कोरबा: बांकिमोंगरा क्षेत्र के घुड़देवा डबरीपारा के किसानों के साथ ग्रामीणों ने अवैध कब्जे के खिलाफ SECL के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है. इन ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया जा रहा ह,. जिसमें स्थानीय पार्षद भी शामिल है.
ग्रामीणों ने कहा है कि 'ग्राम घुड़देवा, जबरीपारा में स्थित पूर्वजों की जमीन कोयला उत्खनन और आवास सहित दूसरे काम के लिए अधिग्रहण कोल बेयरिंग एक्ट एवं एमपीएलआरसी के तहत 1962 से 1982 तक तीन चरणों में ली गई थी. उस जमीन पर कब्जा कर खदान और कॉलोनी का बना दी गई. बाकी जमीन हमारे हक में है, जिसमें हम खेती करते हैं, इसमें किसी तरह से कंपनी का नुकसान नहीं किया जा रहा है. इसके बाद भी बाहरी व्यक्तियों ने यहां अपना मकान और बाड़ी का निर्माण कर लिया हैट.
अवैध मकान, बस्ती पर रोक लगाने की मांग
इसे लेकर किसानों और ग्रामीणों ने SECL के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने निवेदन किया है कि प्रबंधन संज्ञान लेते हुए अवैध मकान, बस्ती निर्माण पर सख्ती से रोक लगाए और हमें कृषि कार्य के लिए मदद करें. इसके लिए ग्रामीणों ने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर विरोध प्रदर्शन भी किया.
पढ़ें- कोरबा: ASP उदय किरण के बचाव में भाजपा के पार्षद, CM के नाम सौंपा ज्ञापन
किसानों को जमीन वापस करें SECL
उर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण संगठन के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने कहा है कि कोरबा क्षेत्र में 1962 से 1982 के मध्य कई चरणों में भूमि अधिग्रहण किया गया था. आवास, कालोनी, अस्पताल, सड़क स्कूल आदि के लिए एमपीएलारसी के तहत ली गयी जमीन को 20-30 साल के बाद मूल खातेदारों को वापस करना था. लेकिन कोयला खदान बन्द हो जाने से जमीन वापसी नहीं हो पाना कोयला मंत्रालय और सरकार की लापरवाही है. कोरबा में ही कई स्थानों की जमीन वापस करने का आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं. इसलिए ऐसे अभी जमीनों पर किसानों का पूरा अधिकार है. हम किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.