कोरबा: लॉकडाउन का असर शहर के साथ-साथ अब छत्तीसगढ़ के गांवों में भी दिख रहा है, इस वक्त का लोग अलग-अलग तरीके से उपयोग कर रहे हैं. कोरबा जिले के देवपहरी गांव में भी ग्रामीण लॉकडाउन का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए कर रहे हैं, वहीं कुछ आदिवासी महिलाओं की कमाई बंद हो जाने से उन्हें आने वाले भविष्य की भी चिंता सता रही है. ऐसी ही एक आदिवासी महिला बांस की टोकरी बनाकर आने वाले कल की तैयारी कर रही है, ताकि जब बाजार दोबारा खुले, तब तक वह अच्छी कमाई के लिए ढेर सारी टोकरियां तैयार कर ले.
वहीं गांव में बच्चे भी अलग अलग तरीके से समय काट रहे हैं. यहां एक छोटी सी बच्ची अपनी बकरी को पुचकारते उसे बोतल से दूध पिलाती हुई मिली.
लॉकडाउन में जानवरों को भी पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है, इसलिए बच्ची बोतल से बकरी को दूध पिला रही थी.