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कोरबा: मिट्टी खनन के लिए की जा रही हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान, बंद कराया काम - कोरबा ग्रामीण परेशान

कोरबा के सरायपाली गांव के पास मिट्टी खनन के लिए की जा रही अवैध हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. ग्रामीणों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है. ये ब्लास्टिंग कोयला खदान के पास हो रहा था.

Villagers upset due to heavy blasting for soil mining in korba
ग्रामीण
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Published : May 13, 2020, 4:43 PM IST

Updated : May 13, 2020, 6:56 PM IST

कोरबा: SECL के कोयला खदान के पास मिट्टी खनन के लिए की जा रही हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान हैं. बुधवार को ब्लास्टिंग से होने वाली तेज ध्वनि और कंपन से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हो गए और मौके पर पहुंचकर काम को बंद करा दिया. ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत एक दिन पहले ही कुसमुंडा थाने में दर्ज कराई थी. सबसे बड़ी बात ये है कि यहां अवैध उत्खनन और ब्लास्टिंग कई दिनों से जारी होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में ग्रामीणों ने ही मौके पर पहुंचकर काम को बंद कराया.

मिट्टी खनन के लिए की जा रही हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान

कटघोरा तहसील के ग्राम सरायपाली (भठोरा) के पास खदान के मुहाने पर दशकों से ग्रामीण निवास करते हैं. खदान का दायरा लगातार बढ़ रहा है. इसके लिए निजी कंपनी मिट्टी खनन का काम करा रही है. मिट्टी खनन के लिए हेवी ब्लास्टिंग का सहारा लिया जाता है. इस ब्लास्टिंग से बहुत तेज आवाज होती है, वहीं कंपन से आसपास के मकानों को भी क्षति पहुंचती है. ब्लास्टिंग से आसपास के क्षेत्रों में भूकंप जैसा महसूस होता है.

पत्नी और बेटी की गुहार के बाद अगवा जवान को नक्सलियों ने छोड़ा

ग्रामीणों ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

Villagers upset due to heavy blasting for soil mining in korba
ग्रामीणों ने अवैध हेवी ब्लास्टिंग पर की शिकायत

इस बात से नाराज ग्रामीणों ने एक दिन पहले कुसमुंडा थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी. खदानों के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण दशकों के इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. बुधवार को ग्रामीणों ने मिट्टी खनन के लिए ब्लास्टिंग करने वाली कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए काम बंद करा दिया.

पुनर्वास की मांग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि वह हेवी ब्लास्टिंग के कारण वे दहशत में जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं. मकानों को लगातार क्षति पहुंच रही है. लॉकडाउन के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 30 से 35 वाहनों को काम में लगाया गया है. गांव के पास एक तालाब के मेड़ को भी खोदा जा रहा है. ग्रामीण यह भी कहते हैं कि SECL में छोटे खातेदारों को नौकरी नहीं दी जा रही है, ना तो उनके लिए पुनर्वास का कोई ठोस इंतजाम किया गया है. इसके कारण ग्रामीण लगातार उचित पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

कोरबा: SECL के कोयला खदान के पास मिट्टी खनन के लिए की जा रही हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान हैं. बुधवार को ब्लास्टिंग से होने वाली तेज ध्वनि और कंपन से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हो गए और मौके पर पहुंचकर काम को बंद करा दिया. ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत एक दिन पहले ही कुसमुंडा थाने में दर्ज कराई थी. सबसे बड़ी बात ये है कि यहां अवैध उत्खनन और ब्लास्टिंग कई दिनों से जारी होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में ग्रामीणों ने ही मौके पर पहुंचकर काम को बंद कराया.

मिट्टी खनन के लिए की जा रही हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान

कटघोरा तहसील के ग्राम सरायपाली (भठोरा) के पास खदान के मुहाने पर दशकों से ग्रामीण निवास करते हैं. खदान का दायरा लगातार बढ़ रहा है. इसके लिए निजी कंपनी मिट्टी खनन का काम करा रही है. मिट्टी खनन के लिए हेवी ब्लास्टिंग का सहारा लिया जाता है. इस ब्लास्टिंग से बहुत तेज आवाज होती है, वहीं कंपन से आसपास के मकानों को भी क्षति पहुंचती है. ब्लास्टिंग से आसपास के क्षेत्रों में भूकंप जैसा महसूस होता है.

पत्नी और बेटी की गुहार के बाद अगवा जवान को नक्सलियों ने छोड़ा

ग्रामीणों ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

Villagers upset due to heavy blasting for soil mining in korba
ग्रामीणों ने अवैध हेवी ब्लास्टिंग पर की शिकायत

इस बात से नाराज ग्रामीणों ने एक दिन पहले कुसमुंडा थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी. खदानों के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण दशकों के इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. बुधवार को ग्रामीणों ने मिट्टी खनन के लिए ब्लास्टिंग करने वाली कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए काम बंद करा दिया.

पुनर्वास की मांग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि वह हेवी ब्लास्टिंग के कारण वे दहशत में जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं. मकानों को लगातार क्षति पहुंच रही है. लॉकडाउन के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 30 से 35 वाहनों को काम में लगाया गया है. गांव के पास एक तालाब के मेड़ को भी खोदा जा रहा है. ग्रामीण यह भी कहते हैं कि SECL में छोटे खातेदारों को नौकरी नहीं दी जा रही है, ना तो उनके लिए पुनर्वास का कोई ठोस इंतजाम किया गया है. इसके कारण ग्रामीण लगातार उचित पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : May 13, 2020, 6:56 PM IST
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