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ये कैसा मास्टर प्लान: सालभर पहले बिछाई गई पाइप लाइन को हटाने में खर्च होंगे 4.45 करोड़

कोरबा नगर निगम में जल प्रदाय के लिए अमृत मिशन के तहत 394 करोड़ की लागत से परियोजना पर काम चल रहा है. यहां वार्डों में वाटर सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई गई. काम पूरा भी नहीं हो पाया और अब फोरलेन के लिए पाइप लाइन शिफ्ट की जाएगी. शिफ्टिंग के लिए 4 करोड़ 45 लाख खर्च आएगा.

Municipal Corporation of Korba
नगर निगम कोरबा
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Published : Feb 3, 2021, 5:23 PM IST

कोरबा: नगर निगम कोरबा में सालभर पहले वाटर सप्लाई के लिए जिस पाइप लाइन को बिछाया गया था. अब उसे शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. फोरलेन निर्माण में पाइप लाइन बाधक बन रही है. लिहाजा इसे शिफ्ट किया जाएगा. सबसे खास बात यह है जो पाइप लाइन सालभर पहले बिछाई गई थी, अभी तक उसमें वाटर सप्लाई शुरू नहीं हो पाई.

फोरलेन के लिए पाइप लाइन की होगी शिफ्टिंग

शहर में अमृत मिशन के तहत सर्वमंगला इमलछापर मार्ग पर 6 करोड़ की लागत से पाइप लाइन बिछाई गई थी. अब यह सड़क फोरलेन बनने जा रही है. हाल ही में पाइप लाइन को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है. शिफ्ट करने के लिए ही 4 करोड़ 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. विपक्ष ने भी इसका जमकर विरोध किया. हालांकि महापौर का इसके पीछे तर्क यह भी है कि इस कार्य के लिए निगम के फंड से कोई राशि खर्च नहीं होगी. बल्कि एसईसीएल की ओर से दी गई राशि से ही इसकी शिफ्टिंग की जाएगी.

सर्वमंगला इमलीछापर मार्ग के आड़े आ गई पाइप लाइन
शहर के सर्वमंगला चौक से लेकर कुसमुंडा और हरदीबाजार- तरदा तक जाने वाली सड़क वर्षों से जर्जर है. जिसके मरम्मत के लिए लगातार जनप्रतिनिधियों ने धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम और भूख हड़ताल तक की है. इसका निर्माण पूर्व में ही प्रस्तावित था. अब जाकर रोड का कायाकल्प कर फोरलेन मार्ग बनाया जा रहा है. एसईसीएल ने इसके लिए 199 करोड़ रुपए प्रशासन को जारी किए हैं. इसी सड़क के किनारे से नगर निगम ने पश्चिम क्षेत्र को वाटर सप्लाई करने के लिए जल आवर्धन योजना के तहत सालभर पहले पाइप लाइन बिछाई थी. कई स्थानों पर अभी भी कार्य जारी है.वहीं वाटर सप्लाई भी शुरू नहीं हो सकी है. इस बीच फोरलेन की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे शिफ्ट किए जाने की तैयारी की जा रही है.

अफसरों ने दिखाई होती दूरदर्शिता तो बच जाते करोड़ों
पाइप लाइन बिछाने के कार्य में यदि अफसरों ने दूरदर्शिता दिखाई होती तो पाइप लाइन शिफ्टिंग के नाम पर खर्च किए जाने वाले जनता के चार करोड़ 45 लाख रुपयों की बचत हो सकती थी. सर्वमंगला इमलीछापर से हरदीबाजार-तरदा मार्ग का निर्माण पूर्व में ही प्रस्तावित था. इसकी मांग वर्षो पुरानी है. यदि सड़क निर्माण को ध्यान में रखते हुए निगम अफसरों ने पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया होता तो वर्तमान में इसे शिफ्ट करने की जरूरत नहीं होती. कांग्रेस के पार्षद भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि निगम के अधिकारियों से कहीं ना कहीं चूक हुई है.

पेयजल के मामले में खास तौर पर नगर पालिक निगम का पश्चिम क्षेत्र जिसमें उपनगरीय क्षेत्र बालको, दर्री, कुसमुंडा, बाकीमोंगरा, गेवरा जैसे क्षेत्र शामिल हैं. वर्षों से ये क्षेत्र उपेक्षित है. बावजूद इसके यहां समस्याओं के समाधान की पहल अब तक नगर निगम प्रशासन ने नहीं की है.

पहले ही बेतरतीब खुदाई, अब फिर शिफ्टिंग

  • जल आवर्धन योजना पार्ट 1 और 2 के तहत पाइप लाइन बिछाने के लिए सभी वार्डों में कंक्रीट युक्त सड़कों की बेतरतीब खुदाई की गई है. छोटे-छोटे गली कूचे तक घर-घर पानी पहुंचाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई. खुदाई के बाद मरम्मत नहीं की गई है, जिससे सड़क उखड़ गई है. वहीं घर-घर पानी की सप्लाई भी शुरू नहीं हो पाई है. लोगों को परेशानी की सामना करना पड़ रहा है. इधर अब एक बार फिर से पाइप लाइन शिफ्ट करने के नाम पर फिर सड़क को उखाड़ा जाएगा.

    निगम के 2 चरण वाली निगम की जल आवर्धन योजना आखिर है क्या?
    (पार्ट-1)
    नगर निगम के इलाकों में पेयजल सप्लाई के लिए जल आवर्धन पार्ट-1 की परिकल्पना की गई थी. जिस पर 134 करोड़ रुपए की लागत से 8 ओवरहेड टैंक का निर्माण किया गया. 400 किलोमीटर की पाइपलाइन और 12 एमएलडी के क्षमता वाले जल संयंत्र का निर्माण कराया गया. इस योजना के तहत निगम के कोरबा, कोसाबाड़ी, टीपी नगर, बालको जोन के वार्ड नंबर 1 से 42 तक के वार्ड योजना में शामिल हैं.
    कागजों में नगर निगम ने इस योजना को भले ही पूर्ण बता दिया हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि अब भी इसका समुचित लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. घर-घर कनेक्शन तो लगे, लेकिन उसमें निर्बाध जल की आपूर्ति नहीं हो रही है. फिर भी पार्ट-2 की तुलना में पार्ट-1 में बेहतर काम हुआ है. यहां पानी सप्लाई भी शुरू कर दी गई है.

    (पार्ट-2)
    अमृत योजना के तहत जल आवर्धन पार्ट- 2 पर भी काम शुरू किया गया. इसके लिए पार्ट-1 की तुलना में और भी भारी भरकम बजट निगम को मिला. 207 करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से निगम ने यह योजना लॉन्च की. बजट केंद्र सरकार से मिला, जिसके तहत नगर निगम के वर्षों से उपेक्षित पश्चिम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले दर्री, बांकीमोंगरा और सर्वमंगला जोन के वार्ड क्रमांक 43 से 67 को इस योजना के लाभ देने की कवायद शुरू की गई. निगम प्रशासन का दावा है कि आने वाले 30 वर्षों तक पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस योजना की परिकल्पना की गई है. जिसमें 14 पानी टंकियों का निर्माण, 29 एमएलडी की क्षमता के जल उपचार संयंत्र की स्थापना और लगभग 500 किलोमीटर के पाइप लाइन को बिछाने का काम अब भी जारी है. कार्य पूर्ण करने के लिए जो समय निर्धारित किया गया था. उसे पूर्ण हुए 1 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. योजना अब भी अधूरी है, निगम के अफसर पाइप लाइन उखाड़ने और इसे फिर बिछाने के काम में ही लगे हुए हैं.

    नगर निगम कोरबा कुल 8 जोन में बंटा हुआ है.
  • कोरबा, परिवहन नगर, कोसाबाड़ी, पं. रविशंकर शुक्ला, बालको की स्थिति है बेहतर.
  • पश्चिम क्षेत्र का दर्री, बांकीमोंगरा और सर्वमंगला जोन वर्षों से उपेक्षित है.
  • कोरबा नगर निगम का क्षेत्रफल 215.02 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से कोरबा प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है.
  • 2011 की जनगणना अनुसार निगम क्षेत्र की आबादी 3 लाख 65 हजार है.
  • जल आवर्धन योजना पार्ट 1 और 2 को मिलाकर कुल लागत 394 करोड़ 36 लाख रुपए है.
  • हसदेव नदी पर 50 करोड़ की लागत से हो रहा सर्वेश्वर एनीकट का निर्माण.
  • संपूर्ण निगम क्षेत्र के वार्डों में 900 किलोमीटर तक बिछाई जाएगी पाइप लाइन
  • 12 और 29 एमएलडी के 2 जल उपचार केंद्र की होगी स्थापना.

कोरबा: नगर निगम कोरबा में सालभर पहले वाटर सप्लाई के लिए जिस पाइप लाइन को बिछाया गया था. अब उसे शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. फोरलेन निर्माण में पाइप लाइन बाधक बन रही है. लिहाजा इसे शिफ्ट किया जाएगा. सबसे खास बात यह है जो पाइप लाइन सालभर पहले बिछाई गई थी, अभी तक उसमें वाटर सप्लाई शुरू नहीं हो पाई.

फोरलेन के लिए पाइप लाइन की होगी शिफ्टिंग

शहर में अमृत मिशन के तहत सर्वमंगला इमलछापर मार्ग पर 6 करोड़ की लागत से पाइप लाइन बिछाई गई थी. अब यह सड़क फोरलेन बनने जा रही है. हाल ही में पाइप लाइन को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है. शिफ्ट करने के लिए ही 4 करोड़ 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. विपक्ष ने भी इसका जमकर विरोध किया. हालांकि महापौर का इसके पीछे तर्क यह भी है कि इस कार्य के लिए निगम के फंड से कोई राशि खर्च नहीं होगी. बल्कि एसईसीएल की ओर से दी गई राशि से ही इसकी शिफ्टिंग की जाएगी.

सर्वमंगला इमलीछापर मार्ग के आड़े आ गई पाइप लाइन
शहर के सर्वमंगला चौक से लेकर कुसमुंडा और हरदीबाजार- तरदा तक जाने वाली सड़क वर्षों से जर्जर है. जिसके मरम्मत के लिए लगातार जनप्रतिनिधियों ने धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम और भूख हड़ताल तक की है. इसका निर्माण पूर्व में ही प्रस्तावित था. अब जाकर रोड का कायाकल्प कर फोरलेन मार्ग बनाया जा रहा है. एसईसीएल ने इसके लिए 199 करोड़ रुपए प्रशासन को जारी किए हैं. इसी सड़क के किनारे से नगर निगम ने पश्चिम क्षेत्र को वाटर सप्लाई करने के लिए जल आवर्धन योजना के तहत सालभर पहले पाइप लाइन बिछाई थी. कई स्थानों पर अभी भी कार्य जारी है.वहीं वाटर सप्लाई भी शुरू नहीं हो सकी है. इस बीच फोरलेन की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे शिफ्ट किए जाने की तैयारी की जा रही है.

अफसरों ने दिखाई होती दूरदर्शिता तो बच जाते करोड़ों
पाइप लाइन बिछाने के कार्य में यदि अफसरों ने दूरदर्शिता दिखाई होती तो पाइप लाइन शिफ्टिंग के नाम पर खर्च किए जाने वाले जनता के चार करोड़ 45 लाख रुपयों की बचत हो सकती थी. सर्वमंगला इमलीछापर से हरदीबाजार-तरदा मार्ग का निर्माण पूर्व में ही प्रस्तावित था. इसकी मांग वर्षो पुरानी है. यदि सड़क निर्माण को ध्यान में रखते हुए निगम अफसरों ने पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया होता तो वर्तमान में इसे शिफ्ट करने की जरूरत नहीं होती. कांग्रेस के पार्षद भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि निगम के अधिकारियों से कहीं ना कहीं चूक हुई है.

पेयजल के मामले में खास तौर पर नगर पालिक निगम का पश्चिम क्षेत्र जिसमें उपनगरीय क्षेत्र बालको, दर्री, कुसमुंडा, बाकीमोंगरा, गेवरा जैसे क्षेत्र शामिल हैं. वर्षों से ये क्षेत्र उपेक्षित है. बावजूद इसके यहां समस्याओं के समाधान की पहल अब तक नगर निगम प्रशासन ने नहीं की है.

पहले ही बेतरतीब खुदाई, अब फिर शिफ्टिंग

  • जल आवर्धन योजना पार्ट 1 और 2 के तहत पाइप लाइन बिछाने के लिए सभी वार्डों में कंक्रीट युक्त सड़कों की बेतरतीब खुदाई की गई है. छोटे-छोटे गली कूचे तक घर-घर पानी पहुंचाने के लिए सड़कों की खुदाई की गई. खुदाई के बाद मरम्मत नहीं की गई है, जिससे सड़क उखड़ गई है. वहीं घर-घर पानी की सप्लाई भी शुरू नहीं हो पाई है. लोगों को परेशानी की सामना करना पड़ रहा है. इधर अब एक बार फिर से पाइप लाइन शिफ्ट करने के नाम पर फिर सड़क को उखाड़ा जाएगा.

    निगम के 2 चरण वाली निगम की जल आवर्धन योजना आखिर है क्या?
    (पार्ट-1)
    नगर निगम के इलाकों में पेयजल सप्लाई के लिए जल आवर्धन पार्ट-1 की परिकल्पना की गई थी. जिस पर 134 करोड़ रुपए की लागत से 8 ओवरहेड टैंक का निर्माण किया गया. 400 किलोमीटर की पाइपलाइन और 12 एमएलडी के क्षमता वाले जल संयंत्र का निर्माण कराया गया. इस योजना के तहत निगम के कोरबा, कोसाबाड़ी, टीपी नगर, बालको जोन के वार्ड नंबर 1 से 42 तक के वार्ड योजना में शामिल हैं.
    कागजों में नगर निगम ने इस योजना को भले ही पूर्ण बता दिया हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि अब भी इसका समुचित लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. घर-घर कनेक्शन तो लगे, लेकिन उसमें निर्बाध जल की आपूर्ति नहीं हो रही है. फिर भी पार्ट-2 की तुलना में पार्ट-1 में बेहतर काम हुआ है. यहां पानी सप्लाई भी शुरू कर दी गई है.

    (पार्ट-2)
    अमृत योजना के तहत जल आवर्धन पार्ट- 2 पर भी काम शुरू किया गया. इसके लिए पार्ट-1 की तुलना में और भी भारी भरकम बजट निगम को मिला. 207 करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से निगम ने यह योजना लॉन्च की. बजट केंद्र सरकार से मिला, जिसके तहत नगर निगम के वर्षों से उपेक्षित पश्चिम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले दर्री, बांकीमोंगरा और सर्वमंगला जोन के वार्ड क्रमांक 43 से 67 को इस योजना के लाभ देने की कवायद शुरू की गई. निगम प्रशासन का दावा है कि आने वाले 30 वर्षों तक पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस योजना की परिकल्पना की गई है. जिसमें 14 पानी टंकियों का निर्माण, 29 एमएलडी की क्षमता के जल उपचार संयंत्र की स्थापना और लगभग 500 किलोमीटर के पाइप लाइन को बिछाने का काम अब भी जारी है. कार्य पूर्ण करने के लिए जो समय निर्धारित किया गया था. उसे पूर्ण हुए 1 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. योजना अब भी अधूरी है, निगम के अफसर पाइप लाइन उखाड़ने और इसे फिर बिछाने के काम में ही लगे हुए हैं.

    नगर निगम कोरबा कुल 8 जोन में बंटा हुआ है.
  • कोरबा, परिवहन नगर, कोसाबाड़ी, पं. रविशंकर शुक्ला, बालको की स्थिति है बेहतर.
  • पश्चिम क्षेत्र का दर्री, बांकीमोंगरा और सर्वमंगला जोन वर्षों से उपेक्षित है.
  • कोरबा नगर निगम का क्षेत्रफल 215.02 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से कोरबा प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है.
  • 2011 की जनगणना अनुसार निगम क्षेत्र की आबादी 3 लाख 65 हजार है.
  • जल आवर्धन योजना पार्ट 1 और 2 को मिलाकर कुल लागत 394 करोड़ 36 लाख रुपए है.
  • हसदेव नदी पर 50 करोड़ की लागत से हो रहा सर्वेश्वर एनीकट का निर्माण.
  • संपूर्ण निगम क्षेत्र के वार्डों में 900 किलोमीटर तक बिछाई जाएगी पाइप लाइन
  • 12 और 29 एमएलडी के 2 जल उपचार केंद्र की होगी स्थापना.
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