ETV Bharat / state

कोरबा: ढाई हजार से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू, स्नेक पार्क की मांग

कोरबा में किंग कोबरा से लेकर घोड़ा क्रैटब और छोटे-मोटे सांपों की प्रजाति बड़े पैमाने पर मौजूद है. इस सीजन में कई तरह के विभिन्न प्रजातियों के सांपों को रेस्क्यू किया गया है.

snake rescue
सांपों का रेस्क्यू
author img

By

Published : Dec 23, 2020, 10:31 AM IST

कोरबा: जहरीले सांपों का रेस्क्यू करने वाली संस्था ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि इस सीजन में उन्होंने 2 हजार 650 सांपों का सफल रेस्क्यू किया है. इनमें से कई सांप बेहद जहरीले थे. स्नेक रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष जितेंद्र सारथी का कहना है कि जशपुर की जगह अब कोरबा को नागलोक की उपाधि दे देनी चाहिए. यहां किंग कोबरा से लेकर घोड़ा क्रैटब और छोटे-मोटे सांपों की प्रजाति बड़े पैमाने पर मौजूद है. इस सीजन में हमने कई तरह के विभिन्न प्रजातियों के सांपों का रेस्क्यू किया है.


वन विभाग और डायल 112 का मिला सहयोग

स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जिले में निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. यदि किसी व्यक्ति के घर के अंदर सांप घुस आए, तो रेस्क्यू टीम के सदस्य वहां पहुंचकर सांप को रेस्क्यू करते हैं और फिर उसे जंगल में छोड़ देते हैं. जितेंद्र ने बताया कि उनकी संस्था में वर्तमान में 19 सदस्य हैं. जिन्हें पंजीयन के बाद आई कार्ड भी दिया जाएगा. संस्था के अधिकृत व्यक्ति ही सांपों का रेस्क्यू कर सकेंगे.

पढ़ें: जहर का कारोबार! सर्पदंश की घटनाएं और बढ़ते स्नेक कैचर

जिले में स्नेक पार्क की है जरूरत

प्रेस कॉन्फेंस के दौरान संस्था के सदस्यों ने स्नेक पार्क की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस तादाद में जिले में सांप मिल रहे हैं, उसके अनुसार यहां स्नेक पार्क की स्थापना होनी चाहिए, ताकि रेस्क्यू किए गए सांपों को बेहतर वातावरण में रखकर उनका संरक्षण किया जा सके. यह पार्क जिले और राज्य को ख्याति भी दिलाएगा. रेस्क्यू की आड़ में तस्करी के प्रश्न पर जितेंद्र ने कहा कि वन विभाग को भी इस दिशा में मुस्तैदी से काम करना चाहिए. सांपों के रेस्क्यू की आड़ में तस्करी अनैतिक है, इस पर ध्यान देना चाहिए.

कोरबा: जहरीले सांपों का रेस्क्यू करने वाली संस्था ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि इस सीजन में उन्होंने 2 हजार 650 सांपों का सफल रेस्क्यू किया है. इनमें से कई सांप बेहद जहरीले थे. स्नेक रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष जितेंद्र सारथी का कहना है कि जशपुर की जगह अब कोरबा को नागलोक की उपाधि दे देनी चाहिए. यहां किंग कोबरा से लेकर घोड़ा क्रैटब और छोटे-मोटे सांपों की प्रजाति बड़े पैमाने पर मौजूद है. इस सीजन में हमने कई तरह के विभिन्न प्रजातियों के सांपों का रेस्क्यू किया है.


वन विभाग और डायल 112 का मिला सहयोग

स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जिले में निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. यदि किसी व्यक्ति के घर के अंदर सांप घुस आए, तो रेस्क्यू टीम के सदस्य वहां पहुंचकर सांप को रेस्क्यू करते हैं और फिर उसे जंगल में छोड़ देते हैं. जितेंद्र ने बताया कि उनकी संस्था में वर्तमान में 19 सदस्य हैं. जिन्हें पंजीयन के बाद आई कार्ड भी दिया जाएगा. संस्था के अधिकृत व्यक्ति ही सांपों का रेस्क्यू कर सकेंगे.

पढ़ें: जहर का कारोबार! सर्पदंश की घटनाएं और बढ़ते स्नेक कैचर

जिले में स्नेक पार्क की है जरूरत

प्रेस कॉन्फेंस के दौरान संस्था के सदस्यों ने स्नेक पार्क की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस तादाद में जिले में सांप मिल रहे हैं, उसके अनुसार यहां स्नेक पार्क की स्थापना होनी चाहिए, ताकि रेस्क्यू किए गए सांपों को बेहतर वातावरण में रखकर उनका संरक्षण किया जा सके. यह पार्क जिले और राज्य को ख्याति भी दिलाएगा. रेस्क्यू की आड़ में तस्करी के प्रश्न पर जितेंद्र ने कहा कि वन विभाग को भी इस दिशा में मुस्तैदी से काम करना चाहिए. सांपों के रेस्क्यू की आड़ में तस्करी अनैतिक है, इस पर ध्यान देना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.