कोरबा: राज्य सरकार के नागरिक आपूर्ति निगम के अंतर्गत आने वाले वेयरहाउस में भंडारित चावल के अमानक होने की पुष्टि हुई है. उचित मूल्य की दुकानों से घटिया क्वालिटी का चावल हितग्राहियों को प्रदान किए जाने की शिकायत प्रशासन को मिली थी. शिकायत पर प्रशासन ने वेयरहाउस में जमा किए गए चावल की जांच कराई थी. इसके लिए कलेक्टर ने अलग-अलग टीमों का गठन किया था. टीम ने पाया कि वेयरहाउस में भंडारित चावल बेहद दोयम दर्जे का है.
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जिले में तीन सेंटर पर हुई छापेमारी
नागरिक आपूर्ति निगम के अधीन कोरबा जिले में वेयरहाउस के तीन सेंटर हैं. जिनमें से एक सेंटर कोरबा मुख्यालय में है, दूसरा और तीसरा सेंटर कटघोरा में है. इनके अधीन 5 वेयरहाउस हैं. पांचों वेयरहाउस में प्रशासन की टीम, खाद्य विभाग और एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने जांच को अंजाम दिया. कोरबा वेयरहाउस में चावल राज्य सरकार के पैमाने पर ठीक मिली. जबकि अन्य स्थानों पर चावल में कंकड़ और टूटे चावल की मात्रा अधिक थी. जिसके कारण इन्हें वापस लौटाया जा रहा है. इस कार्रवाई के बाद खासतौर पर धान लेकर उसके बदले खराब चावल वापस करने वाले राइस मिलर में हड़कंप मच गया. सभी स्थानों को मिलाकर वेयरहाउस से कुल 7 हजार क्विंटल चावल की मात्रा को वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं.
1 क्विंटल धान के बदले 60 किलो चावल वापस करने का नियम
धान खरीदी के बाद सहकारी समितियों में जितने धान का उपार्जन होता है. इसके लिए डीएमओ द्वारा डीओ जारी कर राइस मिलर्स को उठाव की अनुमति प्रदान की जाती है. राइस मिलर कस्टम मिलिंग के तहत एक क्विंटल धान के एवज में 60 किलो चावल सरकार को वापस करते हैं. यह चावल नागरिक आपूर्ति निगम के वेयरहाउस में भंडारित करके रखा जाता है. जिसके बाद इसी चावल को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से 1 रुपये प्रति किलो की दर से बीपीएल वर्ग के परिवारों को बांटा जाता है. इसी चावल में गड़बड़ी की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है.
कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट
इस विषय में एसडीएम हरिशंकर पैकरा ने बताया कि वेयरहाउस की जांच की गई थी. अलग-अलग टीमों का गठन किया गया थ. कई स्थानों पर चावल में कंकड़ और टूटे चावल पाए गए थे. ऐसे में अमानक चावल को वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है. अंतिम प्रतिवेदन भी कलेक्टर को सौंप दिया गया है.