कोरबा: ओपन स्कूल परीक्ष के दौरान प्रबंधन की ओर से छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोक दिया गया. जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए.
छात्रों को नहीं देने दी गई परीक्षा
छात्रों का कहना है कि, स्कूल प्रबंधन की ओर से उन्हें एक तो एडमिट कार्ड नहीं दिया गया, वहीं यह भी कहा गया कि, जब एडमिट कार्ड आ जाएगा, तभी उन्हें परीक्षा देने दिया जाएगा'.
स्कूल के सामने घंटों खड़े रहे छात्र
स्कूल प्रबंधन की गलती की वजह से परीक्षा देने के महरूम रहे छात्र कई घंटों तक स्कूल के सामने ही डटे रहे. छात्रों को कहना है कि प्रवेश पत्र नहीं मिलना स्कूल प्रबंधन की गलती है और जिला शिक्षा विभाग को उसके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए.
'तकनीकि समस्या की वजह से हुई दिक्कत'
जिला शिक्षा अधिकारी मामले पर गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने बताया कि 'छात्र-छात्राओं का आवेदन दो कारणों से निरस्त हुआ होगा. या तो उन्होंने पहले दी हुई परीक्षा पास कर ली होगी या फिर किसी तकनीकी समस्या के वजह से ऐसा हुआ होगा'.
'कोरे कागज में ली परीक्षा'
जिला शिक्षा अधिकारी का यह भी कहना है कि 'उन बच्चों को कोरे कागज़ में दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई थी'. जबकि छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्ष देने की इजातत आखिरी तक नहीं दी गई. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी और छात्रों के बयान में विरोधाभास होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.