कोरबा: सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का कोरबा जिले में विरोध हो रहा है. स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाने के पहले ही विवादों में है. जिले के एसईसीएल, कोरबा मुड़ापार क्षेत्र में स्थापित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय NCDC पिछले 5 दशकों से संचालित है. इस हिंदी माध्यम के स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया जाना प्रस्तावित है. घोषणा के समय से ही छात्र और उनके अभिभावक NCDC में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाने का जमकर विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर छात्रों ने रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
पंप हाउस में शुरू हो चुका है अंग्रेजी माध्यम स्कूल
3 दिन पहले ही जिले के प्रवास पर रहे शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने 15 ब्लॉक पंप हाउस में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निरीक्षण किया था. जिले के अन्य स्थान पर एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित किया जा चुका है, लेकिन मुड़ापार में एनसीडीसी स्कूल खोले जाने का विरोध हो रहा है.
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छात्र कह रहे हम कहां जाएंगे
एनसीडीसी विद्यालय के छात्रों ने रैली निकालकर स्कूल को हिंदी माध्यम में ही संचालित किए जाने की बात कही है. छात्रों का कहना है कि स्कूल जब अंग्रेजी माध्यम का हो जाएगा, तब हिंदी माध्यम के छात्र कहां जाएंगे. पंप हाउस में भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है. वहां के कई छात्र हमारे स्कूल में आ गए हैं. अब हमारे स्कूल में जो छात्र पढ़ रहे हैं, वो कहां जाएंगे. छात्रों ने कहा कि हम शासन से मांग कर रहे हैं कि हमारे स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित न किया जाए. हम हिंदी माध्यम से ही एनसीडीसी में रहकर शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं.
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गरीब बच्चों का अहित कर रही सरकार
इस रैली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेता भी शामिल रहे. ABVP का कहना है कि यदि स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया जाता है, तो वहां अमीरों के बच्चे जुगाड़ लगाकर एडमिशन ले लेंगे और हिंदी माध्यम के गरीब बच्चे बाहर हो जाएंगे. उनके लिए इस स्थान पर स्कूल नहीं बचेगा. वर्तमान में एनसीडीसी में ज्यादातर बच्चे मजदूर तबके से आते हैं, जिनके साथ बड़ा अहित होगा, इसलिए हम एनसीडीसी में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाने का विरोध कर रहे हैं.