी में निवास करने वाले लोग गंदा और काला पानी पीने को मजबूर हैं। पोखरी खदान से कोयला खनन के बाद खदान में पानी भर दिया गया था, जिसका उपयोग SECL कॉलोनी में पानी सप्लाई के रूप में किया जा रहा था। लेकिन इस पानी को लोग अब हाथ तक नहीं लगाना चाहते हैं।


Body:ऊर्जानगरी कोरबा बिजली कटौती की समस्या के बाद अब पानी की समस्या से जूझ रहा है। अन्य जिलों में बिजली और पानी की आपूर्ति करने वाला कोरबा जिला अपने ही लोगों को ना सही ढंग से पानी दे पा रहा है, और न बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। बड़े बड़े उद्योगों की लापरवाही इसी बात से पता चलती है कि वह अपने कॉलोनी वासियों को साफ पानी तक प्रदान नहीं कर सकते। दरअसल, कई वर्षों पहले पोखरी खदान से कोयला निकाल लेने के बाद SECL ने इसमें पानी भर दिया था। लोगों के लिए पानी की व्यवस्था के विचार से इस पानी को SECL कॉलोनीवासियों को सप्लाई किया जाने लगा। लेकिन कॉलोनी वासी अब इसे पीना नहीं चाहते हैं। इसका प्रमुख कारण पानी का कालापन, गंदगी और इस बहते पानी में कीड़े मिलना है।
लोगों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है। कई बार शिकायत करने और धरना देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
लोग बताते हैं कि घर के बाहर उन्हें पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। कोई पानी खरीद कर लाता है या जहां निगम के पानी की व्यवस्था है वहां से पानी लाया जाता है। कुल मिलाकर पानी की व्यवस्था घर के बाहर से करनी पड़ती है, जो बहुत चिंताजनक बात है। ऐसे में देखना यह होगा कि ऐसी सेल प्रबंधन इस और ध्यान देता है या लोगों के आक्रोश का सामना करता है।


Conclusion:
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