कोरबा : एक तो मानसून ने समय पर किसानों पर रहम नहीं की और अब जाते-जाते किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है. प्रदेश के साथ ही जिले में भी हुई भारी बारिश (Heavy rain) के कारण सब्जी की फसल (vegetable crop) को काफी नुकसान पहुंचा है. खासतौर पर ऐसे किसान जो सब्जी की फसल उगाते हैं, उनकी तो मानो इस बारिश ने कमर ही तोड़कर रख दी है. हालांकि इस नुकसान की भरपाई के लिए उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) मुआवजा प्रकरण तैयार करने की बात कह रहा है. वहीं दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जब जरूरत थी तब तो बारिश हुई नहीं और जाते-जाते मानसून ने उनके लिए आफत खड़ी कर दी है. शहर के आसपास के इलाकों से सब्जी बाजार तक नहीं पहुंच रही है, इससे लोकल मार्केट में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.
बात अगर धान की फसल की करें तो इसके लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. धान के खेतों में पानी भर गया है. हालांकि इतनी अधिक बरसात से धान की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है, लेकिन सब्जी की फसल को धान की तुलना में बेहद अधिक नुकसान पहुंचा है. खीरा, बरबट्टी, मूली, कद्दू, तरोई और करेले जैसी सब्जियों की फसल लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. अब किसान सड़ चुकी सब्जियों को पूरी तरह से उखाड़ कर एक बार फिर से नए सिरे से खेती की तैयारी कर रहे हैं. कुछ किसान तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने सब्जियों को उखाड़कर एक बार खेतों की जुताई करवा दी, लेकिन फिर से बरसात आ गई और उनकी मेहनत पर पानी फिर गया. बार-बार इस तरह की तेज बारिश से किसानों की खेती बर्बाद हो रही है, जिससे उनकी आजीविका पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ा है.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 600 हैक्टेयर में सब्जियों और मसालों की होती है खेती
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत उद्यानिकी विभाग से किसानों को अमरूद, आंवला, भिंडी, कद्दू, बैंगन, धनिया, मिर्ची और अदरक जैसी सब्जी उगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. विभाग की ओर से किसानों को इन योजनाओं का लाभ मिलता है. इन फसलों का बीमा भी किया जाता है, लेकिन जो किसान छोटे स्तर के होते हैं वे अपनी फसल का बीमा नहीं करा पाते. और नतीजा यह होता है कि ऐसे किसानों को मुआवजा से वंचित होना पड़ता है. सब्जी और मसालों को मिलाकर जिले में 600 हैक्टेयर में हजारों किसान सब्जी और मसालों की खेती करते हैं. इन सभी किसानों को भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है.
मुआवजा प्रकरण करेंगे तैयार
इस संबंध में उद्यानिकी विभाग के प्रभारी अधिकारी टीआर दिनकर ने बताया कि सब्जी की फसलों को निश्चित तौर पर भारी बारिश से नुकसान पहुंचा है. जिन किसानों ने इसका बीमा कराया है, उन्हें तो मुआवजा मिलेगा ही अन्य किसानों के नुकसान का भी आकलन कर उन्हें मुआवजा देने का प्रयास किया जाएगा.