कोरबा : बिजली विभाग के अंतर्गत काम करने वाले पूर्व कर्मचारियों ने शहर में ठगी का जाल बिछा रखा है. इनके पास बिजली उपभोक्ताओं का डाटा मौजूद है. जिसकी सहायता से वे शहर के ऐसे लोगों को अपना निशाना बना रहे (reducing electricity bill in Korba cheating) हैं. जिनका बिजली बिल बकाया है. स्पॉट बिलिंग के जरिए ठग फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को भरोसे में लेते हैं. बिजली बिल का तत्काल भुगतान करने पर छूट देने की बात का हवाला देकर लोगों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में इन्होंने बिजली बिल भुगतान के नाम पर ठगी की (Spot billing thugs Rampur police station )है. ऐसे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ठगी करने वालों की तादाद और भी ज्यादा है. पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में है.
कोरबा में फर्जी बिल गिरोह का जाल : रामपुर चौकी पुलिस ने जिले के थाना क्षेत्रों में फर्जी बिजली बिल देकर ठगी करने वाले गिरोह में शामिल 02 आरोपियों की गिरफ्तार किया है. इस मामले में प्रार्थी महावीर प्रसाद साहू ने पुलिस चौकी रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था कि विकास तिवारी नाम का व्यक्ति घर आकर कहा कि आपका बिजली का बिल बहुत ज्यादा आया है. अगर आप चाहेंगे तो मैं कम कर दूंगा.अगले माह से बिल कम आने लगेगा. इसके एवज में आपको आधा बिल पटाना पड़ेगा. आरोपी के झांसे में आकर प्रार्थी ने यूपीआई के माध्यम से 30 हजार रूपए जमा कर दिए. लेकिन कुछ दिन बाद बिजली विभाग से फिर से बिल प्राप्त होने पर उसे ठगी का अहसास हुआ. पुलिस चौकी रामपुर में अज्ञात आरोपीगण के विरुद्ध धारा 420 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था.
जिले में पूरा गिरोह है सक्रिय: जांच में पुलिस ने पाया कि इस तरह से ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिले में एक गिरोह सक्रिय है जो बिजली उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें बिजली बिल कम करने का झांसा देकर उनसे ठगी कर रहा है. पुलिस चौकी रामपुर में दर्ज मामले के आधार पर सायबर सेल की टीम ने जांच शुरू की. जिसमें पाया गया कि आरोपी विष्णु देवांगन और राकेश रात्रे गिरोह बनाकर घटना को अंजाम दे रहे हैं.
कैसे करते थे ठगी : आरोपी बिजली उपभोक्ताओं के घर पर जाकर उनके फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी बिल प्रेषित कर उनसे फोन पे, गूगल पे सहित नकदी रकम लेकर धोखाधड़ी कर रहे थे. इस मामले में आरोपी विष्णु देवांगन, राकेश रात्रे को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है. गिरोह के अन्य सदस्यों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है.
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आरोपी ठेके पर करते थे मीटर रीडिंग का काम : इस मामले में एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि "पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि आरोपी
पूर्व में बिजली मीटर रीडिंग का ठेका लेने वाली कंपनी के कर्मचारी हैं. कंपनी का ठेका समाप्त होने के बाद बेरोजगार हैं. कंपनी में काम करने के दौरान उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन के बारे में जानकारी इनके पास मौजूद है.आरोपियों ने इसी जानकारी का दुरुपयोग कर ठगी करना शुरू किया था"