कोरबा: मानसून आने के बाद सड़क मरम्मत की सच्चाई भी सामने आने लगती है. दरअसल, बारिश के मौसम में सड़क पर कीचड़ के साथ ही और पानी भी जमा हो जाता है. इससे राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए प्रशासन की ओर से कोशिश की जाती है कि मानसून से पहले सड़क निर्माण का काम पूरा हो जाए. लेकिन भारी वाहनों के दबाव के कारण अक्सर सड़क जर्जर हो जाते हैं.
भारी वाहनों के कारण सड़क जर्जर: ईटीवी भारत ने मानसून के दस्तक होते ही जर्जर सड़कों का जायजा लिया. कोरबा के पश्चिम क्षेत्र रूमगड़ा और दर्री से बालको और इस ओर से शहर तक पहुंचने के लिए रूमगड़ा से परसाभाठा तक की सड़क काफी महत्वपूर्ण होती है. लाखों की आबादी इस सड़क पर सफर करती है. हालांकि भारी वाहनों के लगातार दबाव के कारण सड़क उखड़ चुकी है. स्थानीय लोगों ने इस सड़क की मरम्मत के लिए कई आंदोलन किए लेकिन लोगों को प्रशासन की ओर से महज आश्वासन मिला. अब तक इस सड़क की सूरत नहीं बदली है. इस बीच हर दिन भारी वाहनों के साथ खतरा मोल लेकर लोग धूल फांकते हुए इस सड़क पर सफर कर रहे हैं.
यह सड़क बालको प्रबंधन के अधीन है. इसकी मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी भी बालको की है. सड़क के पास में बालको का डैम रखा है. यहीं पर वाहनों की पार्किंग के लिए अघोषित यार्ड बनाया गया है. लगातार इस मार्ग से राख का परिवहन किया जाता है. भारी वाहनों का परिचालन होता है जबकि भारी वाहनों के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग बनाया जाना चाहिए था. नियमों का उल्लंघन करते हुए आम लोगों के आवागमन वाले सड़क पर भारी वाहनों को दौड़ाया जा रहा है. इससे सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. लोग गर्मी में धूप और धूल खाते हुए यहां से सफर करते हैं, जबकि मानसून में सड़क-कीचड़ से सराबोर हो जाएगी. यहां चलना भी मुश्किल होगा, इस सड़क के निर्माण के लिए हमने कई बार आंदोलन किया. लेकिन सड़क की स्थिति जस की तस बनी हुई है. प्रशासन के अधिकारी भी ध्यान नहीं देते. यहां कई दुर्घटनाएं भी हुई हैं. कई लोगों की जान भी जा चुकी है. -अब्दुल नफीस, एडवोकेट
सड़क का सालों से यही हाल है. यहां ट्रक चलने के कारण सड़क खराब हो गई है. सड़क पर गर्मी के दिनों में धूप और धूल दोनों के कारण कुछ दिखाई भी नहीं देता. कई बार सड़क के आर-पार देखना भी मुश्किल हो जाता है. अब बरसात के दिनों में कीचड़ के कारण सड़क पर चलना भी मुश्किल हो जाएगा.- धर्मेंद्र, परसाभाठा निवासी
समय-समय पर कराते हैं मरम्मत: इस संबंध में बालको प्रबंधन की ओर से सड़क निर्माण का आश्वासन दिया गया था. कुछ समय पहले यहां स्थानीय नागरिकों ने आंदोलन किया था, जिसके बाद बालकों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द सडक की मरम्मत कर दी जाएगी. लेकिन सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. बालको की ओर से दावा किया जाता है कि आम लोगों को आवागमन में परेशानी ना हो.