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खदान क्षेत्र के ट्रक ड्राइवरों के लिए अलग से बनेगा डम्पिंग यार्ड

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Published : May 7, 2020, 10:43 AM IST

खदान क्षेत्र में दूसरे राज्यों से आए ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों के लिए अलग डंपिंग यार्ड तैयार किया जा रहा है.

dumping yard
खदान क्षेत्र में ट्रक चालकों के लिए बनेगा अलग डंपिंग यार्ड

कोरबा: खदान क्षेत्र में अन्य प्रदेशों से आने वाले ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों के लिए अलग डम्पिंग यार्ड तैयार किया जा रहा है, ताकि वे अन्य प्रदेशों से आकर कोयलांचल के रिहायशी क्षेत्रों में विचरण न कर सकें. बता दें, कि डंपिंग यार्ड में गैरेज, शौचालय आदि की सुविधा भी प्रशासन द्वारा मुहैया कराए जाने की योजना है.

पढ़ें:कैंसर पीड़ित भाई की इच्छा पूरी करने के लिए संतोष की हुई सुशीला, लिए फेरे

दीपका-गेवरा कोयला खदानों के रिहायशी इलाकों में बाहर के ड्राइवरों और हेल्परों की आवाजाही रोकने के लिए बड़े पैमाने पर डम्पिंग यार्ड को विकसित किया जा रहा है. आगामी दो-तीन दिनों में यह डम्पिंग यार्ड दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़, गांधी नगर में बनकर तैयार हो जाएगा. इस डम्पिंग यार्ड में कोल परिवहन करने वाले लगभग 300 वाहनों को पार्क करने की सुविधा होगी.

कोरोना की रोकथाम के लिए की जा रही है व्यवस्था

कलेक्टर किरण कौशल ने इस योजना पर काम करने के लिए कहा था, जिस पर अमल करते हुए ड्राइवरों और हेल्परों की मदद से खदानों के आबादी वाली क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. इस डम्पिंग यार्ड का कटघोरा एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी ने निरीक्षण किया और उपस्थित नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी भोलासिंह ठाकुर, परिवहन उप निरीक्षक सुजीत सिन्हा सहित खनिज विभाग और पुलिस के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.

टास्क फोर्स के सदस्य वाहनों पर कर रहे कार्रवाई

कलेक्टर द्वारा दीपका सहित जिले के सभी कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों और बस्तियों में बाहर के ड्राइवर, हेल्पर, श्रमिकों आदि को नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित किया गया है जो कि 24 घंटे काम करेगा. जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राइवरों, कंडेक्टरों और हेल्परों द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है. टास्क फोर्स द्वारा कोल क्षेत्रों में चलने वाले कोयला ट्रकों के परिवहन पर सघन निगरानी की जा रही है.

मामले में कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि दीपका, गेवरा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं. इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राइवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आना-जाना रहता है. दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आस-पास की बस्तियां कोरोना संक्रमण के लिए संवेदनशील जोन हो सकती है. इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है, इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती और बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो.

पर्याप्त बेरिकेडिंग लगाकर निगरानी की जाएगी

कलेक्टर ने बताया कि दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़ गांधी नगर में बनने वाले डम्पिंग यार्ड में बाहर से आने वाले वाहनों के रुकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान के लिए स्थान और रिपेयर स्थल शुरू किये जायेंगे. यहां ड्राइवरों-हेल्परों के लिये शौचालय, स्नानागार आदि की भी अस्थायी व्यवस्था की जा रही है. पूरे यार्ड क्षेत्र में पर्याप्त बेरिकेडिंग कर निगरानी की जायेगी. टास्क फोर्स के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रखेंगे.

कोरबा: खदान क्षेत्र में अन्य प्रदेशों से आने वाले ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों के लिए अलग डम्पिंग यार्ड तैयार किया जा रहा है, ताकि वे अन्य प्रदेशों से आकर कोयलांचल के रिहायशी क्षेत्रों में विचरण न कर सकें. बता दें, कि डंपिंग यार्ड में गैरेज, शौचालय आदि की सुविधा भी प्रशासन द्वारा मुहैया कराए जाने की योजना है.

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दीपका-गेवरा कोयला खदानों के रिहायशी इलाकों में बाहर के ड्राइवरों और हेल्परों की आवाजाही रोकने के लिए बड़े पैमाने पर डम्पिंग यार्ड को विकसित किया जा रहा है. आगामी दो-तीन दिनों में यह डम्पिंग यार्ड दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़, गांधी नगर में बनकर तैयार हो जाएगा. इस डम्पिंग यार्ड में कोल परिवहन करने वाले लगभग 300 वाहनों को पार्क करने की सुविधा होगी.

कोरोना की रोकथाम के लिए की जा रही है व्यवस्था

कलेक्टर किरण कौशल ने इस योजना पर काम करने के लिए कहा था, जिस पर अमल करते हुए ड्राइवरों और हेल्परों की मदद से खदानों के आबादी वाली क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. इस डम्पिंग यार्ड का कटघोरा एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी ने निरीक्षण किया और उपस्थित नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी भोलासिंह ठाकुर, परिवहन उप निरीक्षक सुजीत सिन्हा सहित खनिज विभाग और पुलिस के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.

टास्क फोर्स के सदस्य वाहनों पर कर रहे कार्रवाई

कलेक्टर द्वारा दीपका सहित जिले के सभी कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों और बस्तियों में बाहर के ड्राइवर, हेल्पर, श्रमिकों आदि को नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित किया गया है जो कि 24 घंटे काम करेगा. जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राइवरों, कंडेक्टरों और हेल्परों द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है. टास्क फोर्स द्वारा कोल क्षेत्रों में चलने वाले कोयला ट्रकों के परिवहन पर सघन निगरानी की जा रही है.

मामले में कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि दीपका, गेवरा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं. इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राइवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आना-जाना रहता है. दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आस-पास की बस्तियां कोरोना संक्रमण के लिए संवेदनशील जोन हो सकती है. इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है, इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती और बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो.

पर्याप्त बेरिकेडिंग लगाकर निगरानी की जाएगी

कलेक्टर ने बताया कि दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़ गांधी नगर में बनने वाले डम्पिंग यार्ड में बाहर से आने वाले वाहनों के रुकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान के लिए स्थान और रिपेयर स्थल शुरू किये जायेंगे. यहां ड्राइवरों-हेल्परों के लिये शौचालय, स्नानागार आदि की भी अस्थायी व्यवस्था की जा रही है. पूरे यार्ड क्षेत्र में पर्याप्त बेरिकेडिंग कर निगरानी की जायेगी. टास्क फोर्स के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रखेंगे.

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