कोरबा : रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा की हो रही उपेक्षा के कारण जनता गुस्से में है. रेल संघर्ष समिति के सदस्य, आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं. समिति ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद जंगी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है.
रेल सुविधाओं के मामलों में कोरबा हमेशा उपेक्षित रहा है. कई आंदोलन और मांगों के बाद कोरबा से रायपुर के लिए हसदेव एक्सप्रेस शुरू हुई, लेकिन नियमित अंतरालों पर इसे किसी न किसी कारण से निरस्त कर दिया जाता है.
लोकल डिब्बों में सफर करने को मजबूर यात्री
रहवासियों का कहना है कि यहां एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी की जगह लोकल गाड़ी के डिब्बे लगाकर ट्रेन को कोरबा रवाना कर दिया जाता है. एसी सीट की टिकट खरीदने वाले यात्रियों को कई बार लोकल डिब्बों में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
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सेकंड एंट्री में लटका ताला
रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर सेकंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. यहां टिकट घर भी स्थापित किया गया था, लेकिन शुरुआत के कुछ महीनों के बाद ही इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. वर्तमान में सेकंड एंट्री के टिकट घर में ताला लटका हुआ है. लोग इस सुविधा से महरूम हैं.
बंद पड़ा है एटीवीएम
यात्री स्वयं टिकट की बुकिंग कर सकें इसके लिए रेलवे स्टेशन में एनी टाइम टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) लगाई गई थी, जिसके जरिए यात्री रुपए अदा कर खुद ही टिकट खरीद सकते थे, लेकिन ये मशीन भी लंबे समय से बंद पड़ी है. वहीं रेल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
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पिटलाइन 10 साल से अधूरी
रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों के रखरखाव और मरम्मत के लिए पिटलाइन का निर्माण रेलवे ने लगभग 10 साल पहले शुरू किया था, लेकिन ये अब तक पूरा नहीं हो पाया है. रेलवे के अधिकारी तकनीकी कारण बताकर इसका संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण यात्री ट्रेनों के रखरखाव संबंधी काम कोरबा में नहीं हो पाते. यही कारण है कि नई ट्रेन के सवाल पर रेल अधिकारी रखरखाव का हवाला देते हैं.
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ट्रेनें हो रही लेट
रेलवे स्टेशन कोरबा से गिनी चुनी यात्री ट्रेनों का ही संचालन होता है, लेकिन अब ये ट्रेनें भी लगातार लेट हो रही हैं, जिसकी वजह से लोग गुस्से में हैं आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.