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अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर दीपका पुलिस ने चलाया का जन-जागरण अभियान

दीपका पुलिस ने जन-जागरण अभियान चलाकर लोगों से नशा त्याग कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने की अपील की.

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अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
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Published : Jun 27, 2020, 12:20 AM IST

कोरबा : जिले के दीपका थाना अंतर्गत बजरंग चौक में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर दीपका पुलिस ने जन जागरण अभियान चलाया. इसके अंतर्गत बजरंग चौक दीपका में नुक्कड़ सभा आयोजित कर लोगों को नशा के प्रति जागरूक करते हुए इसे सामाजिक बुराई बताया और इससे दूर रहने की सलाह दी. साथ ही नशा त्याग कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने की अपील की.

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अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

पुलिस के इस अभियान से काफी लोग प्रभावित हुए और नशा छोड़ने का संकल्प लिया. उक्त अभियान जिला पुलिस अधीक्षक कोरबा के निर्देशानुसार आयोजित किया गया. दीपका पुलिस के इस सामाजिक सरोकार की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है.

पढ़ें : इंदिरापुरम: बिलखता रहा 8 महीने का मासूम, मां-बाप ने की आत्महत्या

दीपका पुलिस की ओर से चलाए जा रहे इस नशा विरोधी जन जागरण अभियान के दौरान मुख्य रूप से दीपका थाना टीआई हरीश चंद्र टांडेकर, दीपका के सब इंस्पेक्टर आशीष सिंह, सुरेश जोगी और स्टॉप मौजूद रहे.

नशा करने के कारण

  • सहकर्मी का दबाव (Peer Pressure) - करीब 40 फीसदी बच्चे इसे एक बड़ा कारण मानते हैं.
  • किशोर की जिज्ञासु प्रवृति- हर चीज को अनुभव करने की इच्छा.
  • पारिवारिक एवं सामाजिक माहौल.
  • व्यवहार संबंधी परेशानी.
  • बाल्यावस्था में शारीरिक, भावनात्मक या यौन दुर्व्यवहार.
  • वह बच्चे, जो ड्रग्स की अवैध सप्लाई में ड्रग माफियाओं की ओर से इस्तेमाल किए जाते हैं.
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    अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

नशे का दुष्प्रभाव

  • नशे के सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है और संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे भविष्य में नशे की लत को बढ़ावा मिलता है.
  • नशे से मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और सोचने समझने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • एकाग्रता, स्मृति, व्यक्तित्व और व्यवहार में समस्या.

कोरबा : जिले के दीपका थाना अंतर्गत बजरंग चौक में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर दीपका पुलिस ने जन जागरण अभियान चलाया. इसके अंतर्गत बजरंग चौक दीपका में नुक्कड़ सभा आयोजित कर लोगों को नशा के प्रति जागरूक करते हुए इसे सामाजिक बुराई बताया और इससे दूर रहने की सलाह दी. साथ ही नशा त्याग कर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने की अपील की.

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अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

पुलिस के इस अभियान से काफी लोग प्रभावित हुए और नशा छोड़ने का संकल्प लिया. उक्त अभियान जिला पुलिस अधीक्षक कोरबा के निर्देशानुसार आयोजित किया गया. दीपका पुलिस के इस सामाजिक सरोकार की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है.

पढ़ें : इंदिरापुरम: बिलखता रहा 8 महीने का मासूम, मां-बाप ने की आत्महत्या

दीपका पुलिस की ओर से चलाए जा रहे इस नशा विरोधी जन जागरण अभियान के दौरान मुख्य रूप से दीपका थाना टीआई हरीश चंद्र टांडेकर, दीपका के सब इंस्पेक्टर आशीष सिंह, सुरेश जोगी और स्टॉप मौजूद रहे.

नशा करने के कारण

  • सहकर्मी का दबाव (Peer Pressure) - करीब 40 फीसदी बच्चे इसे एक बड़ा कारण मानते हैं.
  • किशोर की जिज्ञासु प्रवृति- हर चीज को अनुभव करने की इच्छा.
  • पारिवारिक एवं सामाजिक माहौल.
  • व्यवहार संबंधी परेशानी.
  • बाल्यावस्था में शारीरिक, भावनात्मक या यौन दुर्व्यवहार.
  • वह बच्चे, जो ड्रग्स की अवैध सप्लाई में ड्रग माफियाओं की ओर से इस्तेमाल किए जाते हैं.
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नशे का दुष्प्रभाव

  • नशे के सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है और संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे भविष्य में नशे की लत को बढ़ावा मिलता है.
  • नशे से मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और सोचने समझने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • एकाग्रता, स्मृति, व्यक्तित्व और व्यवहार में समस्या.
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