ETV Bharat / state

कोरबा: जन सेवा में तत्पर रेलवे कर्मचारी ड्यूटी के बाद तैयार करते हैं मास्क

देश में कोरोना संकट की वजह से मास्क की कमी हो गई है. ऐसे में रेलवे कर्मचारी अपनी ड्यूटी के बाद घर पर मास्क बनाने का काम कर रहे हैं. यह मास्क ट्रेन में मिलने वाले बेड रोल से तैयार किए जा रहे हैं, जो गरीबों तक पहुंचाए जाएंगे.

railway-employees-prepare-masks-after-duty-in-korba
रेलवे ने तैयार किया मास्क
author img

By

Published : Apr 7, 2020, 8:19 PM IST

कोरबा: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों की रक्षा के लिए पुलिसकर्मी, डॉक्टर, सफाईकर्मी दूसरों की मदद करने में लगे हैं. इसी कड़ी में देश सेवा का भाव रखने वाले रेलवे के कर्मचारी 10 से 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद अपने घरों में मास्क तैयार कर रहे हैं.

रेलवे कर्मचारियों ने तैयार किया मास्क

तैयार किया जा रहा मास्क सामान्य मास्क नहीं है इसे धोकर कई बार उपयोग किया जा सकता है. रेल कर्मचारी कहते हैं कि 'संकट की इस घड़ी में मास्क बनाकर वो देश की सेवा कर रहे हैं, ताकि रेल कर्मचारी परिवार के साथ ही गरीबों को भी मास्क आसानी से उपलब्ध हो सके.'

बाजार में मास्क की कमी

देश में कोरोना संकट आने के बाद सभी जगह मास्क की कमी हो गई है. मेडिकल दुकानों में भी लोगों को पर्याप्त मात्रा में मास्क नहीं मिल रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्रीय रेलवे मंत्रालय ने कर्मचारियों से मास्क बनाने का आदेश जारी किया है. यह मास्क एसी कोच में मिलने वाले बेड रोल से तैयार किए जा रहे हैं.

Railway employees prepare masks after duty in korba
मास्क बनाते कर्मचारी

बेड रोल से तैयार कर रहे मास्क

इन बेड रोल को लॉकडाउन के पहले ट्रेनों में बैन कर दिया गया था. अब इन्हीं बेड रोल से स्वच्छ, सस्ता और टिकाऊ मास्क रेलवे कर्मचारी तैयार कर रहे हैं. जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई किया जाएगा ताकि गरीबों को भी यह आसानी से उपलब्ध हो सके.

ठान लें तो सब संभव है

Railway employees prepare masks after duty in korba
रेलवे कर्मचारी

रेलवे के स्टेशन मास्टर आनंद गुप्ता का कहना है 'कि हम सभी रेलवे के कर्मचारी इसे देश सेवा मान कर काम रहे हैं. हालांकि 12 घंटे ड्यूटी के बाद यह आसान नहीं होता,. लेकिन अगर हम ठान लें तो कुछ भी संभव है. हमारी रेलवे की ही एक हरित छत्तीसगढ़ के टीम है, यह सारे कर्मचारी मास्क बनाने में लगे हुए हैं. हमारा टारगेट है कि कोरबा एरिया से 10,000 मास्क बनाकर बिलासपुर जोन को प्रदान करें.'

नाइट ड्यूटी करने के बाद तैयार करते हैं मास्क

रेलवे के वरिष्ठ कर्मचारी शिव कुमार सिदार ने बताया कि 'वह 12 घंटे की नाइट ड्यूटी के बाद सुबह 8 बजे घर लौटते है. और 9 बजे से वह मास्क तैयार करने के काम में जुट जाते है. सिदार कहते हैं कि हमारी ओर से इन विपरीत परिस्थितियों में देश को एक छोटा सा कंट्रीब्यूशन है. कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सभी को अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.'

कोरबा: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों की रक्षा के लिए पुलिसकर्मी, डॉक्टर, सफाईकर्मी दूसरों की मदद करने में लगे हैं. इसी कड़ी में देश सेवा का भाव रखने वाले रेलवे के कर्मचारी 10 से 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद अपने घरों में मास्क तैयार कर रहे हैं.

रेलवे कर्मचारियों ने तैयार किया मास्क

तैयार किया जा रहा मास्क सामान्य मास्क नहीं है इसे धोकर कई बार उपयोग किया जा सकता है. रेल कर्मचारी कहते हैं कि 'संकट की इस घड़ी में मास्क बनाकर वो देश की सेवा कर रहे हैं, ताकि रेल कर्मचारी परिवार के साथ ही गरीबों को भी मास्क आसानी से उपलब्ध हो सके.'

बाजार में मास्क की कमी

देश में कोरोना संकट आने के बाद सभी जगह मास्क की कमी हो गई है. मेडिकल दुकानों में भी लोगों को पर्याप्त मात्रा में मास्क नहीं मिल रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्रीय रेलवे मंत्रालय ने कर्मचारियों से मास्क बनाने का आदेश जारी किया है. यह मास्क एसी कोच में मिलने वाले बेड रोल से तैयार किए जा रहे हैं.

Railway employees prepare masks after duty in korba
मास्क बनाते कर्मचारी

बेड रोल से तैयार कर रहे मास्क

इन बेड रोल को लॉकडाउन के पहले ट्रेनों में बैन कर दिया गया था. अब इन्हीं बेड रोल से स्वच्छ, सस्ता और टिकाऊ मास्क रेलवे कर्मचारी तैयार कर रहे हैं. जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई किया जाएगा ताकि गरीबों को भी यह आसानी से उपलब्ध हो सके.

ठान लें तो सब संभव है

Railway employees prepare masks after duty in korba
रेलवे कर्मचारी

रेलवे के स्टेशन मास्टर आनंद गुप्ता का कहना है 'कि हम सभी रेलवे के कर्मचारी इसे देश सेवा मान कर काम रहे हैं. हालांकि 12 घंटे ड्यूटी के बाद यह आसान नहीं होता,. लेकिन अगर हम ठान लें तो कुछ भी संभव है. हमारी रेलवे की ही एक हरित छत्तीसगढ़ के टीम है, यह सारे कर्मचारी मास्क बनाने में लगे हुए हैं. हमारा टारगेट है कि कोरबा एरिया से 10,000 मास्क बनाकर बिलासपुर जोन को प्रदान करें.'

नाइट ड्यूटी करने के बाद तैयार करते हैं मास्क

रेलवे के वरिष्ठ कर्मचारी शिव कुमार सिदार ने बताया कि 'वह 12 घंटे की नाइट ड्यूटी के बाद सुबह 8 बजे घर लौटते है. और 9 बजे से वह मास्क तैयार करने के काम में जुट जाते है. सिदार कहते हैं कि हमारी ओर से इन विपरीत परिस्थितियों में देश को एक छोटा सा कंट्रीब्यूशन है. कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सभी को अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.