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अनुबंध के बाद भी खरीदी केंद्रों से राइस मिलर्स नहीं कर रहे धान का उठाव

धान खरीदी के बाद धान लेने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. समितियों के पास धान संग्रहित करने के लिए जगह नहीं बची है. बफर लिमिट क्रॉस हो जाने के बाद बड़े किसानों को समिति टोकन देने से कतरा रही है. वहीं धान खरीदी केंद्रों से राइस मिलर्स धान उठाने से कतरा रहे हैं.

paddy purchase in korba
नहीं हो रहा धान का उठाव
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Published : Dec 29, 2020, 9:37 PM IST

कोरबा: धान खरीदी केंद्रों से राइस मिलर धान उठाने से कतरा रहे हैं. इसका सीधा असर यह हो रहा है कि समितियों के पास धान संग्रहित करने के लिए जगह नहीं बची है. बफर लिमिट क्रॉस हो जाने के बाद बड़े किसानों को समिति टोकन देने से कतरा रही हैं. धान खरीदी की जटिल प्रक्रिया के बाद अब हालात चिंताजनक हो गए हैं. समितियों से धान का उठाव नहीं होने की स्थिति में धान खरीदी पर ग्रहण लग सकता है.

धान का उठाव नहीं होने से किसान परेशान

उठाव नहीं होने की समस्या जिले में लगातार बनी हुई है. प्रशासन ने दावा किया था कि जिले भर की 49 समितियों से 19,000 क्विंटल धान उठाव के लिए 74 राइस मिलर से अनुबंध हो चुका है, लेकिन उठाव की गति बेहद धीमी है. राइस मिलर्स समितियों में रखे किसानों के धान का समय पर उठाव नहीं कर रहे हैं. यदि समय पर उठाव नहीं हुआ तो धान समितियों में धान जाम होगा और नए किसानों से खरीदे गए धान को संग्रहित करने में परेशानी होगी. जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ेगी.

पढ़ें-बारदाने की कमी से किसानों के साथ धान खरीदी समितियों की बढ़ी चिंता

बड़े किसानों के नहीं काटे जा रहे हैं टोकन

बड़े किसानों के टोकन नहीं काटे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ फड़ प्रभारी भी दबी जुबान यह स्वीकार कर रहे हैं कि धान का उठाव जिस गति से होना चाहिए वैसा हो नहीं रहा है. जिसके कारण अभी लघु और सीमांत किसानों के ही टोकन काटे जा रहे हैं. ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से कम खेत है, उन्हें ही टोकन दिया जा रहा है. उन्हें हफ्ते भर या 15 दिन के बाद आने को कहा जा रहा है.

केंद्र के रवैये से राज्य सरकार चिंतित

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र ने एफसीआई के माध्यम से धान लेने का आदेश अब तक जारी नहीं किया है. राइस मिलर्स समितियों से धान लेकर कस्टम मिलिंग के बाद एफसीआई के गोदामों में चावल जमा करते हैं. धान जमा करने का आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है, इसलिए राइस मिलर्स भी कतरा रहे हैं. हालांकि कोरबा जिले में एफसीआई के गोदाम की जगह पर नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा राइस मिलर से चावल जमा कर लिया जाता है.

पढ़ें-बिल्हा: सोसाइटी में पड़े धान का सीधा उठाव करेंगे मिलर

चावल लेने को लेकर असमंजस की स्थिति

राइस मिलर्स धान के उठाव को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. कहीं न कहीं धान खरीदी के बाद धान लेने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्य शासन के साथ ही राइस मिलर्स भी इस बात से चिंतित हैं.

आंकड़ों पर एक नजर

  • साल 2020-21 में जिले के 32 हजार 859 पंजीकृत किसानों से होगी धान खरीदी
  • इस साल 12 लाख 85 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित
  • 74 राइस मिलर्स से 19 हजार क्विंटल धान उठाने का प्रशासन ने किया है अनुबंध
  • जिले में 42 समितियों के 49 उपार्जन केंद्र मौजूद, जहां धान खरीदी की प्रक्रिया जारी

कोरबा: धान खरीदी केंद्रों से राइस मिलर धान उठाने से कतरा रहे हैं. इसका सीधा असर यह हो रहा है कि समितियों के पास धान संग्रहित करने के लिए जगह नहीं बची है. बफर लिमिट क्रॉस हो जाने के बाद बड़े किसानों को समिति टोकन देने से कतरा रही हैं. धान खरीदी की जटिल प्रक्रिया के बाद अब हालात चिंताजनक हो गए हैं. समितियों से धान का उठाव नहीं होने की स्थिति में धान खरीदी पर ग्रहण लग सकता है.

धान का उठाव नहीं होने से किसान परेशान

उठाव नहीं होने की समस्या जिले में लगातार बनी हुई है. प्रशासन ने दावा किया था कि जिले भर की 49 समितियों से 19,000 क्विंटल धान उठाव के लिए 74 राइस मिलर से अनुबंध हो चुका है, लेकिन उठाव की गति बेहद धीमी है. राइस मिलर्स समितियों में रखे किसानों के धान का समय पर उठाव नहीं कर रहे हैं. यदि समय पर उठाव नहीं हुआ तो धान समितियों में धान जाम होगा और नए किसानों से खरीदे गए धान को संग्रहित करने में परेशानी होगी. जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ेगी.

पढ़ें-बारदाने की कमी से किसानों के साथ धान खरीदी समितियों की बढ़ी चिंता

बड़े किसानों के नहीं काटे जा रहे हैं टोकन

बड़े किसानों के टोकन नहीं काटे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ फड़ प्रभारी भी दबी जुबान यह स्वीकार कर रहे हैं कि धान का उठाव जिस गति से होना चाहिए वैसा हो नहीं रहा है. जिसके कारण अभी लघु और सीमांत किसानों के ही टोकन काटे जा रहे हैं. ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से कम खेत है, उन्हें ही टोकन दिया जा रहा है. उन्हें हफ्ते भर या 15 दिन के बाद आने को कहा जा रहा है.

केंद्र के रवैये से राज्य सरकार चिंतित

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र ने एफसीआई के माध्यम से धान लेने का आदेश अब तक जारी नहीं किया है. राइस मिलर्स समितियों से धान लेकर कस्टम मिलिंग के बाद एफसीआई के गोदामों में चावल जमा करते हैं. धान जमा करने का आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है, इसलिए राइस मिलर्स भी कतरा रहे हैं. हालांकि कोरबा जिले में एफसीआई के गोदाम की जगह पर नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा राइस मिलर से चावल जमा कर लिया जाता है.

पढ़ें-बिल्हा: सोसाइटी में पड़े धान का सीधा उठाव करेंगे मिलर

चावल लेने को लेकर असमंजस की स्थिति

राइस मिलर्स धान के उठाव को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. कहीं न कहीं धान खरीदी के बाद धान लेने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्य शासन के साथ ही राइस मिलर्स भी इस बात से चिंतित हैं.

आंकड़ों पर एक नजर

  • साल 2020-21 में जिले के 32 हजार 859 पंजीकृत किसानों से होगी धान खरीदी
  • इस साल 12 लाख 85 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित
  • 74 राइस मिलर्स से 19 हजार क्विंटल धान उठाने का प्रशासन ने किया है अनुबंध
  • जिले में 42 समितियों के 49 उपार्जन केंद्र मौजूद, जहां धान खरीदी की प्रक्रिया जारी
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