कोरबा : 2 दिन की बारिश के बाद कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग लगभग तालाब में तब्दील हो चुका है. कोरबा से चांपा तक की दूरी तय करने में 30 से 35 मिनट का समय लगता था. लेकिन वर्तमान में यह दूरी तय करने में डेढ़ से 2 घंटों का समय लग रहा है.
राहगीर शासन और प्रशासन को कोसते हुए यहां से गुजर रहे हैं. लेकिन अफसर और जनप्रतिनिधि हैं कि इस सड़क को सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं.
चांपा की यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NH) के अंतर्गत आती है. इसके बाद भी सड़क की सूरत नहीं बदल रही है. यह सड़क एक तरह से केंद्र और राज्य की राजनीति में भी फंस कर रह गई है. जब भी सड़क मरम्मत या इसके नव निर्माण की बात होती है. तब राज्य सरकार पल्ला झाड़ कर गेंद NH के पाले में डाल देती है.
आम लोग भुगत रहे खामियाजा
जबकि एनएच के अफसर कहते हैं कि 'सड़क मरम्मत कार्य करवाना राज्य शासन का काम है'. जिसका खामियाजा मार्ग से गुजरने वाले आम लोग पिछले दो साल से भुगत रहे हैं.
2 साल से मिला तो सिर्फ आश्वासन
इस सड़क को सुधारने के लिए कुछ समय पहले पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने आंदोलन किया था. ननकीराम के आंदोलन के बाद अफसर मौके पर पहुंचे थे. एनएच के अधिकारी भी आए थे, और मरम्मत करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक काम नहीं हो सका.