कोरबा: नगर निगम के बुधवारी और काशीनगर वार्ड में काम कर रहे सफाई कर्मियों ने काम बंद कर दिया है. सफाई कर्मियों का कहना है कि ठेकेदार उनसे काम तो करवा रहा है लेकिन उसके बदले वेतन नहीं दिया जा रहा है. पिछले 3 महीनों से उनका वेतन रोक दिया गया है. जिससे उनको घर चलाना मुश्किल हो रहा है.परेशान होकर सफाई कर्मचारियों ने दोनों वार्ड की साफ-सफाई कार्य रोक दिया है. सफाई कर्मचारियों की साफ सफाई कार्य बंद किए जाने से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है.
25 सफाईकर्मियों ने काम किया बंद
बुधवारी बस्ती और काशीनगर में संतोष लांजेकर व एक अन्य ठेकेदार को सफाई कार्य करवाने का ठेका दिया गया है, जिसमे लगभग 25 सफाईकर्मी कार्य करते है. मेहनताना नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मियों ने काम करने से मना कर दिया है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होने लगी है. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि ठेकेदार सभी सफाई कर्मियों का भुगतान जल्द से जल्द करें, जिससे उनके वार्ड में सफाई का काम दोबारा शुरू हो सके.
घर में खाने तक के पैसे नहीं
महिला सफाई कर्मी राजमणी ने बताया कि पिछले 3 महीनों से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है, ठेकेदार से पैसों की मांग करने पर सिर्फ आज-कल कहकर मामले को टाला जा रहा है. पिछले तीन महीने से लगभग यहीं स्थिति बनी हुई है. घर में खाने तक के लाले पड़ गए है.
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रक्षाबंधन का त्यौहार, कहाँ से लाए बच्चों के लिए राखी मिठाइयां ?
कैमरे के सामने अपनी माली हालत बताते बताते महिला सफाई कर्मी के आँखों से ऑंसू गिर पड़े, महिला का कहना है कि त्योहार का समय है लेकिन घर में पैसे तक नहीं है. महिला का कहना है कि त्योहार के समय मिठाई तो दूर घर में बच्चों के लिए खाने के लिए भी कुछ नहीं है.
निगम नहीं कर रहा बिल पास
मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार को निगम की तरफ से भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि ठेकेदार ने बिल निकालने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. मार्च महीने से ही निगम ने सफाईकर्मियों के बिल का भुगतना नहीं किया है, जिससे कारण सफाईकर्मियों का भुगतान अटका पड़ा है.
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कोरोना काल में लापरवाही
कोरोना काल में ठेकेदार की लापरवाही के कारण बुधवारी बाजार और काशीनगर वार्ड की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे संक्रमण की आशंका बनी हुई है. नगर पालिका निगम कोरोना काल में शहर के साफ सफाई कार्य में विशेष ध्यान नहीं दे रही है. कोरोना काल में वेतन नहीं मिलने से सफाई कर्मचारियों को परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है.