कोरबा: कोरबा के कोयलांचल क्षेत्र में खदानों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. गुरुवार रात दीपका खदान में हुई एक घटना में एसईसीएल के सुरक्षा विभाग में पदस्थ एसआई बीके सिंह पर डीजल चोरों ने हमला बोल (SI of SECL was beaten up by diesel thieves in Korba )दिया. घायल सिंह ने बताया, "डीजल चोरों की संख्या 100 से अधिक थी.वह सभी हमारी ओर पत्थर फेंक रहे थे. किसी तरह हम वहां से जान बचाकर भागे. रात के 12 बजे अस्पताल में दाखिल हुए. पैर में काफी दर्द था. इसके बाद मुझे अपोलो रेफर कर दिया गया है."
सूरज ढलते ही खदानों में माफिया राज: एचपीसीएल के विभागीय सुरक्षा टीम में पदस्थ डबल एसआई बीके सिंह की उम्र लगभग 58 वर्ष है. जो कि बीती रात हुई घटना में घायल हो गए हैं. लेकिन इस घटना से एक बार फिर खदान की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि "सूरज ढलते ही खदानों के भीतर कानून व्यवस्था की स्थिति समाप्त हो जाती है. यहां माफिया राज कायम हो जाता है. जोकि जिम्मेदारों के संरक्षण के बिना संभव नहीं है.
बीके सिंह ने बतायी आपबीती: बता दें कि घायल अवस्था में बीके सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की. रात के समय खदान की जो तस्वीर बीके सिंह ने बयान की...उस पर पहली बार में विश्वास करना भी कठिन है. बीके सिंह ने कहा " हम लोग रोज की तरह गस्त में थे. दीपिका खदान के सावेल नंबर 29 के पास 30 से 35 डीजल चोर नीचे उतरकर डम्फर रोक रहे थे. जिन्होंने हमें देख लिया और वह भागने लगे. 35 चोर वहां से भाग गए, तब हमने सीआईएसएफ को फोन लगाया और सीआईएसएफ के दो राइफलधारी जवान वहां पहुंचे. मेरे साथ साथी कर्मचारी रामप्रवेश भी थे.हम दोनों और सीआईएसएफ के दो जवान रेकी बैरियर से ऊपर चढ़े. हमें यह डर था कि चोर कहीं केबल ना काट दें. जिससे कि डीजल की सप्लाई होती है."
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अधिकारियों ने नहीं दी फायरिंग की परमिशन: आगे बीके सिंह ने कहा, " जैसे ही हम लोग ऊपर पहुंचे, तो वहां 100 से ऊपर डीजल चोर मौजूद थे. हमें देखते ही उन लोगों ने अटैक कर दिया. वह पत्थरबाजी कर रहे थे और लाठी डंडा से हमें पीटने के लिए दौड़ाने लगे. हमे अंदेशा है कि सब के सब डीजल चोर नहीं थे. कुछ गांव वाले भी भीड़ में शामिल थे. जब उन्होंने हमें दौड़ाया तो सीआईएसएफ के राइफल धारी जवान कंट्रोलरूम को फोन लगाकर बार-बार फायरिंग करने का आदेश मांग रहे थे. वह उच्चाधिकारियों को फोन पर बता रहे थे कि स्थिति बेकाबू हो चुकी है, फायरिंग का आदेश दिया जाए! लेकिन उन्हें फायर करने का आदेश नहीं मिला. सीआईएसएफ राइफलधारी जवान नए उम्र के लड़के थे. जो कि वहां से फायरिंग का आदेश नहीं मिलने पर तुरंत भाग गए और हम लोग 58 साल की उम्र में भागने में इतने सक्षम नहीं थे. हमारे पास हथियार के नाम पर सिर्फ एक लाठी होती है."
खदान से चोरी करते हैं डीजल: आगे बीके सिंह ने कहा, "दौड़ भाग में ही मैं 6-7 फीट नीचे गिर गया. तब तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से मारपीट जा रही थी. इसके बाद मौके पर सीआईएसएफ के और भी जवान पहुंचे. लगभग 5 गाड़ियों में... जब यह मामला शांत हुआ तो 1 घंटे बाद मेरे पैर में सूजन आ गया और मैं खड़ा हो पाने में भी सक्षम नहीं था. इन्हीं में से एक जवान ने मुझे देखा और गाड़ी में बैठाकर मुझे अस्पताल में भर्ती कराया. इमरजेंसी में डॉक्टर तैनात थे. उन्होंने मुझे देखा एक इंजेक्शन लगाया और पर्ची में लिख कर दिया और कहा कि सुबह 9 बजे आकर एक्स-रे करा लेना. मेरे पैर का दो बार एक्स-रे हुआ. लेकिन कुछ ठीक पता नहीं चल रहा था. जिसके बाद चिकित्सकों ने मुझे अपोलो रेफर कर दिया अब मैं बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती हूं..जहां मेरा इलाज चल रहा है. मुझे यह भी लगता है कि पहले की तुलना में डीजल चोरी अधिक बढ़ गई है. अधिक तादात में डीजल चोर खदान में दाखिल होकर डीजल चोरी कर रहे हैं."
अभी तक नहीं मिली शिकायत: इस संबंध में दीपिका थाने में पदस्थ थाना प्रभारी अनिल पटेल ने बताया, "इस घटना की सूचना मिली है. लेकिन जो घायल हुए हैं. वह फिलहाल बाहर हैं. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. एसईसीएल की तरफ से भी कोई शिकायत हमें प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत प्राप्त होती है तो हम निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे. अपनी तरफ से भी हम जांच पड़ताल कर रहे हैं. यदि कहीं से भी खदान के भीतर चोरी को अंजाम देने या डीजल चोरों के साक्ष्य मिलता है, तो हम वैधानिक कार्रवाई करेंगे."