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कोरबा : रेल सुविधाओं में हो रही उपेक्षा से जनता गुस्से में, आंदोलन की तैयारी - छत्तीसगढ़

कोरबावासी रेलवे की बदहाल व्यवस्थाओं से परेशान है. रेल संघर्ष समिति के सदस्यों ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद आंदोलन का बात कही है.

Public anger due to neglect in railway facilities in korba
आंदोलन की तैयारी
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Published : Dec 12, 2019, 11:11 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 11:55 PM IST

कोरबा : रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा की हो रही उपेक्षा के कारण जनता गुस्से में है. रेल संघर्ष समिति के सदस्य, आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं. समिति ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद जंगी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है.

उपेक्षा से जनता गुस्से में

रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा हमेशा उपेक्षित रहा है. कई आंदोलन और मांगों के बाद कोरबा से रायपुर के लिए हसदेव एक्सप्रेस शुरू हुई, लेकिन नियमित अंतरालों पर इसे किसी न किसी कारण से निरस्त कर दिया जाता है.

लोकल डिब्बों में सफर करने को मजबूर यात्री

रहवासियों का कहना है कि यहां एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी की जगह लोकल गाड़ी के डिब्बे लगाकर ट्रेन को कोरबा रवाना कर दिया जाता है. एसी सीट की टिकट खरीदने वाले यात्रियों को कई बार लोकल डिब्बों में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

पढ़ें :सरकारनामा: मंत्री जयसिंह अग्रवाल के एक साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड

सेकंड एंट्री में लटका ताला

रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर सेकंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. यहां टिकट घर भी स्थापित किया गया था, लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों के बाद ही इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. वर्तमान में सेकंड एंट्री के टिकट घर में ताला लटका हुआ है. लोग इस सुविधा से महरूम हैं.

बंद पड़ा है एटीवीएम

यात्री स्वयं टिकट की बुकिंग कर सकें इसके लिए रेलवे स्टेशन में एनी टाइम टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) लगाई गई थी, जिसके जरिए यात्री रुपए अदा कर खुद ही टिकट खरीद सकते थे, लेकिन ये मशीन भी लंबे समय से बंद पड़ी है. वहीं रेल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पढ़ें :राज्य की पहली किन्नर जिसे राष्ट्रीय पार्टी ने दिया है टिकट

पिटलाइन 10 साल से अधूरी

रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों के रखरखाव और मरम्मत के लिए पिटलाइन का निर्माण रेलवे ने लगभग 10 साल पहले शुरू किया था, लेकिन ये अब तक पूरा नहीं हो पाया है. रेलवे के अधिकारी तकनीकी कारण बताकर इसका संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण यात्री ट्रेनों के रखरखाव संबंधी काम कोरबा में नहीं हो पाते. यही कारण है कि नई ट्रेन के सवाल पर रेल अधिकारी रखरखाव का हवाला देते हैं.

पढ़ें :नगर सरकार: कोरबा के मोती सागर पारा वार्ड के लोगों की राय

ट्रेनें हो रही लेट

रेलवे स्टेशन कोरबा से गिनी चुनी यात्री ट्रेनों का ही संचालन होता है, लेकिन अब ये ट्रेनें भी लगातार लेट हो रही हैं, जिसकी वजह से लोग गुस्से में हैं आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.

कोरबा : रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा की हो रही उपेक्षा के कारण जनता गुस्से में है. रेल संघर्ष समिति के सदस्य, आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं. समिति ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद जंगी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है.

उपेक्षा से जनता गुस्से में

रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा हमेशा उपेक्षित रहा है. कई आंदोलन और मांगों के बाद कोरबा से रायपुर के लिए हसदेव एक्सप्रेस शुरू हुई, लेकिन नियमित अंतरालों पर इसे किसी न किसी कारण से निरस्त कर दिया जाता है.

लोकल डिब्बों में सफर करने को मजबूर यात्री

रहवासियों का कहना है कि यहां एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी की जगह लोकल गाड़ी के डिब्बे लगाकर ट्रेन को कोरबा रवाना कर दिया जाता है. एसी सीट की टिकट खरीदने वाले यात्रियों को कई बार लोकल डिब्बों में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

पढ़ें :सरकारनामा: मंत्री जयसिंह अग्रवाल के एक साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड

सेकंड एंट्री में लटका ताला

रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर सेकंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. यहां टिकट घर भी स्थापित किया गया था, लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों के बाद ही इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. वर्तमान में सेकंड एंट्री के टिकट घर में ताला लटका हुआ है. लोग इस सुविधा से महरूम हैं.

बंद पड़ा है एटीवीएम

यात्री स्वयं टिकट की बुकिंग कर सकें इसके लिए रेलवे स्टेशन में एनी टाइम टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) लगाई गई थी, जिसके जरिए यात्री रुपए अदा कर खुद ही टिकट खरीद सकते थे, लेकिन ये मशीन भी लंबे समय से बंद पड़ी है. वहीं रेल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पढ़ें :राज्य की पहली किन्नर जिसे राष्ट्रीय पार्टी ने दिया है टिकट

पिटलाइन 10 साल से अधूरी

रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों के रखरखाव और मरम्मत के लिए पिटलाइन का निर्माण रेलवे ने लगभग 10 साल पहले शुरू किया था, लेकिन ये अब तक पूरा नहीं हो पाया है. रेलवे के अधिकारी तकनीकी कारण बताकर इसका संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण यात्री ट्रेनों के रखरखाव संबंधी काम कोरबा में नहीं हो पाते. यही कारण है कि नई ट्रेन के सवाल पर रेल अधिकारी रखरखाव का हवाला देते हैं.

पढ़ें :नगर सरकार: कोरबा के मोती सागर पारा वार्ड के लोगों की राय

ट्रेनें हो रही लेट

रेलवे स्टेशन कोरबा से गिनी चुनी यात्री ट्रेनों का ही संचालन होता है, लेकिन अब ये ट्रेनें भी लगातार लेट हो रही हैं, जिसकी वजह से लोग गुस्से में हैं आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.

Intro:कोरबा। रेल प्रशासन द्वारा रेल सुविधाओं के मामलों में लगातार की जा रही उपेक्षा के कारण अब लोगों में जन आक्रोश पनप रहा है। रेल संघर्ष समिति के सदस्य आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं। समिति ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद जंगी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है।


Body:रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा सदैव उपेक्षित रहा है। कई आंदोलन व वर्षों की डिमांड के बाद कोरबा से रायपुर तक के लिए हसदेव एक्सप्रेस शुरू हुई। लेकिन नियमित अंतरालों पर इसे किसी ना किसी कारण निरस्त कर दिया जाता है।
हद तो तब हो गई जब एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी की जगह लोकल गाड़ी के डिब्बे लगाकर ट्रेन को कोरबा रवाना कर दिया जाता है। एसी सीट की टिकट खरीदने वाले यात्रियों को कई बार लोकल डिब्बों में सफर करने पर विवश होना पड़ता है।

सेकंड एंट्री में लटका ताला
रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर सेकंड एंट्री की शुरुआत की गई थी। यहां टिकट घर भी स्थापित किया गया था। लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। वर्तमान में सेकंड एंट्री के टिकट घर में ताला लटका हुआ है। लोग इस सुविधा से महरूम हैं।

एटीवीएम भी बंद
यात्री स्वयं टिकट की बुकिंग कर सकें इसके लिए रेलवे स्टेशन में एनी टाइम टिकट वेंडिंग मशीन स्थापित की गई थी। जिसके जरिए यात्री पैसे अदा कर खुद ही टिकट खरीद सकते थे। लेकिन यह मशीन भी लंबे समय से बंद पड़ी है। रेल प्रशासन इसे सुधारने की जहमत नहीं उठाता।

पिटलाइन 10 साल से ज्यादा समय से अधूरी
रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों की रखरखाव व मरम्मत के लिए पिटलाइन का निर्माण रेलवे ने अब से लगभग 10 वर्ष पहले शुरू किया था। यह अब भी अधूरी है रेल के अधिकारी तकनीकी कारण बताकर इसका संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं जिसके कारण यात्री ट्रेनों के रखरखाव संबंधी काम कोरबा में नहीं हो पाते। यही कारण है कि नई ट्रेन के सवाल पर रेल अधिकारी रखरखाव का हवाला देते हैं।


Conclusion:प्रीपेड बूथ भी नहीं हुआ शुरू
रात के समय रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऑटो चालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ता है। इसे रोकने के लिए रेल प्रशासन व यातायात पुलिस ने संयुक्त तौर पर योजना बनाई थी। जिसके तहत रेलवे स्टेशन में ही प्रीपेड बूथ का संचालन किया जाना था। जिससे कि यात्री वाजिब दाम में दूर तक का सफर तय कर सकें, और ऑटो चालकों की मनमानी पर लगाम लग सके। लेकिन यह काम भी अब तक नहीं हो सका।

लगातार ट्रेनें हो रहे लेट
रेलवे स्टेशन कोरबा से गिनी चुनी यात्री ट्रेनों का ही संचालन होता है। लेकिन अब यह ट्रेनें भी लगातार लेट लतीफ चल रहीं हैं। शिवनाथ और यशवंतपुरम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें लेट तो है ही, इन्हें कई बार निरस्त भी किया जाता है।
मरम्मत का काम चाशे किसी भी रेलवे स्टेशन में हो रहा हो, सबसे पहले कोरबा की यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाता है। जिससे लोगों में लगातार आक्रोश है।

वाइट
1. प्रेम मदान, सदस्य रेल संघर्ष समिति-बिना बाल वाले
2. रामकिशन अग्रवाल, अध्यक्ष, रेल संघर्ष समिति- सबसे वृद्ध व्यक्ति
3. मनोज अग्रवाल, सदस्य रेल संघर्ष समिति चेक शर्ट में
Last Updated : Dec 12, 2019, 11:55 PM IST
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