कोरबा: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर की एक सभा में नक्सलियों से बातचीत की पेशकश की है. सीएम की इस घोषणा के बाद ETV भारत की टीम ने भाजपा सरकार में गृह मंत्री रहे ननकीराम कंवर से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार ने नक्सलियों से बातचीत की मंशा जाहिर की है. जब वे गृह मंत्री थे, तब नक्सल इलाकों में कैंप लगाकर बातचीत का प्रयास हुआ था, लेकिन सफल नहीं हुए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 'नक्सलियों और कुछ कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत थी. एक बड़े कांग्रेस नेता के सुपुत्र नक्सल इलाकों में बेखौफ होकर घूमते थे. मतलब साफ है उनका संबंध नक्सलियों से रहा है'.
सीएम ने बिलासपुर प्रवास के दौरान आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नक्सली हथियार छोड़ें तो हम पूरे मन से बात करने को तैयार हैं. भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि 15 साल तक आखिर रमन सिंह क्या करते रहे ? आखिर क्या कारण था कि उन्होंने नक्सलियों से बातचीत नहीं की, नक्सलियों से बातचीत का कोई भी आधार क्यों तैयार नहीं हो सका?
पढ़ें-'अगर हथियार छोड़ते हैं नक्सली तो किसी भी मंच पर बातचीत के लिए तैयार है सरकार'
सीएम ने कहा कि 'मैं अब भी कह रहा हूं कि नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास जताएं और हथियार छोड़कर सामने आएं. हम पूरे मन से बातचीत को तैयार हैं'
पूर्व गृह मंत्री के कांग्रेस पर गंभीर आरोप
सीएम भूपेश बघेल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ननकीराम कंवर ने कहा कि 'मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन इतना बता दूं कि एक बड़े कांग्रेस नेता के सुपुत्र नक्सल इलाकों में बेखौफ होकर घूमते थे. मतलब साफ है उनका संबंध नक्सलियों से रहा है'. झीरम घाटी हमले में भी कुछ कांग्रेसियों का हाथ है, आखिर नंदकुमार पटेल को ही क्यों निशाना बनाया गया ?
'हम समस्याओं को सुनने तैयार थे'
नक्सलियों से बातचीत पर ननकी राम कंवर ने कहा कि 'हम बाजार-बाजार जाकर ग्रामीण इलाकों में कैंप लगाते थे. लाउडस्पीकर से मैं व्यक्तिगत तौर पर घोषणा करता था कि ग्रामीण नक्सलियों को शह ना दें और यदि कोई नक्सली हैं तो वह सामने आएं. हम उनकी समस्याओं को सुनने के लिए तैयार हैं. गृह मंत्री रहते जितना मैं नक्सल इलाकों में घूमा हूं. उतना कोई मंत्री आज तक नहीं घूमा होगा'.