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एडमिट कार्ड नहीं मिलने से दर्जनों छात्र नहीं दे पाए परीक्षा, सवालों के घेरे में स्कूल प्रबंधन - ओपन एग्जाम

ओपन स्कूल परीक्षा के दौरान 10वीं के 15 से ज्यादा छात्रों को एग्जाम देने से रोक दिया गया.

छात्रों को नहीं देने दी गई परीक्षा
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Published : Mar 24, 2019, 12:25 AM IST

कोरबा: ओपन स्कूल परीक्ष के दौरान प्रबंधन की ओर से छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोक दिया गया. जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए.

छात्रों को नहीं देने दी गई परीक्षा
छात्रों का कहना है कि, स्कूल प्रबंधन की ओर से उन्हें एक तो एडमिट कार्ड नहीं दिया गया, वहीं यह भी कहा गया कि, जब एडमिट कार्ड आ जाएगा, तभी उन्हें परीक्षा देने दिया जाएगा'.

वीडियो

स्कूल के सामने घंटों खड़े रहे छात्र
स्कूल प्रबंधन की गलती की वजह से परीक्षा देने के महरूम रहे छात्र कई घंटों तक स्कूल के सामने ही डटे रहे. छात्रों को कहना है कि प्रवेश पत्र नहीं मिलना स्कूल प्रबंधन की गलती है और जिला शिक्षा विभाग को उसके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए.

'तकनीकि समस्या की वजह से हुई दिक्कत'
जिला शिक्षा अधिकारी मामले पर गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने बताया कि 'छात्र-छात्राओं का आवेदन दो कारणों से निरस्त हुआ होगा. या तो उन्होंने पहले दी हुई परीक्षा पास कर ली होगी या फिर किसी तकनीकी समस्या के वजह से ऐसा हुआ होगा'.

'कोरे कागज में ली परीक्षा'
जिला शिक्षा अधिकारी का यह भी कहना है कि 'उन बच्चों को कोरे कागज़ में दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई थी'. जबकि छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्ष देने की इजातत आखिरी तक नहीं दी गई. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी और छात्रों के बयान में विरोधाभास होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

कोरबा: ओपन स्कूल परीक्ष के दौरान प्रबंधन की ओर से छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से रोक दिया गया. जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए.

छात्रों को नहीं देने दी गई परीक्षा
छात्रों का कहना है कि, स्कूल प्रबंधन की ओर से उन्हें एक तो एडमिट कार्ड नहीं दिया गया, वहीं यह भी कहा गया कि, जब एडमिट कार्ड आ जाएगा, तभी उन्हें परीक्षा देने दिया जाएगा'.

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स्कूल के सामने घंटों खड़े रहे छात्र
स्कूल प्रबंधन की गलती की वजह से परीक्षा देने के महरूम रहे छात्र कई घंटों तक स्कूल के सामने ही डटे रहे. छात्रों को कहना है कि प्रवेश पत्र नहीं मिलना स्कूल प्रबंधन की गलती है और जिला शिक्षा विभाग को उसके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए.

'तकनीकि समस्या की वजह से हुई दिक्कत'
जिला शिक्षा अधिकारी मामले पर गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने बताया कि 'छात्र-छात्राओं का आवेदन दो कारणों से निरस्त हुआ होगा. या तो उन्होंने पहले दी हुई परीक्षा पास कर ली होगी या फिर किसी तकनीकी समस्या के वजह से ऐसा हुआ होगा'.

'कोरे कागज में ली परीक्षा'
जिला शिक्षा अधिकारी का यह भी कहना है कि 'उन बच्चों को कोरे कागज़ में दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई थी'. जबकि छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्ष देने की इजातत आखिरी तक नहीं दी गई. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी और छात्रों के बयान में विरोधाभास होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

Intro:जिले में शिक्षा विभाग की ओर से बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। परीक्षा देने आए विद्यार्थियों को परीक्षा देने से मना कर दिया गया।


Body:दरसल, दसवीं की ओपन होम साइंस की परीक्षा देने गए छात्रों को प्रवेश पत्र नहीं दिया गया। आज ओपन स्कूल वाले छात्रों की पहली परीक्षा थी। करीब 15 से 20 छात्रों को परीक्षा देने से मना कर दिया गया। छात्रों ने बताया कि उन्हें कहा गया कि प्रवेश पत्र आ जाएगा तब आना। प्रबन्धन की इस लापरवाही से नाराज़ छात्र स्कूल में ही डटे रहे। छात्रों का कहना है कि प्रवेश पत्र स्कूल से नहीं मिला तो उसमें प्रबन्धन की गलती है जिस पर शिक्षा विभाग को कार्यवाई करनी चाहिए।
दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले पर गोलमोल जवाब देते नजर आए। शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन बच्चों का आवेदन दो कारणों से निरस्त हुआ होगा। पहला कारण अगर उन्होंने पहले दी हुई परीक्षा में पास हो गए होंगे या फिर किसी तकनीकी समस्या के वजह से हुआ होगा। जिला शिक्षा अधिकारी का यह भी कहना है कि उन बच्चों को कोरे कागज़ में दुबारा परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई थी, जबकि छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति अन्त तक नहीं मिली। इस मामले से जिला शिक्षा विभाग के ऊपर कई सवाल खड़े होते हैं।

नोट: अन्य बाइट मेल से भेजे गए हैं।

बाइट- सतीश पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी


Conclusion:
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