कोरबा: सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. प्रदर्शन के 15 दिन पूरे होने पर भी सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं मिला है. इस बीच हड़ताली सचिवों ने भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदेश और केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कराने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव को मिली हुई है. यह वर्ग खुद को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग लंबे समय से कर रहा है. बार-बार आश्वासन जरूर मिला, लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया, इस बार पंचायत सचिव ने इसी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. एक पखवाड़ा पूरा होने पर भी सरकार ने इस मांग को लेकर किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई.
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12 जनवरी से करेंगे भूख हड़ताल
कोरबा में तानसेन चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिवों ने सोमवार को भैंस के सामने बीन बजाई. इसके जरिए यह बताने का प्रयास किया गया कि अकर्मण्य लोगों के सामने चाहे कुछ भी बोल लो असर होता ही नहीं है. पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष धरमलाल भारद्वाज ने बताया कि उनके प्रदर्शन को 15 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. उनका कहना है कि अब वे 12 जनवरी से वह भूख हड़ताल करेंगे.
पहले भी कर चुके हैं प्रदर्शन
इससे पहले पंचायत सचिवों ने अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया है और सरकार के पास अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की गई है. पंचायत सचिव का कहना है कि जब दूसरे कर्मचारियों की मांगों को सरकार सुन सकती है, उनके लिए फंड उपलब्ध करा सकती है, तो पंचायत सचिव की मांगों के प्रति इतनी बेरुखी क्यों.